Tejashwi Yadav
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Tejashwi Yadav: बिहार में सियासी हलचल तेज होती जा रही है और प्लोर टेस्ट से पहले ही राजनीतिक गहमागामी के बीच तेजस्वी यादव के आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हो चुकी है। ऐसा कहा जा रहा है कि पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मौके पर पटना एसडीएम समेत बहुत से पुलिस अधिकारी मौजूद है। वहीं पुलिस से इसे लेकर जब सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा की कार्यवाही हो जाने दीजिए उसके बाद ही कोई बात बताएंगे। इधर पुलिस प्रशासन की टीम के पहुंचने की खबर तेजस्वी यादव के पास पहुंची, तो आरजेडी एमएल सुनील सिंह और शक्ति यादव के साथ आवास के बाहर आए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात की। लेकिन क्या बात हुई इसके बारे में कोई जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

तेजस्वी यादव के आवास के बाहर डेडीकेटिंग-

बाद में पुलिस प्रशासन की टीम Tejashwi Yadav के आवास के बाहर डेडीकेटिंग कर दी और मौके पर संख्या भारी संख्या बल को तैनात कर दिया है। भारी संख्या में पुलिस बल को देखते हुए RJD कार्यकर्ता नाराज हो गए हैं। वहीं मौके पर नारेबाजी भी हो रही है। कार्यकर्ता लालू यादव जिंदाबाद, तेजस्वी यादव जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पुलिस के पहुंचने से पहले RJD कार्यकर्ता बहुत खुश थे। लेकिन जब बड़ी संख्या में पुलिस की टीम पहुंची तो वह सब नाराज हो गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। अब सवाल यह उठ रहा है कि सियासी गहमागहमी के बीच में अब पटना पुलिस की टीम तेजस्वी यादव के घर क्यों पहुंची है। फिलहाल इस सवाल का जवाब देने के लिए कोई तैयार भी नहीं है।

RJD विधायकों के परिजनों की शिकायत-

ऐसा कहा जा रहा है कि RJD विधायकों के परिजनों की शिकायत पर पुलिस वहां पहुंची है। पुलिस से शिकायत की गई कि तेजस्वी यादव ने जबरदस्ती अपने आवास में विधायकों को बंदी बना रखा है। चेतन आनंद के छोटे भाई ने पटना पुलिस से शिकायत की थी कि तेजस्वी यादव ने उनके बड़े भाई चेतन आनंद को हाउस अरेस्ट किया हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार की बैठक के बाद ही RJD के तमाम विधायकों को तेजस्वी यादव के आवास में ही रखा गया है। RJD और बीजेपी के नेता को नजर बंद करने का आरोप लगाया जा रहा है। RJD विधायक शनिवार से ही तेजस्वी यादव के आवास में रुके हुए।

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बिहार विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या-

ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 243 है और सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए। एनडीए के पास उनके 128 विधायकों विधायक मौजूद है जिसमें कि भाजपा के 78 जदयू के 45 और 4 अन्य निर्दलीय शामिल हैं। जबकि JDU विधायक दल की बैठक में पांच विधायक मौजूद नहीं थे। वहीं भाजपा की बैठक में तीन विधायक नहीं थे। एनडीए के 128 में 8 विधायक अगर एनडीए के साथ नहीं है तो संख्या 120 हो जाती है, जो की नीतिश सरकार को संकट में डाल सकती है। अब ऐसे में दूसरी ओर राजनीतिक वाले महागठबंधन के पास 114 विधायक को मौजूद है जिसमें से RJD के 69, कांग्रेस के 19 और अन्य दलों के 16 विधायक मौजूद हैं।

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