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    Chang'e-6
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    Chang’e-6: चीन के साथ पाकिस्तान ने लॉन्च किया मून मिशन, जानें डिटेल

    Last Updated: 3 मई 2024

    Author: sumit

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    Chang'e-6: शुक्रवार को चीन ने अपने मून मिशन की शुरुआत की है और इस मिशन के माध्यम से चीन चांद के सबसे दूर और अंधेरे में रहने वाले हिस्से पर पहुंचकर वहां से पहली बार मिट्टी के नमूने एकत्रित करने के लिए गया है। उसके साथ ही वह वैज्ञानिक अध्ययन के लिए पृथ्वी पर उसे मिट्टी को लेकर आएगा। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन में के चांद की 6 मिशन की शुरुआत की है।

    चीन की स्पेस एजेंसी का कहना है कि चंद्रमा की सबसे दूर वाले हिस्से के नमूने एकत्रित करने और फिर उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने का काम चांद पर खोज करने के इतिहास में अपने पहले प्रयास होगा। इस मिशन में उसका दोस्त पाकिस्तान भी जुड़ा हुआ है। अब सवाल यह सवाल उठना लाजिमी है की जिससे पाकिस्तान कैसे जुड़ा हुआ है आईए जानते हैं-

    Chang'e-6 में चार घटक शामिल-

    चीन के इस मिशन को लांग मार्च-5 Y8 रॉकेट की मदद से लांच किया गया है। चीन की दक्षिणी प्रांत हैनान के तट पर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, Chang'e-6 में चार घटकों को शामिल किया गया है। एक एसेंडर, एक लैंडर, एक ऑर्बिटर, और एक री एंट्री मॉड्यूल शामिल है।

    मिशन चंद्रमा क्यों-

    ऐसा कहा जा रहा है कि चीन का मून मिशन Chang'e-6 चंद्रमा पर चट्टानों और उसकी धूल को कलेक्ट करेगा। इसके साथ ही वह उसके नमूनों को चांद की कक्षा में मॉड्यूल में स्थानांतरित करने के लिए ले जाएगा। इसकी मदद से उसे वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा। फ्रांस इटली और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और स्वीडन के वैज्ञानिक उपकरण चांग ई-6 मिशन के कैलेंडर पर है। इसके साथ ही ऑर्बिटल पर पाकिस्तानी का पेलोड भी है।

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    पाकिस्तान कैसे शामिल-

    पाकिस्तान ने चीन के मिशन के माध्यम से अपने छोटे से चंद्र मिशन का नाम ए क्यूब कमर रखा है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चीन ने अतीत में चंद्रमा पर मानव रहित मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। जिसमें एक रोवर को उतरना भी शामिल था। चीन ने‌ मंगल ग्रह पर भी एक रोवर भेजा है। इससे पहले चीन ने साल 2030 तक चंद्रमा के मानव के लैंडिंग योजना की घोषणा की थी। भारत पिछले साल चंद्रयान 3 की मदद से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना था।

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