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    Ganga Expressway
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    Ganga Expressway से महज़ 5 घंटे में पहुचेंगे मेरठ से प्रयागराज, जानें डिटेल

    Last Updated: 3 जनवरी 2024

    Author: sumit

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    Ganga Expressway: जल्द ही भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे यानी की Ganga Expressway इस साल के आखिर तक पूरा होने वाला है। उत्तर प्रदेश राज्य ने डेवलपर्स से दिसंबर तक इसे चालू करने के लिए सक्षम बनाने में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं। Ganga Expressway जो कि अपने पहले चरण में 594 किलोमीटर लंबा होगा। फिलहाल ट्रेन के ज़रिए मेरठ से प्रयागराज जाने में 13 घंचे 30 मिनट का समय लगता है। लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद लोगों मेरठ से प्रयागराज जाने में महज़ 5 घंटे का समय लगेगा।

    यह यूपी के मेरठ और राज्य की पश्चिमी हिस्से को प्रयागराज से जोड़ेगा। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में कुंभ मेले के दौरान इसके निर्माण की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तब यह चाहते हैं कि एक्सप्रेसवे अगले साल जनवरी में आने वाले महाकुंभ के त्यौहार तक पूरा हो जाए। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे उद्योग विकास प्राधिकरण को 31 दिसंबर तक Ganga Expressway को चालू करने के लिए समय पर काम करने के आदेश दिए गए हैं।

    Ganga Expressway भारत का तीसरा सबसे लंबा-

    एक बार इसके पूरा होने के बाद यह एक्सप्रेसवे तीसरा सबसे लंबा छह लेन एक्सप्रेसवे बन जाएगा। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी। इस एक्सप्रेसवे की डिजाइन गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गई है। जबकि इसकी यात्रा की गति 100 किमी प्रति घंटा है। उम्मीद है कि प्रयागराज और मेरठ के बीच यात्रा का समय लगभग 5 घंटे कम हो जाएगा। उसकी लंबाई के हिसाब से Ganga Expressway भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनेगा। भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेस के बारे में बात कि जाए तो दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे सबसे लंबा है, जिसकी लंबाई 1,350 किलोमीटर से भी ज्यादा है। भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे है जो की 700 किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा लंबा है।

    518 गांव और 12 जिलों से होकर गुजरने वाला है-

    वर्तमान में भारत के शीर्ष 10 एक्सप्रेसवे में से चार उत्तर प्रदेश में मौजूद है और गंगा एक्सप्रेसवे इस लिस्ट में पांचवा स्थान जोड़ देगा। गंगा एक्सप्रेसवे 518 गांव और 12 जिलों से होकर गुजरने वाला है। यह मेरठ बुलंदशहर राजमार्ग पर बिजौली गांव से शुरू होगा और प्रयागराज में NH19 पर जुदापुर दादू गांव के पास खत्म हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे उतरने वाले बड़े विमान को संभालने में भी सक्षम होगा। शाहजहांपुर में 3.50 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण होना है। इसमें रामगंगा और गंगा नदियों पर दो बड़े पुल तैयार किए जाएंगे। गंगा एक्सप्रेसवे एक अनूठा पहलू है, यह लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बलियालिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से राज्य के अन्य एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा।

    Ganga Expressway शुरुआत में 6 लेन-

    एक बार इसके पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का कुल नेटवर्क 1900 किलोमीटर का हो जाएगा। औद्योगिक कृषि विकास को यह गति प्रदान करेगा और अलग-अलग क्षेत्र में निवेश आकर्षित करेगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरुआत में 6 लेन का होगा। लेकिन आगे चलकर इसे और बढ़ाया जाएगा। इसका डिजाइन कई स्थान परिसरों को विकसित करेगा। वहीं दो स्थानों पर मुख्य टोल प्लाजा होंगे। जबकि टोल प्लाजा 15 स्थान पर प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा गंगा नदी पर और राम गंगा नदी जैसे बड़े सेतु का निर्माण भी होना है।

    यही नहीं शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किलोमीटर लंबे हवाई पट्टी का भी निर्माण किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली से बिहार जाने वाले यात्रियों को भी एक नया रूट मिलेगा। अभी यात्री यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे होते हुए पूर्वाचल एक्सप्रेसवे का रूट लेते हैं या लखनऊ से गोरखपुर होते हुए नेशनल हाईवे पर निकलते हैं।

    बिहार जाने का नया रुट-

    लेकिन गंगा एक्सप्रेसवे के बनने के बाद उन्हें मेरठ से प्रयागराज और यहां से वाराणसी होते हुए बिहार की ओर जाने का ऑप्शन मिल जाएगा। एक्सप्रेसवे पर अलग-अलग स्थान पर 9 जनसुविधा परिसर को विकसित किया जाएगा। वहीं दो जगह पर मुख्य टोल प्लाजा जबकि रैंप टोल प्लाजा 15 स्थान पर प्रस्तावित है और इसके अलावा नदी पर 960 मीटर और रामगंगा नदी पर 720 मीटर जैसे बड़े पुल बनाए जाएंगे। गंगा एक्सप्रेसवे में प्रोजेक्ट के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 आपत्तियां में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है।

    गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण में आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और मेजर्स अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आने वाले महाकुंभ 2025 से पहले उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। देश के दूसरे सबसे बड़े एक्सप्रेसवे को साल के आखिर तक संचालित करने के मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

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    एक्सप्रेसवे की लागत-

    यह एक्सप्रेसवे 767 हेक्टर भूमि पर तैयार होने वाला है। इस एक्सप्रेसवे की लागत 36,230 करोड़ रुपए है। देश की पहली रैपिड रेल ट्रांज़िट सिस्टम की रैपिडेक्स नमो भारत के मोदीनगर साउथ से मेरठ साउथ स्टेशन बैरल तक ट्रायल ट्रेन के बाद मार्च तक ट्रेन का संचालन शुरू करने की तैयारी है। दूसरे खंड में ट्रैक बिछाने का काम पूरा किया जा चुका है। स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी द्वार बनाने का काम तेजी से चल रहा है। दूसरे खंड में मोदीनगर, मोदीनगर साउथ, मेरठ साउथ, मोदीनगर नॉर्थ, अंतिम स्पेन की स्थापना के साथ मेरठ साउथ तक वाइडर का निर्माण पूरा करने के बाद ही इस खंड पर ट्रैक बिछाने, सिग्नलिंग, टेलीकॉम बाय इलेक्ट्रिक, विभिन्न निर्माण की स्थापना कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

    सिटी लॉजिस्टिक प्लान-

    NCRTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत का कहना है कि मार्च तक साहिबाबाद स्टेशन से मेरठ साउथ स्टेशन तक यात्रियों के लिए ट्रेन के संचालन का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी ने मेरठ शहर के विकास के लिए सिटी लॉजिस्टिक प्लान को तैयार किया है। इसमें मौजूद आबादी 24.15 का आकलन करते हुए 2042 में संसाधन मध्य की स्थिति उपलब्धता का खांका खींचा गया है। जिसमें एग्रो बेस्ड यूनिट फर्नीचर, शुगर इंडस्ट्रीज, पेपर मिल, रेडीमेड कपड़े, कॉटन टेक्सटाइल, मिनरल मेटल इंजीनियरिंग आदि उद्योगों को भी शामिल किया गया है। सभी उद्योगों में इंडस्ट्री में होने वाला 325 टन का उत्पादन 2042 में बढ़कर 64,111 टन होने की संभावना।

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