Mobile Recharge Expensive: भारत के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए बुरी खबर है। अगर आप हर महीने अपने मोबाइल इंटरनेट पर सैकड़ों रुपये खर्च करते हैं, तो अब आपकी जेब पर और बोझ पड़ने वाला है। दुनिया की मशहूर इन्वेस्टमेंट कंपनी मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियां साल 2026 में अपने 4G और 5G प्लान्स की कीमतें 16 से 20 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं। यानी जो प्लान आज 300 रुपये का है, वो अगले साल 350 से 360 रुपये का हो सकता है। मिडिल क्लास परिवारों के लिए यह एक बड़ी चिंता की बात है, क्योंकि आज के दौर में मोबाइल इंटरनेट एक जरूरत बन चुका है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2026 भारत के लाखों मोबाइल यूजर्स के लिए आर्थिक रूप से थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है। दिलचस्प बात यह है, कि पहले की भविष्यवाणियों में कहा गया था, कि अगले साल कीमतें थोड़ी कम बढ़ेंगी, लेकिन अब लग रहा है, कि यह बढ़ोतरी पहले से ज्यादा और जल्दी होने वाली है।
प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों यूजर्स पर पड़ेगा असर-
द इकोनॉमिक टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, कीमतों में बढ़ोतरी का असर प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों तरह के यूजर्स पर पड़ेगा। मतलब चाहे आप महीने की शुरुआत में रिचार्ज करते हों या महीने के आखिर में बिल भरते हों, दोनों ही केसेज में आपको ज्यादा पैसे देने होंगे। रिपोर्ट में एक और दिलचस्प बात सामने आई है, कि टेलीकॉम कंपनियां पहले से ही अपने कस्टमर्स को महंगे प्लान्स के लिए तैयार कर रही हैं। वे धीरे-धीरे सस्ते प्लान्स को हटा रही हैं और नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम जैसे ओटीटी स्ट्रीमिंग के फायदे सिर्फ महंगे प्रीमियम पैक्स में ही दे रही हैं।
अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह पिछले आठ सालों में चौथी बड़ी कीमत बढ़ोतरी होगी। इससे पहले 2019, 2021 और 2024 में भी टेलीकॉम कंपनीज ने अपने प्लान्स के दाम बढ़ाए थे। हर बार कस्टमर्स को यही सुनने को मिलता है, कि बेहतर नेटवर्क और फास्टर इंटरनेट के लिए यह जरूरी है, लेकिन आम आदमी की जेब पर इसका सीधा असर पड़ता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, कि ऊंची कीमतों से एयरटेल का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर यानी एआरपीयू काफी बढ़ने वाला है। एयरटेल का एआरपीयू, जो अभी फाइनेंशियल ईयर 2026 में 260 रुपये है, वो 2028 तक बढ़कर 320 रुपये से ज्यादा हो सकता है। यह बढ़ोतरी बेहतर डेटा प्राइसिंग, पोस्टपेड यूजर्स की संख्या में इजाफा और रोमिंग की बढ़ती डिमांड की वजह से होगी।
Airtel और Jio क्यों बढ़ा रही हैं दाम-
अब सवाल यह उठता है, कि आखिर ये कंपनियां बार-बार दाम क्यों बढ़ा रही हैं। इसका जवाब काफी सिंपल है। एयरटेल और रिलायंस जियो ने पिछले कुछ सालों में फाइवजी नेटवर्क लगाने में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अब जब उनका ज्यादातर इन्वेस्टमेंट पूरा हो चुका है और खर्चे कम हो रहे हैं, तो वे अपने पैसे वापस कमाना चाहती हैं। इसके लिए सबसे आसान तरीका है, रिचार्ज प्लान्स की कीमतें बढ़ाना।
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Vodafone Idea की स्थिति अभी थोड़ी अलग है। इस कंपनी का भविष्य काफी हद तक समय पर मिलने वाली फंडिंग और सरकारी सपोर्ट पर निर्भर करता है। अगर वीआई को सही समय पर पैसा मिलता रहा, तो वो भी इस रेस में बनी रह सकती है, वरना उसके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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आम कस्टमर्स के लिए मैसेज बिल्कुल साफ है। हां, आपको पहले से बेहतर नेटवर्क और तेज इंटरनेट की स्पीड मिलेगी, लेकिन इसके लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी होगी। मोबाइल इंटरनेट अब लग्जरी नहीं बल्कि जरूरत है और टेलीकॉम कंपनीज इस बात को अच्छी तरह समझती हैं। इसलिए वे कॉन्फिडेंट हैं, कि दाम बढ़ाने पर भी लोग उनकी सर्विसेज इस्तेमाल करते रहेंगे।



