Amethi or Rae Bareli
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Amethi or Rae Bareli: आज यानी शुक्रवार को कांग्रेस ने सुबह-सुबह अमेठी और रायबरेली को लेकर बहुत बड़े फैसले लिए हैं। इस फैसले ने अमेठी और रायबरेली को एक नया मोड़ दिया है। राहुल गांधी जिनके अमेठी को वापस जीतने के लिए हर संभव प्रयास करने की उम्मीद की जा रही थी। उन्हें अब रायबरेली से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया गया है। यह सीट हाल ही में उनकी मां सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद खाली हुई थी। 5 साल पहले जिसे गांधी परिवार का गढ़ कहा जा रहा था भाजपा में चला गया था। अब उसी सीट से कांग्रेस के प्रतिनिधित्व किशोरी लाल शर्मा करेंगे, जो लंबे समय से गांधी परिवार के वफादार रहे हैं।

Amethi or Rae Bareli सीट-

प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी राज़ी नहीं कर पाई। बहुत हफ्तों के सस्पेंस के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने इस फैसले की घोषणा कर दी है। दोनों उम्मीदवार आज अपना पर्चा दाखिल करने वाले हैं। 20 मई को पांचवे चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है। आज राहुल गांधी रायबरेली में अपना नामांकन दाखिल करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले राहुल गांधी एक रोड शो भी करने वाले हैं। दोनों ही प्रतिष्ठित सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के तुरंत बाद सुश्री वाड्रा ने शर्मा को बधाई दी और कहा कि उनकी वफादारी और समर्पण उन्हें चुनाव जीतने में मदद करेगी।

किशोरी लाल शर्मा-

उन्होंने कहा कि किशोरी लाल शर्मा जी के साथ हमारे परिवार का बहुत पुराना नाता है। जन सेवा के प्रति उनका जुनून अपने आप में ही एक मिसाल है। आज खुशी की बात है कि कांग्रेस पार्टी ने श्री किशोरी लाल जी को अमेठी से उम्मीदवार बना दिया है। किशोरी लाल जी के कर्तव्य के प्रति निष्ठा और समर्थन होने समर्पण, उन्हें एक चुनाव में निश्चित रूप से सफलता दिलाएगी। बस चिंता यह है कि केंद्रीय स्मृति ईरानी को 2019 में अमेठी से जीत को देखते हुए, राहुल गांधी की सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है।

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रायबरेली और वायानाड-

वरिष्ठ भाजपा नेता अपनी सीट बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सोनिया गांधी पहले से ही राज्यसभा में हैं और राहुल गांधी केरल के वायनाड से चुनाव लड़ चुके हैं। वही रायबरेली और वायानाड दोनों में ही श्री गांधी जी की जीत पार्टी के लिए एक पहेली बन सकती है। क्योंकि उन दोनों सीटों में से एक को खाली करना होगा, जिन पर उनका बराबर का दावा है। अगर रायबरेली गांधी का पारिवारिक गढ़ माना जाता है, तो वायानाड कांग्रेस का गढ़ है। जिसने उन्हें तब लोकसभा भेजा, जब अमेठी में उनकी हार हुई थी।

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