भाषा बदलें

    Pakistani
    Photo Source - Google

    Pakistani जासूस की पत्नी ने न्यायालय से मांगी भारत में रहने की अनुमति

    Last Updated: 3 सितम्बर 2023

    Author: sumit

    हमें फ़ॉलो करें >

    Pakistani: पाकिस्तान का एक जासूस व्यक्ति जो भारत के राजस्थान के जैसलमेर जेल में कैद है, की पत्नी ने राजस्थान उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है कि उसकी अपील पर फैसला होने तक उसे बहिष्कृत ना किया जाए। इसके साथ ही उसने यह भी अपील की है कि दंपति और उनके साथ उनके बच्चों को भारत में रहने की अनुमति दी जाए। शनिवार को पाकिस्तानी महिला की याचिका पर अदालत ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और इसके साथ ही निर्देश दिया है कि उसके पति नंदलाल को अदालत की अनुमति के बिना बहिष्कृत ना किया जाए।

    24 अगस्त को याचिका दायर-

    यह महिला पाकिस्तान के संगत जिले की रहने वाली है। जिसने 24 अगस्त को याचिका दायर कर अनुरोध किया कि उसके पति और उनके बच्चों को पाकिस्तान ना भेजा जाए। अपने जीजा गौरीशंकर गर्ग के साथ लता न्याय मूर्ति डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अध्यक्षता वाली एकल पीठ के समक्ष पेश हुई थी।

    वीजा 27 जुलाई 2023 को ही समाप्त-

    उसने बताया कि वह पाकिस्तान की नागरिक है और उसकी शादी 15 साल पहले पाकिस्तान के संगत जिला निवासी नर्सिंग के बेटे नंदलाल से हुई है। लता के पास 3 दिसंबर 2019 को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान द्वारा जारी किया गया वैध पासपोर्ट है, जो की 2024 तक वैध है। महिला और उनके बच्चे इस साल की शुरुआत में ही अपने पासपोर्ट पर वीजा से भारत आए थे। लेकिन यह वीजा 27 जुलाई 2023 को ही समाप्त हो चुका है। लता ने यह बताया कि उसने अपने वीजा की समाप्ति से पहले ही वीजा की तारीख बढ़ाने के लिए आवेदन किया था और आवेदन फिलहाल गृह विभाग के पास है।

    पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई-

    पाकिस्तानी महिला द्वारा दायर की करवाई गई याचिका में लता मैं बताया कि नंदलाल ने 31 जुलाई 2016 से 30 नवंबर 2016 की अवधि के लिए भारतीय उच्च योग द्वारा जारी वीजा पर भारत आया था। हालांकि उसे 20 अगस्त 2016 को जैसलमेर में गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके परिणाम स्वरुप पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा संचालित जासूसी नेटवर्क को नष्ट कर दिया गया। जब नंदलाल से पूछताछ की गई तो जैसलमेर में सक्रिय उसके दोस्त पाकिस्तानी सहयोगियों प्रेमचंद और गौरीशंकर के बारे में जानकारी सामने आई। जिसके बाद उन्हें जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसी साल 22 फरवरी को महानगर जयपुर के मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट ने नंदलाल को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है।

    फैसले के खिलाफ अपील-

    नंदलाल और अन्य दोषी व्यक्तियों के साथ फैसले के खिलाफ अपील दायर की है, वर्तमान में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संख्या 5 जयपुर के समक्ष लता ने यह बताया कि उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए जोधपुर के एसेंट अकैडमी स्कूल में उनका एडमिशन करवाया है। याचिका में उसने विरोध किया कि जब तक उसके पति के अपील पर फैसला नहीं हो जाता, नंदलाल को पाकिस्तान ना भेजने के निर्देश दिए जाएं। उन्होंने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए भी भारत में रहने की अनुमति मांगी है।

    ये भी पढ़ें- Pakistan में बढ़ते बिजली बिलों के चलते विरोध प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे लोग

    विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की ओर से नोटिस-

    पीठ द्वारा डिप्टी सॉलिसिटर जनरल मुकेश राजपुरोहित को विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की ओर से नोटिस स्वीकार करने का आदेश दिया जाता है और अतिरिक्त को राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार करने का निर्देश दिया जाता है। जिसे वह स्वीकार करते हैं और उनके निर्देश को पूरा करने के लिए कुछ समय मानेंगे करता के पति नंदलाल का भारत से बहिष्कृत इस अदालत की अनुमति के बिना ना किया जाए। कोर्ट में सुनवाई के लिए अगली तारीख 9 अक्टूबर तय की है।

    ये भी पढ़ें- Doma Tribe: इंसानों की शक्ल पर पैर आस्ट्रिच जैसे, जानें समुदाय का रहस्य