Parliament
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    Parliament: इस समय देश की संसद में हुए विपक्षी सांसदों के निलंबित होने को लेकर बवाल मचा हुआ और साथ ही इस समय एक वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ। जिसे लेकर राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं को असभ्य भी बताया जा रहा है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है जब एक बार में 141 सांसदों के एक साथ संसद से निलंबित कर दिया गया। ये सब तब शुरु हुआ जब 13 दिसंबर में एक सांसद के पास पर संसद में कुछ लोगों ने घुस कर टियर गैस छोड़ा।

    इसके बाद संसद में हंगामा हो गया। इस घटना को संसद की सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना गया। जिसके बाद से सांसद के पास का गलत इस्तेमाल करने को लेकर सांसदों को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरु हो गई। सोमवार को सबसे पहले एक साथ 78 सांसदों को निलंबित किया गया था। जिनकी संख्या मंगलवार को बढ़कर 141 हो गई।

    एक साथ इतने सांसद निलंबित कैसे-

    अब सवाल यह है कि आखिर एक साथ इतने सांसदो को निलंबित कैसे किया गया। सभी को निंलबित करने के पीछे एक ही कारण तो नहीं हो सकता। दरअसल संसद में सुरक्षा के बाद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित के बयान की मांग को लेकर संसद में हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद से संसदीय कार्यवाही करने के लिए दोनों सदनों के सांसदों को निलंबित किया गया। विपक्ष द्वारा शाह के बयान की मांग की जा रही थी। जिस दौरान सांसदों ने तख्ता लहराया और कई आसन की ओर भी बढ़ने लगे। इसके बाद से राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में ऐसा ही हाल रहा और राज्यसभा में नारेबाजी शुरू हो गई। जिसकी वजह से संसद की कार्यवाही बाधित हुई और सभी सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

    जगदीप धनखड़ की मिमिकरी-

    जिसके बाद से निलंबित हुए सांसदो ने संसद के बाहर उनका विरोध करना शुरु कर दिया। वहीं इस दौरान TMC सांसद कल्याण बनर्जी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह संसद के फैसले का विरोध करते हुए उपराष्ट्रीयपति जगदीप धनखड़ की मिमिकरी करते हुए नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कई लोग इसे असभ्य बताते हुए नज़र आए। इसके साथ ही विपक्ष की काफी निंदा भी की जा रही है और बहुत से लोगों ने इसे जाट समाज का अपमान भी घोषित कर दिया।

    पहलवानों के विरोध प्रदर्शन से भी जोड़ा-

    लेकिन कई लोग ने इसे कुछ समय पहले हुए पहलवानों के विरोध प्रदर्शन से भी जोड़ा। DU JAT यूनियन स्टूडेंड नाम के एक्स (ट्वीटर) अकाउंट से एक ट्वीट मे कहा गया, 'जब एक पार्टी मे हरियाणा में 35vs1 का नारा दिया था तब जाट समाज का अपमान नहीं हुआ था, Twitter तब ट्रेंड नहीं हुआ था, मिमिक्री करना गलत है, इसकी निंदा करता हूं, लेकिन यह कोई अपराध भी नहीं है, जब किसान आंदोलन और पहलवान आंदोलन के समय पार्टी विशेषण,

    जाति विशेष द्वारा बहन बेटियों को बुरा कहा गया तब भी जाट समाज का अपमान नहीं हुआ, तब बीजेपी भक्तों की तरफ से कोई ट्विटर ट्रेंड देखा, जगदीप धनखड़ का पूरा सम्मान है, परंतु एक पार्टी के एजेंडा से मूर्ख मत बनिए, ना ही आपका कोई मुख्यमंत्री है, ना ही कैबिनेट मंत्री, यह पहली बार हुआ क्या, यह जाट समाज का अपमान नहीं है, समाज जागरूक रहे और समाज वर्तमान एवं भविष्य का सोचे।'

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    ऐसा पहले भी हुआ है-

    इसके अलावा सन 1989 में जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे और अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से चुनाव हुए तो कांग्रेस 1414 वोटो से पूर्ण बहुमत से जीती। 1989 मार्च में संसद का बजट सत्र चल रहा था। इस दौरान राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने इंदिरा गांधी हत्याकांड की जांच के लिए जस्टिस ठक्कर आयोग का गठन किया। जांच के बाद से मार्च 1989 को जस्टिस एमपी ठक्कर के नेतृत्व वाली जांच आयोग की रिपोर्ट पेश की गई थी।

    निलंबन एक दिन बाद ही खारिज-

    इस दौरान लोकसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध और हंगामे का प्रमुख कारण ठक्कर आयोग की रिपोर्ट के अलावा तोप घोटाला भी था। विपक्ष के कुल शहर 63 सांसदों को 3 दिन के लिए निलंबित किया गया था। तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री भगत ने सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि उसके बाद सभी सांसदो ने माफी मांग ली थी, जिसके बाद सभी सांसदो के निलंबन को एक दिन बाद ही खारिज कर दिया गया।

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