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    Himachal Pradesh
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    Himachal Pradesh में BJP के 15 विधायकों के निलंबित होने से कैसी स्थिति..

    Last Updated: 28 फ़रवरी 2024

    Author: sumit

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    Himachal Pradesh: बुधवार को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका लगा। जब विक्रमादित्य सिंह ने घोषणा की कि वह मंत्री परिषद से इस्तीफा दे देंगे। कांग्रेस के राज्य इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि पार्टी अपने विधायकों की चिताओं को नजरअंदाज कर रही है और उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। यह घोषणा राज्य में राज्यसभा चुनाव के दौरान भारी ड्रामा देखने के बाद आई। कांग्रेस के 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की, जिससे पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंह जी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

    Himachal Pradesh में कांग्रेस ने सदन का विश्वास खो दिया-

    राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर समेत बागी विधायकों ने कल रात भाजपा शासित हरियाणा के पंचकूला के एक होटल में बीताई और सुबह शिमला के लिए रवाना हो गए। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस ने सदन का विश्वास खो दिया और सुक्खी के स्थिति की मांग की‌। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस आशंका के बीच राज्य पाल से हस्तक्षेप की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष उसके विधायकों को निलंबित कर सकते हैं या राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।

    मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार-

    ठाकुर ने सुबह संवाददाताओं से कहा कि हमें आशंका है कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं। जिससे बजट विधानसभा में पारित हो सके। इसके तुरंत बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को अपने कार्यकाल के बाद मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार करने और सदन में अव्यवस्था पैदा करने के लिए ठाकुर समेत 15 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया। ठाकुर के अलावा निलंबित विधायकों में विपिन परमार, विनोद कुमार, हंसराज जनक, बालवीर वर्मा, दीप राज, त्रिलोक, जामवाल, ठाकुर इंद्र सिंह, सुरेंद्र, दिलीप ठाकुर, रणधीर शर्मा भी शामिल है। आज विधानसभा में बजट पारित करने का प्रस्ताव रखा जाना है।

    साधारण बहुमत की जरूरत-

    प्रस्ताव पारित करने के लिए जरूरी वोटो की संख्या प्रस्ताव के दौरान उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों की कुल संख्या पर निर्भर करेगी। आमतौर पर प्रस्ताव को पारित होने के लिए साधारण बहुमत की जरूरत होती है। जिसका मतलब यह है कि अगर उपस्थिति और मतदान करने वाले आधे से ज्यादा सदस्य प्रस्ताव का समर्थन करते हैं, तो यह पारित हो जाएगा। अगर बजट पारित नहीं होता है तो तकनीकी रूप से इसका मतलब यह है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है।

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    68 सदस्य हिमाचल प्रदेश-

    68 सदस्य हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हैं 40 कांग्रेस के विधायक, 25 भाजपा विधायक और तीन निर्दलीय विधायक हैं। हालांकि 6 कांग्रेस विधायकों के विद्रोह ने सबसे पुरानी पार्टी को परेशान कर दिया है, जो कि सिर्फ तीन राज्यों में अपने दम पर सत्ता में है। 15 भाजपा विधायकों के निलंबन ने हिमाचल प्रदेश में चल रहे नाटक में ट्विस्ट जोड़ दिया। क्योंकि इससे सदन की प्रभावी ताकत 53 हो गई। अगर प्रस्ताव पर मतदान के दौरान यह विधायक निलंबित रहते हैं, तो कांग्रेस को बजट पारित करने के लिए 27 वोटो की जरूरत होगी।

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