Cardamom Benefits: भारतीय घरों में खाना खाने के बाद मुंह का स्वाद बदलने की परंपरा सदियों पुरानी है। हमारे यहां खाने के बाद सौंफ, इलायची, मिश्री या फिर पान खाने का रिवाज है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, कि ये परंपराएं केवल स्वाद के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। आज हम बात करेंगे, मसालों की रानी कही जाने वाली इलायची के बारे में, जो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि पाचन में भी मदद करती है।
इलायची का इतिहास और महत्व-
इलायची को संस्कृत में एला कहा जाता है और अंग्रेजी में इसे कार्डामम के नाम से जाना जाता है। इसे मसालों की रानी कहा जाता है क्योंकि इसकी खुशबू और गुण दोनों ही शाही हैं। पुराने समय में इलायची सिर्फ राजघरानों में मिलती थी और इसकी कीमत सोने के बराबर थी। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में इलायची के औषधीय गुणों का विस्तार से वर्णन मिलता है। हमारे पूर्वजों ने खाने के बाद इलायची चबाने की परंपरा इसलिए शुरू की थी क्योंकि वे जानते थे कि यह पाचन क्रिया को सुधारती है। खासकर भारी भोजन के बाद इलायची चबाना पेट की कई समस्याओं से राहत दिलाता है। आजकल जब हम बाहर का खाना खाते हैं या फिर घर में भी तली-भुनी चीजें खाते हैं, तो इलायची चबाना और भी जरूरी हो जाता है।
मुंह की सफाई और सांस की ताजगी-
इलायची का सबसे प्रसिद्ध फायदा यह है कि यह प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर का काम करती है। इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल्स मुंह के बैक्टीरिया से लड़ते हैं और सांस को तरोताजा रखते हैं। अगर आपने प्याज, लहसुन या कोई तेज खुशबू वाली चीज खाई है, तो इलायची चबाना सबसे अच्छा उपाय है। बहुत से लोग खाने के बाद च्यूइंग गम या मिंट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इलायची एक बेहतर विकल्प है। यह न सिर्फ मुंह की बदबू हटाती है बल्कि दांतों और मसूड़ों की सेहत भी बेहतर बनाती है। इलायची में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करके मुंह की सफाई करते हैं।
पाचन शक्ति में सुधार-
इलायची में सिनेओल नामक प्राकृतिक यौगिक होता है जो पाचन एंजाइम के स्राव को बढ़ाता है। खाने के बाद इलायची चबाने से पेट में गैस, एसिडिटी और भारीपन की समस्या कम हो जाती है। यह पेट की मांसपेशियों को आराम देती है और भोजन को पचाने में मदद करती है। जब हम भारी भोजन करते हैं, तो अक्सर पेट में दर्द या बेचैनी होती है। इलायची चबाने से यह समस्या तुरंत कम हो जाती है। यह पेट की अंदरूनी गर्मी को शांत करती है और पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में मदद करती है। इसीलिए हमारे घरों में बिरयानी, पुलाव या किसी भी मसालेदार खाने के बाद इलायची देने का रिवाज है।
शरीर की सफाई और डिटॉक्सिफिकेशन-
इलायची में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह लिवर और किडनी को उत्तेजित करके शरीर की प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया को तेज करती है। नियमित रूप से इलायची चबाने से मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है। आजकल हम जो भी खाते हैं, उसमें कई तरह के केमिकल्स और प्रिजर्वेटिव होते हैं। इलायची इन हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। यह एक छोटा सा उपाय है लेकिन इसका फायदा बहुत बड़ा है। रोजाना इलायची चबाने से शरीर में जमा टॉक्सिन्स कम होते हैं और हम बेहतर महसूस करते हैं।
मिठास की लालच पर कंट्रोल-
इलायची का स्वाद प्राकृतिक रूप से मीठा और हल्का तीखा होता है। खाने के बाद इलायची चबाने से मिठाई या चीनी वाली चीजों की लालसा कम हो जाती है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो वजन कम करना चाहते हैं या डायबिटीज के मरीज हैं। इलायची की खुशबू मन को शांत करती है और तनाव कम करती है। कई बार हम तनाव में आकर ज्यादा खाना खा लेते हैं या फिर मिठाई की लालसा करते हैं। इलायची चबाने से यह समस्या नियंत्रित होती है। यह एक प्राकृतिक तरीका है जो हमें सचेत भोजन करने में मदद करता है।
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सेहत के लिए और भी फायदे-
इलायची सिर्फ पाचन के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है, हृदय की सेहत बेहतर बनाती है और सांस की नली को साफ रखती है। सर्दी-जुकाम में भी इलायची चबाना राहत देता है। इलायची में मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। यह शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करती है। इसके अलावा यह कफ को कम करती है और गले की खराश से राहत देती है।
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