RBI Governor: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए, देशवासियों को राहत की सांस दिलाई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है, कि अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए शुल्क से हमारी अर्थव्यवस्था पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। मल्होत्रा जी का कहना है, “हमें अमेरिकी शुल्क का कोई बड़ा प्रभाव नजर नहीं आ रहा, बशर्ते कि कोई जवाबी कार्रवाई न की जाए।” यह बयान ऐसे समय आया है, जब पूरी दुनिया भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक विवाद को लेकर चिंतित है।
ट्रंप की धमकी-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त को एक नया कानूनी आदेश पारित किया था, जिसका नाम है ‘आगे और भी शुल्क दरों में बदलाव’। इस आदेश के तहत साठ से ज्यादा देशों पर शुल्क बढ़ाया गया है और भारत पर भी 25 फीसदी का भारी शुल्क लगाया गया है। लेकिन ट्रंप का मानना है, कि यह केवल शुरुआत है। मंगलवार को अपनी पुरानी चेतावनी को दोहराते हुए ट्रंप ने ऐलान किया, कि वे अगले 24 घंटों में भारतीय सामान पर शुल्क को और भी बढ़ाने वाले हैं। एक टेलीविजन चैनल के साथ फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत एक अच्छा व्यापारिक साझीदार नहीं रहा है, क्योंकि वे हमारे साथ बहुत कारोबार करते हैं, लेकिन हम उनके साथ उतना व्यापार नहीं करते। इसलिए हमने 25 फीसदी तय किया था, लेकिन मुझे लगता है, कि मैं अगले 24 घंटों में इस दर को काफी ज्यादा बढ़ाने वाला हूं।”
रूसी तेल का मसला बना विवाद की जड़-
ट्रंप की नाराजगी का एक मुख्य कारण भारत द्वारा रूसी तेल की खरीदारी भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है, “वे रूसी तेल खरीद रहे हैं और युद्ध की मशीन को ईंधन दे रहे हैं और अगर वह ऐसा करते रहेंगे, तो मैं बिल्कुल खुश नहीं होऊंगा।” यह बयान दिखाता है, कि अमेरिका किस तरह से भारत की ऊर्जा सुरक्षा की नीतियों पर सवाल उठा रहा है और राजनीतिक तनाव को व्यापार के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहा है।
भारत की मजबूती और उम्मीदों भरा भविष्य-
इन सभी चुनौतियों के बावजूद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर काफी आशावादी नजर आ रहे हैं। उन्होंने विश्वास के साथ कहा है, “मध्यम अवधि में बदलती दुनिया के क्रम में भारतीय अर्थव्यवस्था के चमकदार अवसर हैं, जो इसकी प्राकृतिक ताकत पर आधारित हैं।” यह बयान साफ तौर पर दिखाता है, कि भारत अपनी आंतरिक मजबूती और विविधता से भरी अर्थव्यवस्था की वजह से इन बाहरी दबावों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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सरकार की दृढ़ प्रतिक्रिया-
विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और नई दिल्ली को निशाना बनाने को “गैर वाजिब और अनुचित” करार दिया है। मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा है, “भारत भी अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह सभी आवश्यक कदम उठाएगा।” भारत इन धमकियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है और अपनी स्वतंत्र नीति पर कायम रहेगा, यह रुख दिखाता है।
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