ChatGPT Adult Mode
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    ChatGPT Adult Mode: OpenAI ने आज एक बड़ा ऐलान करते हुए ChatGPT 5.2 को रोलआउट कर दिया है। यह कंपनी में कोड रेड घोषित होने के बाद का पहला मॉडल है। इसी के साथ OpenAI की CEO ऑफ एप्लीकेशंस फिदजी सिमो ने मीडिया को बताया, कि ChatGPT का अडल्ट मोड 2026 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा। यह खबर टेक्नोलॉजी की दुनिया में काफी चर्चा का विषय बन गई है, लेकिन सवाल यह है, कि क्या लोग इसके लिए वाकई में तैयार हैं?

    सैम ऑल्टमैन का पुराना वादा अब होगा पूरा-

    OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने 2025 में ही अडल्ट मोड का वादा किया था। लेकिन यूजर्स में मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के बढ़ते मामलों की वजह से इस मोड को लॉन्च करने की योजना को टाल दिया गया था। कंपनी को यह समझ में आ गया था, कि बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के इस तरह के फीचर को लॉन्च करना खतरनाक हो सकता है।

    अब नया अडल्ट मोड एज एस्टीमेशन फीचर पर काम करेगा। फिलहाल, ChatGPT के युवा यूजर्स एज-गेटेड सिस्टम के तहत पेरेंटल कंट्रोल में प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। The Verge की रिपोर्ट के मुताबिक, OpenAI अभी भी एज वेरिफिकेशन फीचर की टेस्टिंग कर रही है। कंपनी का फोकस यह सुनिश्चित करने पर है, कि सिस्टम इतना एक्यूरेट हो, कि वह किसी अडल्ट या टीनएजर की पहचान में गलती न करे।

    मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर-

    इस साल ChatGPT कई विवादों में घिर गया था। कुछ मुकदमों में यह आरोप लगाया गया, कि AI बॉट ने लोगों के आत्महत्या और हत्या जैसे विचारों को वैलिडेट किया। इन केसेस में टीनएजर्स और अडल्ट्स दोनों शामिल थे। जब लोग AI बॉट की वैलिडेशन और असल जिंदगी के बीच का फर्क नहीं समझ पा रहे हैं, तो अडल्ट बॉट का आना काफी चिंताजनक हो सकता है।

    सबसे बड़ी समस्या एडिक्टिव बिहेवियर यानी लत की है। मान लीजिए कोई व्यक्ति इस बॉट का आदी हो जाता है और फिर वह मानसिक रूप से यह स्वीकार नहीं कर पाता, कि असल दुनिया में भी बातचीत हो सकती है। यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। लोगों का सोशल लाइफ से कटना और वर्चुअल दुनिया में खो जाना एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

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    आगे का रास्ता-

    यह देखना दिलचस्प होगा, कि सैम ऑल्टमैन और OpenAI अडल्ट मोड के रोलआउट के समय कैसी नैरेटिव बनाते हैं। क्या वे यूजर्स की सेफ्टी और मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता देंगे? क्या एज वेरिफिकेशन सिस्टम वाकई में इतना मजबूत होगा? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। एक बात तो तय है, कि टेक्नोलॉजी के साथ-साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है। OpenAI को यह सुनिश्चित करना होगा. कि नई टेक्नोलॉजी समाज के लिए फायदेमंद साबित हो, न कि नुकसानदेह।

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