Uttarakhand Flash Flood: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में प्रकृति ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। हर्षिल क्षेत्र में मंगलवार रात बादल फटने से खीर गंगा नदी के किनारे अचानक आई भीषण बाढ़ ने पूरे इलाके को तबाह कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 50 से 60 लोग लापता हैं, जिसमें भारतीय सेना के 10 अधिकारी भी शामिल हैं।
आधुनिक तकनीक से बचाव अभियान-
केंद्र सरकार ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की है और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम को RECCO रडार के साथ भेजा है। यह एक खास तकनीक है, जो मलबे के नीचे दबे लोगों का पता लगाने में मदद करती है। एक सेना अधिकारी ने बुधवार को बताया, “तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम RECCO रडार के साथ रास्ते में है, जो मलबे के नीचे जीवन का पता लगाने में ज्यादा कारगर है। यहां कुछ जगहों पर मिट्टी का मलबा 10 से 20 फुट तक गहरा है। नागरिक हेलीपैड तो नष्ट हो गया है, लेकिन सेना का हेलीपैड बरकरार है। इसका उपयोग अतिरिक्त सहायता और बचाव कार्यों के लिए जरूरी उपकरण लाने में किया जा रहा है।”
Cloud burst leading to flash floods in Uttar Kashi village Dharali is painful to watch. Homes & ppl swept away; buried under debris. ~9 army jawans missing. ~60+ feared dead. Need to declutter unregulated housing on hills & regulate deforestation. Look @ the mess Shimla hs become pic.twitter.com/tasZLtR08s
— R Ramnath (@ramnath_r) August 6, 2025
गंगोत्री में फंसे तीर्थयात्रियों का बचाव-
बुधवार सुबह सेना के अधिकारियों की एक और टीम गंगोत्री में फंसे तीर्थयात्रियों के बचाव के लिए तैनात की गई है। यह टीम आधुनिक ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए फंसे लोगों तक राहत सामग्री, दवाइयां और खाना पहुंचा रही है। 14 राजपूताना राइफल्स की टीम ने बुधवार सुबह हर्षिल और धराली गांव के बीच सड़क को खोल दिया है, जो मंगलवार को भूस्खलन के कारण बंद हो गई थी। धराली गांव से घायल लोगों को हर्षिल में सेना और ITBP की मेडिकल जांच कमरों में लाया जा रहा है। यह कार्य दिन-रात चलाया जा रहा है, ताकि किसी भी व्यक्ति की जान न जाए।
सेना के जवान भी बने आपदा के शिकार-
सबसे दुखद बात इस दुर्घटना में यह है, कि इसके शिकार वह लोग भी बने हैं, जो हमेशा दूसरों की रक्षा करते हैं। 10 सेना कर्मी, जिसमें एक जूनियर कमीशंड अधिकारी भी शामिल है, अपने लोअर हर्षिल के कैंप में थे, जब मंगलवार को अचानक बाढ़ आई। सेना अधिकारी ने बताया, “जिला प्रशासन ने सेना, इंडो-तिब्बतन सीमा पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बचावकर्ताओं को बताया, कि लगभग 20 स्थानीय लोग, हर्षिल शहर की दुकानों और होटलों में काम करने वाले 25-30 बाहरी लोग और पर्यटक अभी भी लापता हैं।”
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मृतकों की संख्या बढ़ने का डर-
ITBP ने बताया, कि बुधवार सुबह हर्षिल थाना के पास धराली गांव में पांचवां शव मिला है। यह संख्या आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है। क्योंकि अभी भी बहुत से लोग लापता हैं। सेना और बचाव दल चार स्थानों पर काम कर रहे हैं। धराली गांव, लोअर हर्षिल, धराली के उत्तर में और गंगोत्री में। हर स्थान पर अलग-अलग चुनौतियां हैं, लेकिन बचाव दल पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। इस त्रासदी ने एक बार फिर दिखाया है, कि हमें पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था करनी होगी। साथ ही यह भी दिखाता है, कि हमारी सेना और बचाव दल कितनी बहादुरी और समर्पण से अपना काम करते हैं।
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