Mental Health
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    Mental Health: आज के इस डिजिटल युग में हमारे चारों ओर फोन, कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन हैं जो हमारा ध्यान हर दिशा में भटकाते रहते हैं। सुबह उठते ही फोन चेक करना, दिन भर WhatsApp और Instagram पर स्क्रॉल करना, और रात को भी फोन देखते-देखते सोना - यह सब हमारे दिमाग को शांत होने का मौका ही नहीं देता। इस वजह से हमारी एकाग्रता कम हो जाती है और हम गहराई से सोच नहीं पाते।

    Forbes पत्रिका के अनुसार, यह समस्या आज हर व्यक्ति के जीवन में है। लेकिन कुछ सरल तरीकों से हम अपने दिमाग को वापस शांत और केंद्रित बना सकते हैं। ये तरीके न केवल हमारी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।

    सुबह की शुरुआत सही दिशा में करें-

    दिन की शुरुआत ही निर्धारित करती है कि आपका पूरा दिन कैसा बीतेगा। सुबह जागने के बाद सबसे पहले यह तय करें कि आज आपको किस काम पर सबसे ज्यादा ध्यान देना है। यह आपके दिमाग को एक स्पष्ट दिशा देता है और पूरे दिन आप अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह सकते हैं। जल्दी उठने वाले लोग दिन भर अधिक एकाग्रता से काम कर पाते हैं। सुबह का समय सबसे शांत होता है और इस समय हमारा दिमाग सबसे तेज होता है। इस समय का सदुपयोग करके आप अपने सबसे महत्वपूर्ण काम निपटा सकते हैं।

    स्क्रीन से दूरी बनाएं-

    दिन में कम से कम 20 मिनट का समय निकालें जब आप सभी स्क्रीन से दूर रहें। इस समय में कागज-कलम लेकर अपने विचारों को लिखें। यह अभ्यास आपके दिमाग को शांत करता है और नए विचार आने में मदद करता है। हाथ से लिखने की प्रक्रिया में हमारा दिमाग अधिक सक्रिय होता है और यादाश्त भी बेहतर होती है। कई सफल लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे अपने बेहतरीन विचार तब पाते हैं जब वे फोन या कंप्यूटर से दूर होते हैं। स्क्रीन की नीली रोशनी हमारी आंखों और दिमाग को थकाती है, जबकि कागज पर लिखना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।

    सांस की गति को नियंत्रित करें-

    सांस लेने की तकनीक हमारे दिमाग को शांत करने का सबसे आसान तरीका है। जब आप तनाव महसूस कर रहे हों या ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हों, तो अपनी सांस को धीमा करें। गहरी सांस लें और उसे धीरे-धीरे छोड़ें। यह आपके दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है और तनाव कम करता है। योग और ध्यान के अभ्यास में सांस की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब हम अपनी सांस पर ध्यान देते हैं, तो हमारा दिमाग अन्य विचारों से हटकर एक जगह केंद्रित हो जाता है। यह अभ्यास कभी भी, कहीं भी किया जा सकता है।

    इंटरनेट का इस्तेमाल अपनी शर्तों पर करें-

    सुबह उठते ही इंटरनेट का इस्तेमाल न करें। पहले अपने दिन की योजना बनाएं, नाश्ता करें और खुद को तैयार करें। उसके बाद जब आप मानसिक रूप से तैयार हों, तभी इंटरनेट का इस्तेमाल करें। इससे आप इंटरनेट को अपने काम के लिए उपयोग कर सकेंगे, न कि इंटरनेट आपको अपने जाल में फंसा सकेगा। कई लोग सुबह उठते ही social media check करते हैं, जिससे उनका दिमाग दूसरों के जीवन में उलझ जाता है। इसके बजाय अपने दिन की शुरुआत अपने लक्ष्यों और प्राथमिकताओं से करें।

    मौन और चिंतन का समय निकालें-

    दिन में कुछ मिनट मौन रहकर चिंतन करें या प्रार्थना करें। यह आपके दिमाग को शांति देता है और आंतरिक स्पष्टता लाता है। चाहे आप धार्मिक हों या न हों, मौन रहकर अपने विचारों को व्यवस्थित करना हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद है। यह समय आपको अपने जीवन की दिशा पर सोचने का मौका देता है। रोजमर्रा की भागदौड़ में हम अक्सर भूल जाते हैं कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है। मौन का समय इस बात को याद दिलाता है।

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    हफ्ते में एक दिन फोन से मुक्ति पाएं-

    सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने फोन को बंद रखें या घर पर छोड़कर बाहर जाएं। यह आपके दिमाग को आराम देता है और आपको महसूस होता है कि फोन के बिना भी जीवन कितना शांतिपूर्ण हो सकता है। इस दिन आप प्रकृति के साथ समय बिताएं, परिवार के साथ बातचीत करें, या कोई रचनात्मक काम करें। यह अनुभव आपको बताएगा कि असली खुशी डिजिटल दुनिया में नहीं बल्कि वास्तविक जीवन में है।

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