Delhi AQI
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    Delhi AQI: दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया है, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का AQI 494 दर्ज किया गया, जो की 2015 की शुरुआत में AQI से अब तक का दूसरी बार सबसे ज्यादा प्रदूषित था। वहीं IQAir जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म ने लोगों को सोच में डाल दिया है। दरअसल बात यह है, कि IQAir जो कि अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म है, ने दिल्ली का AQI 1,600 से ज्यादा होने की सूचना दी थी। जिससे लोगों के अंदर यह भ्रम पैदा हो गया, कि कौन सी रीडिंग सही है और कौन सी गलत। आपकी जानकारी के लिए बता दें, की तकनीकी रूप से दोनों ही सही हैं।

    दोनों पैमाने में अंतर (Delhi AQI)-

    क्योंकि भारत का AQI पैमाना 500 तक सीमित है, इससे ऊपर के पैमाने की स्थिति को गंभीर प्लस के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, इसलिए ऐसा हुआ। सीसीबी के वायु प्रयोगशाला के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा ने टाइम्स आफ इंडिया को बताया, कि हमारे पैमाने में 451 से 500 तक के पैमाने गंभीर प्लस श्रेणी में आ जाते हैं। जिसे वायु का उच्चतम स्तर माना जाता है और यह अब तक के सबसे ज्यादा प्रदूषित पैमाने से मेल खाता है। वहीं IQAir द्वारा प्रयुक्त अमेरिकी आधारित एक्यूआई मॉडल में कोई ऊपरी सीमा नहीं होती। जिसकी वजह से यह 500 से ज्यादा मानक को रिपोर्ट कर सकता है।

    दोनों पैमानों की एक ही भयानक तस्वीर (Delhi AQI)-

    IQAir के पैमाने सेंसर आधारित होते हैं, जबकि भारतीय विश्लेषक आधारित है। इसके साथ ही विश्लेषक को ज्यादा सटीक माना जाता है। अलग-अलग पैमाने होने के बावजूद भी दोनों पैमानों ने एक ही भयानक तस्वीर पेश की। दिल्ली की हवा बहुत खतरनाक थी, भारत और अमेरिका के वायु गुणवत्ता सूचकांक वायु की गणना करने के लिए अलग-अलग फार्मूले का इस्तेमाल करते हैं। जिसका मतलब यह है, कि दोनों ही सूचकांक हवा में प्रदूषण के बारे में एक ही डेटा के साथ अलग-अलग स्कोर देंगे। जिससे दोनों की तुलना नहीं की जा सकती। शाह ने कहा, कि विश्लेषक आधारित एक्यूआई को ज्यादा सटीक माना जाता है।

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    IQAir पैमाने की गणना-

    IQAir पैमाने की गणना कैसे करता है यह हम पूरी तरह से नहीं जानते। वहीं प्रदूषण सांद्रता के बारे में बात करें, तो दिल्ली का औसतन 422.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 रहा, जो भारत 60 की सीमा और विश्व स्वास्थ्य संगठन की 15 की सीमा से काफी ज्यादा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर किया, कि वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर प्लस श्रेणी में पहुंच चुका है और दिल्ली एनसीआर राज्यों को प्रदूषण विरोधी प्रतिबंधों को सख्ति से लागू करने के लिए तुरंत समिति गठित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने दोहराया, कि अगले आदेश तक प्रतिबंध लागू रहेंगे।

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