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    Shivling Puja Vidhi
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    Shivling Puja Vidhi: शिवलिंग पर भूलकर भी ये चीज़ें ना करें अर्पित

    Last Updated: 18 दिसम्बर 2023

    Author: sumit

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    Shivling Puja Vidhi: शास्त्रों के मुताबिक हर सोमवार के दिन शिव का जल अभिषेक करने से दोष, रोग और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिष पंचांग के मुताबिक शास्त्रों में भगवान शिव की उपासना के लिए कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिसका पालन करने से व्यक्ति को लाभ होता है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि शिव की उपासना करते समय आपको क्या अर्पित नहीं करना चाहिए।इससे आपको आपकी पूजा का फल नहीं मिलता, आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

    केतकी का फूल और हल्दी-

    शास्त्रों के मुताबिक, भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए, ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को सिर्फ सफेद श्वेत रंग का ही पुष्प अर्पित करना चाहिए। भगवान शिव को हल्दी चढ़ाने की भी मनाही है, क्योंकि हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे सौंदर्य का भी प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर स्त्री से संबंधित वस्तु को अर्पित नहीं किया जाता। सिंदूर, कुमकुम, रोली को भी शिवलिंग पर नहीं अर्पित करना चाहिए। यह सौंदर्य और सुहाग का प्रतीक है इसलिए शिवलिंग पर स्त्री तत्व नहीं अर्पित किया जा सकता। ऐसा करने से भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं।

    तुलसी का पत्ता भी नहीं चढ़ाना चाहिए-

    भगवान शिव को तुलसी का पत्ता भी नहीं चढ़ाना चाहिए, यह भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। भगवान शिव को नारियल या फिर नारियल का पानी भी नहीं चढ़ाया जाता ऐसा इसीलिए. क्योंकि नारियल को लक्ष्मी माता का स्वरूप माना जाता है। इन सब के अलावा अक्षत यानि कि शिवलिंग पर टूटे हुए चावलों को भी नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है इससे शिवजी नाराज हो सकते हैं। भगवान शिव की पूजा करते समय लाल फूल अर्पित नहीं करने चाहिए और कनेर, कमल कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। भोलेनाथ को सफेद रंग के फूल चढ़ाए जा सकते हैं।

    रुद्राभिषेक से भगवान शिव को किया जा सकता प्रसन्न-

    इसके अलावा भगवान शिव को रुद्राभिषेक से प्रसन्न किया जा सकता है, इसे करना बहुत ही आसान होता है। लेकिन इसके साथ ही कई चीजों को ध्यान रखना भी जरूरी है, अभिषेक करते समय भगवान शिव का जाप करना चाहिए। शिव को पहले जल से स्नान करवा, उसके बाद पाठ पढ़ा जाता है और जलधारा के माध्यम से ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए शिवलिंग पर पहले जल और फिर दूध चढ़ाया जाता है। उसके बाद शिवलिंग को दही से स्नान करवाया जाता है। फिर बाद में घी और शहद से शिवलिंग को अच्छी तरह से स्नान करवाने के बाद साफ जल चढ़ाया जाता है।

    रुद्राभिषेक की विधी-

    शिवलिंग को नहलाने के बाद पान के पत्ते, सफेद फूल, भांग और धतूरा आदि से उनका श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद चंदन को घिसकर शिवलिंग पर त्रिवेंद्र बनाया जाता है। शिवलिंग को साफ करके सफेद और सूती कपड़े पहनाए जाते हैं और रोली से शिवलिंग और मां पार्वती को बंधन किया जाता है। शिवजी को तैयार करने के बाद भगवान गणेश, नंदी, मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय को भी जल अर्पित कर श्रृंगार करवाया जाता है।

    लॉन्ग चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न-

    भगवान को फल का भोग लगता है और फिर उनकी आरती के बाद रुद्राभिषेक संपन्न हो जाता है। इसके साथ ही शिवलिंग पर लॉन्ग चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान शिव की शक्तियों का प्रतीक लॉन्ग को माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक लॉन्ग को ऊर्जा का वाहक कहा जाता है। इसीलिए लॉन्ग के उपाय करने से आपके रुके हुए काम फिर से शुरू हो जाते हैं और आपके घर में सुख समृद्धि का वास होता है, नकारात्मकता समाप्त हो जाती है। भगवान शिव की कृपा आप पर बनती है और कष्ट टल जाते हैं।

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    मां पार्वती की शक्ति का भी प्रतीक-

    इसके साथ ही इलायची को मां पार्वती की शक्ति का भी प्रतीक माना जाता है, भगवान शिव को अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है. इसलिए जब आप मां पार्वती की शक्ति की प्रतीक इलायची अर्पण करते हैं तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। इससे आपके कार्यों में आ रही अड़चने और नौकरी में असफलता दूर हो जाती है। इसके अलावा आपकी आय में भी वृद्धि होती है और दरिद्रता दूर हो जाती है। रुद्राभिषेक के दौरान भगवान शिव को सुपारी चढ़ाने का बड़ा महत्व माना जाता है, पूजा में पान सुपारी भी अर्पित की जाती है। ऐसा माना जाता है की सुपारी चढ़ाने से भगवान शिव आपके जीवन में तमाम दुखों को हर लेते हैं। धन की हानि. बिगड़े हुए काम रूके हुए कामों को बनाने के लिए शिवलिंग पर सुपारी चढ़ानी चाहिए, यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा देता है।

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    पान के पत्ते-

    पान के पत्तों में देवी देवताओं का वास माना जाता है और इसीलिए पूजा में विविधिवत रूप से इसे शामिल किया जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल धार्मिक तौर पर महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवार को पान के पत्ते को साफ करके इसमें चंदन का तिलक लगाकर, अगर आप शिवलिंग पर अर्पित करते हैं तो इसका पूरा फायदा आपको मिलता है। कहा जाता है कि भगवान शिव की कृपा अगर आपके ऊपर है तो आपके जीवन में किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होती। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए और उन्हें खुश करने के लिए आप भी ऐसा कर सकते हैं।