Covid Variant JN-1: हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से कोविड-19 मामलों में वृद्धि और भारत में jn1 वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने को ध्यान में रखते हुए राज्यों में लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। कोविड की स्थिति पर निरंतर निगरानी बनाए रखने का आग्रह राज्यों से किया गया है। राज्यों को रिपोर्ट करनी होगी और एमपी नियमित आधार पर जिलेवार मामलों की निगरानी करनी होगी। ज्यादा संख्या में आरटी पीसीआर परीक्षणों सहित पर्याप्त प्रशिक्षण सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है और कोरोना के नए वेरिएंट जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नमूनों को प्रयोगशाला भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
Centre issues advisory to States in view of a recent upsurge in COVID-19 cases and detection of first case of JN.1 variant in India. States urged to maintain a state of constant vigil over the COVID situation. States to report & monitor district-wise SARI and ILI cases on a… pic.twitter.com/NpS1wAQLM8
— ANI (@ANI) December 18, 2023
विश्व स्वास्थ्य संगठन-
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि आप जानते ही होंगे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल में में कोविड-19 में निरंतर गिरावट और व्यापक टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने में कुछ सालों में प्राप्त महत्वपूर्ण उपलब्धियां की वजह से कोविड-19 महामारी की पीएचडीआईसी स्थिति वापस ले ली थी। भारत में भी केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार अपने कार्यों की वजह से कम दरों का परिचय पर बनाए रखने में सक्षम रहे। हालांकि कोविद-19 वायरस का प्रसार जारी है और महामारी भारतीय परिस्थितियों और अन्य सामान्य रोगजनकों के प्रसार के साथ तय हो गया है। इसीलिए जरूरी है कि हम कोविड की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखें।
कोरोना के मामलों में वृद्धि-
हाल ही में केरल जैसे कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई थी। हालांकि वायरस का कोई नया वेरिएंट सामने नहीं आया, ऐसे कई काम हैं जिन पर राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। केंद्र सरकार ओर से कहा गया कि आने वाले त्योहारों के सीजन को देखते हुए इसमें वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं करनी जरूरी है। स्वच्छता के रखरखाव के पालन से रोग संरक्षण केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा किए गए कॉविड-19 के लिए निगरानी के लिए विस्तृत परिचालन दिशा निर्देशों का अनुपालन करने की जरूरत है।
रिपोर्टिंग सुनिश्चित-
प्रारंभिक बढ़ती प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य सूचना पोर्टल समेत सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में नियमित आधार पर जिलेवार इनफ्लुएंसर जैसी बीमारी और गंभीर शोषण बीमारी मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करनी होगी।सभी जिलों में कोविड-19 परीक्षण दिशा निर्देशों के मुताबिक पर्याप्त प्रशिक्षण सुनिश्चित करना होगा और आरटी पीसीआर, एंटीजन परीक्षणों की भी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए कहा गया है। ज्यादा संख्या में आरटी पीसीआर परीक्षण सुनिश्चित करना होगा और जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नामों में भारतीय कंसोर्सियम प्रयोगशाला में भेजने होंगे।
मंत्रालय द्वारा आयोजित ड्रिल-
जिससे कि देश में नए वेरिएंट से अगर कोई संक्रमित हो तो उसे समय पर निपटाया जा सके। उसकी तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं का जायजा लेने के लिए मंत्रालय द्वारा आयोजित ड्रिल में सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। श्वसन स्वच्छता के पालन समेत कोविड के प्रबंधन और उनके निरंतर समर्थन प्राप्त करने के लिए सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देना होगा।
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भारत में JN-1 के संस्करण की सूचना-
संयुक्त राज्य अमेरिका समेत चीन, सिंगापुर और भारत में JN-1 के संस्करण की सूचना दी गई है। jn1 एक मामूली लेकिन उल्लेखनीय वायरस है। जिसके संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर संभावित रूप से 15.39% वेरिएंट को शामिल करने का अनुमान लगाया गया है। चीन में JN-1 संक्रमण के 7 मामले सामने आए हैं। वहीं अन्य देशों में इसकी उपस्थिति की पुष्टि के लिए अनुक्रमण डाटा की जरूरत होगी। हल्के लक्षणों वाली 79 वर्षीय महिला से लिए गए नमूने में पहला jn1 मामला पाया गया। .
jn1 से गंभीरता बढ़ने का कोई संकेत नहीं-
इससे पहले तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के यात्री को सिंगापुर में jn1 संस्करण के साथ पाया गया था। इसके लक्षणों की बात की जाए तो वर्तमान में यह पता नहीं है कि jn1 संक्रमण अन्य प्रकारों से अलग लक्षण उत्पन्न करता है या नई समानता और पर कोविड-19 के लक्षण विभिन्न प्रकार में समान होते हैं। jn1 से गंभीरता बढ़ने का कोई संकेत नहीं है। इस समय इस बात का कोई सबूत नहीं है कि jn1 वर्तमान में प्रसारित होने वाले अन्य वेरिएंट की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा जोखिम है।
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