Viral Video: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे, महाकुंभ मेले से हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। गुरुवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक पुलिस अधिकारी को श्रद्धालुओं के लिए आयोजित भंडारे में बन रहे भोजन में राख डालते हुए देखा गया। इस घटना के बाद सोरांव थाने के एसएचओ बृजेश कुमार तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं डीसीपी गंगानगर कुलदीप सिंह गुणावत के मुताबिक, जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, विभाग ने तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की।
Viral Video में पुलिस-
वायरल हो रहे इस वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को चूल्हे पर बन रहे भोजन में राख डालते हुए, स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया है, जिसमें डीसीपी गंगानगर को टैग करते हुए, इस "शर्मनाक कृत्य" के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए, जनता से इस पर ध्यान देने की अपील की।
मुफ्त या कम कीमत पर भोजन(Viral Video)-
उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है, कि महाकुंभ में फंसे लोगों को भोजन और पानी की व्यवस्था करने वालों के अच्छे प्रयासों को राजनीतिक दुश्मनी के कारण विफल किया जा रहा है। जनता को इस पर ध्यान देना चाहिए।" दरअसल महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने से विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा भंडारों का आयोजन किया जा रहा है, जहां तीर्थयात्रियों को मुफ्त या कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह भंडारे न सिर्फ भक्तों की सेवा का माध्यम हैं, बल्कि कुंभ मेले की पवित्र परंपरा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
मौनी अमावस्या भगदड़ का दर्दनाक हादसा-
प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की है। भंडारे में राख मिलाने के मामले में एसएचओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इस बीच बुधवार को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं का हाल जानने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार गुरुवार को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल पहुंचे। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रत्येक घायल तीर्थयात्री से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य एवं मिल रहे इलाज के बारे में जानकारी ली।
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भगदड़ में हुई जनहानि-
उन्होंने डॉक्टरों को चिकित्सा सुविधाओं में किसी भी प्रकार की कमी न होने देने के निर्देश दिए। दरअसल बुधवार को मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के अवसर पर भोर में हुई भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई, 60 से ज्यादा लोग घायल हुए और कई लोग लापता हो गए। यह दुर्घटना तब हुई, जब लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे। भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है।
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