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    Hand Transplant
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    Hand Transplant: डॉक्टर्स ने किया चमत्कार, पेंटर के दोनों हाथ ट्रांसप्लांट..

    Last Updated: 6 मार्च 2024

    Author: sumit

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    Hand Transplant: दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने आज यानी बुधवार को एक चमत्कार कर दिखाया। आप इसे नामुमकिन को मुमकिन करना भी कह सकते हैं। एक पेंटर जिसने 2020 में एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए थे। अब उसके फिर से ब्रश पकड़ने की संभावना को डॉक्टर्स के इस चमत्कार ने जगा दिया है। क्योंकि दिल्ली के डॉक्टर के एक समूह ने दिल्ली में पहला सफल द्विपक्षीय हाथ प्रत्यारोपण करके सर्जरी को अलग लेवल पर ले जानें का काम किया हैं। यानी इस पेंटर को दोनों हाथ दोबारा से मिल चुके हैं।

    पेंटर को कल सर गंगाराम हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी-

    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पेंटर को कल सर गंगाराम हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी। यह सफल सर्जरी डॉक्टरों की टीम की मेहनत का सुखद परिणाम है। जिन्होंने एक महान कार्य को अंजाम देने का साहस किया। बताया जा रहा है कि 12 घंटे से ज्यादा समय तक चलने वाली सर्जरी में पेंटर के दोनों हाथों को डोनेट करने वाले हाथों की भुजाओं के बीच में धमनी, मांसपेशियां और तांत्रिक को जोड़ने में सुविधाजनक सर्जिकल विशेषताएं शामिल है।

    दाता मीना मेहता-

    मेडिकल टीम के जबरदस्त प्रयास के अलावा जिस चीज से यह सर्जरी संभव हुई है। वह हैं दाता मीना मेहता के परिवार का उदार भाव। दक्षिण दिल्ली के एक स्कूल के पूर्व प्रशासनिक प्रमुख मेहता को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। अपने जीवन काल के दौरान मेहता ने अपने अंगों को उनकी मृत्यु के बाद इस्तेमाल करने का वचन दिया था। इससे पहले उनकी किडनी, लीवर और कॉर्निया भी तीन अन्य लोगों की जान बचा चुके हैं। अब उनके दोनों हाथों ने एक पेंटर को दोबारा से ब्रश पकड़ने का मौका दिया है।

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    तीन लोगों की जिंदगी-

    अपने जीवन काल के दौरान मीना मेहता ने अपने अंगों को उनकी मृत्यु के बाद इस्तेमाल करने का वचन दिया था। उनके किडनी लीवर और कोर्निया ने तीन लोगों की जिंदगी बदल दी। उनके हाथों ने एक हारे हुए कलाकार एक चित्रकार के अपने सपनों को फिर से जीने का मौका दिया है। इसका श्रेय डॉक्टरों की समर्पित टीम के की कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों को भी दिया जाना चाहिए। जिन्होंने बड़ी चुनौती का सामना किया। लगातार 12 घंटे की सर्जरी के बाद दाता के हाथों प्राप्तकर्ता की भुजाओं को एक साथ जोड़ा गया। टीम का अटूट समर्पण रंग लाया है।

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