CSMT Protest: गुरुवार शाम मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली सेंट्रल रेलवे की मेन लाइन पर अचानक अफरा-तफरी का माहौल बन गया। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस यानी CSMT पर रेलवे कर्मचारियों ने जब बिना किसी पूर्व सूचना के विरोध प्रदर्शन शुरू किया, तो पूरी लोकल ट्रेन सेवा करीब एक घंटे के लिए ठप हो गई। शाम के पीक ऑवर में हुए इस विरोध प्रदर्शन का नतीजा बेहद दुखद रहा। सांधुर्स्ट रोड स्टेशन के पास दो यात्रियों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जब फंसे हुए यात्री भारी भीड़ के बीच रेलवे ट्रैक पर चलने लगे और एक लोकल ट्रेन ने उन्हें टक्कर मार दी।
JJ अस्पताल में उन्नीस वर्षीय हेली मोमाइया और एक अज्ञात पुरुष यात्री को मृत घोषित कर दिया गया। बासठ वर्षीय याफिसा चोगले, पैंतालीस वर्षीय खुशबू मोमाइया और बाईस वर्षीय काइफ चोगले घायल हो गए और उन्हें JJ अस्पताल लाया गया। इनमें से याफिसा और खुशबू को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि पेट में दर्द से पीड़ित काइफ ने भर्ती होने से इनकार कर दिया।
ट्रैक पर उतर पड़े परेशान यात्री-
करीब एक घंटे तक रुकी रहीं ट्रेनों से अनगिनत यात्री उतर गए और वे ट्रैक पर चलने लगे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, कि ये पांचों यात्री एक रुकी हुई, अप स्लो लोकल से उतरे थे और ट्रैक पर चल रहे थे, जब शाम छह बजकर पचास मिनट पर एक डाउन फास्ट लोकल ने उन्हें टक्कर मार दी। यह हादसा उस समय हुआ, जब हजारों यात्री पहले से ही स्टेशनों पर फंसे हुए थे और बेचैनी से अपनी मंजिल तक पहुंचने का इंतजार कर रहे थे।
मुंबई में आज शाम दिल दहला देने वाली घटना! Sandhurst Road स्टेशन के पास हुए “रेल रोको” आन्दोलन ने दो लोगों की जान ले ली और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
— 👊 Fight Against Crime And Illegal Activities ™ 👊 (@FightAgainstCr) November 6, 2025
जानकारी के अनुसार, अप स्लो लोकल ट्रेन आंदोलन के कारण रुकी हुई थी। कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर ट्रैक पर चलने लगे — तभी एक डाउन… pic.twitter.com/nk0dRPdiNO
अचानक क्यों हुआ विरोध प्रदर्शन?
यह अचानक शुरू हुआ, विरोध प्रदर्शन नौ जून को मुंबरा में हुए उस हादसे के सिलसिले में दर्ज FIR की प्रतिक्रिया था, जिसमें चलती ट्रेन से पांच यात्री गिर गए थे। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस यानी GRP ने इस मामले में सेंट्रल रेलवे के दो इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिसका विरोध करने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने यह आंदोलन किया।
CSMT पर जमा हुई भीड़ ने रोकी सेवाएं-
दोपहर साढ़े चार बजे शुरू हुए इस आंदोलन ने शाम साढ़े पांच बजे के आसपास CSMT के कॉनकोर्स एरिया में जोर पकड़ लिया। कर्मचारियों ने मोटरमैन की लॉबी के बाहर जमा होकर ट्रेन क्रू का बाहर निकलना रोक दिया, जिससे पूरा ऑपरेशन ठप हो गया। करीब साढ़े छह बजे सेवाएं धीरे-धीरे शुरू हुईं, लेकिन इस एक घंटे की रुकावट ने पूरे नेटवर्क पर हजारों यात्रियों को फंसा दिया।
Common Mumbaikars died in Mumbra incident after which FIR was filed against the ones accountable
— Better Thane – आपलं ठाणे (@MH04Thane) November 6, 2025
Now, unions are protesting against it, however its the common Mumbaikar working 9 to 5 who is suffering once again pic.twitter.com/pU0ZmiIfzW
सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के डिवीजनल सेक्रेटरी एस के दुबे ने बताया, कि यह आंदोलन VJTI की तकनीकी रूप से गलत रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई उस FIR का विरोध करने के लिए किया गया था, जिसे यूनियन ने अनुचित करार दिया। दुबे ने कहा, कि रिपोर्ट के आधार पर दो कर्मचारियों के खिलाफ गलत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यूनियन ने FIR वापस लेने की मांग करते हुए नोटिस भी दिया था।
दुबे ने आगे बताया, कि वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद विरोध प्रदर्शन को निलंबित कर दिया गया। सेंट्रल रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर स्वप्निल निला ने कहा, कि डिवीजनल रेलवे मैनेजर हिरेश मीना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाया कि इस विरोध से यात्रियों को असुविधा हो रही है, जिसके बाद शाम साढ़े छह बजे आंदोलन वापस ले लिया गया।
प्लेटफॉर्म पर बढ़ती बेचैनी और गुस्सा-
जैसे-जैसे ट्रेनें प्लेटफॉर्म पर खड़ी रहीं, मस्जिद बंदर और डॉकयार्ड रोड स्टेशनों पर गुस्साए यात्री उतरे और ट्रैक पर चलने लगे। GRP और RPF ने भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए, लेकिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। एक यात्री ने बताया कि शाम पांच बजकर इकतालीस मिनट से सेंट्रल रेलवे की लोकलें खड़ी थीं। पांच बजकर बावन मिनट की कल्याण लोकल आखिरकार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर रवाना हुई।
ठाणे में भी बढ़ा तनाव-
CSMT पर हुए विरोध का असर ठाणे पर भी पड़ा, जहां सभी प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ जमा हो गई। शाम करीब साढ़े छह बजे, प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर कुछ यात्रियों ने विरोध करने की कोशिश की, जब एक CSMT जाने वाली लोकल को ठाणे पर शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया और उसे ठाणे-कर्जत स्पेशल में बदल दिया गया। इस निर्णय से मुंबई जाने वाले यात्री नाराज हो गए, हालांकि अधिकारियों ने कहा कि कल्याण की तरफ जाने वाले यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए यह कदम जरूरी था।
यात्री संगठनों की कड़ी निंदा-
ठाणे के यात्री एक्टिविस्ट ने इस विरोध प्रदर्शन की कड़ी निंदा की। मुंबई रेल प्रवासी संघ के सिद्धेश देसाई ने कहा, कि पीक ऑवर्स के दौरान रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की आवाजाही में बाधा डालना और विरोध प्रदर्शन करना अत्यधिक निंदनीय है। ऐसी कार्रवाइयां न केवल जरूरी सेवाओं को बाधित करती हैं, बल्कि हजारों डेली कंप्युटर्स की जान को भी खतरे में डालती हैं।
इस विरोध प्रदर्शन के कारण कुल तीस ट्रेनें रद्द कर दी गईं और इतनी ही संख्या में ट्रेनें देरी से चलीं। यह घटना मुंबई की उस निर्भरता को दर्शाती है जो लाखों लोगों की लोकल ट्रेन सर्विस पर है और कैसे एक घंटे की रुकावट पूरे शहर की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
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तकनीकी रिपोर्ट पर उठे सवाल-
सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने FIR के निष्कर्षों पर सवाल उठाते हुए, उन्हें तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण और गलत अनुमानों पर आधारित बताया। उन्होंने कहा, कि GRP ने VJTI को एक तकनीकी एक्सपर्ट के रूप में एंगेज किया था, लेकिन इस संस्थान के पास रेलवे ट्रैक ज्योमेट्री में विशेषज्ञता नहीं है।
सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों ने FIR के आधार को चुनौती देते हुए कहा, कि अगर ट्रैक अस्थिर या बिना वेल्ड किया हुआ होता, तो इससे डिरेलमेंट होती, न कि यात्रियों का गिरना। एक इंटर्नल इंक्वायरी ने निष्कर्ष निकाला, कि मुंबरा की घटना तब हुई जब दो गुजरती ट्रेनों के फूटबोर्ड्स पर खड़े यात्री एक-दूसरे से टकरा गए, जिससे चेन रिएक्शन हो गई। एक अधिकारी ने कहा, कि वे इस मामले को कोर्ट में चैलेंज करेंगे।
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