Indian Navy
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Indian Navy: शुक्रवार को भारतीय नौसेना ने अरब सागर क्षेत्र में जहाज पर हमलों और समुद्री डकैती के प्रयासों पर कड़ी सतर्कता के बीच सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री डकैती के एक और प्रयास को विफल कर दिया। नौसेना के दूर से संचालित विमान द्वारा मछली पकड़ने वाले जहाज कुमारी का सफलतापूर्वक पता लगा लिया गया। जो कि क्षेत्र में निगरानी कर रहा था। नौसेना ने कहा कि आईएनएस शारदा जो इलाके में समुद्री डकैती रोधी मिशन पर थी, वह अवरोधन के लिए मोड़ दिया गया था। नौसेना का कहना है कि लगभग सात समुद्री डाकू ईरानी ध्वज वाले जहाज पर चढ़ गए थे और चालक दल को बंधक बना लिया था।

सुरक्षित रूप से वापस-

हेलीकॉप्टर और नौकाओं को तैनात करने के बाद समुद्री लुटेरों को बंधकों और जहाज को सुरक्षित रूप से वापस करने के लिए मजबूर कर दिया। तीसरे अपहरण जहाज को रोकने में मदद की और सोमवार को मोगा देश से लगभग 995 समुद्री मील पूर्व में 6 सदस्य चालक दल के बचाव में सहायता की। समुद्री व्यापार को बाधित करने वाले यमन और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के भौतिक विद्रोहियों के बढ़ते मामले के बीच भारत में स्वतंत्र रूप से अरब सागर और सदन की खाड़ी में अभूतपुर 10-12 अग्रिम पंक्ति के युद्ध पोत तैनात किए हैं।

शुरुआती घंटे में जहाज को रोक लिया-

31 जनवरी को एफबी एक ईरानी झंडे वाले जहाज पर साथ समुद्री डाकू सवार थे। जिन्हें शारदा ने 2 फरवरी 2024 की शुरुआती घंटे में जहाज को रोक लिया। इसके बाद अपने अभियान हेलो और नौकाओं का इस्तेमाल कर धातुओं को मजबूत किया। जैसे कि जहाज के साथ चालक दल को सुरक्षित छोड़ दें। जहाज के साथ चालक दल के सदस्यों की सफलतापूर्वक रिहाई सुनिश्चित की गई और जहाज में सोमाली समुद्री डाकुओं की ओर से बंदी बनाए गए, चालक दल के सदस्यों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए एफबी पर बोर्डिंग भी की।

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बहादुरी का परिचय-

इसके अलावा कुछ ही दिन पहले 29 जनवरी को भारतीय नौसेना ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए सोमालिया के ही पूर्वी तट पर 19 पाकिस्तानियों की जान बचाई थी। उन्हें ईरान के झंडे वाले जहाज में मौजूद 11 समुद्री लुटेरों ने बंधक बनाया था और इसके बाद इंडियन नेवी ने रेस्क्यू के लिए युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा भेजा था। पाकिस्तानी जिस जहाज में बंधक बने थे, उस जहाज का नाम FV अल नाईमी था।

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