Kul Ka Crown: भारतीय समाज में एक नया सामाजिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। जहां पहले लड़कियों को लड़कों से कमतर समझा जाता था, वहीं अब यह धारणा तेजी से बदल रही है। इस बदलाव को और मजबूत करने के लिए संत डॉ. एमएसजी इंसान ने "कुल का क्राउन" नाम से एक अनूठी मुहीम की शुरुआत की है।
Kul Ka Crown मुहीम का उद्देश्य-
इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। इस मुहीम के तहत, शादी के बाद दूल्हा दुल्हन के घर रहने आता है, जो परंपरागत विवाह प्रथा से एकदम विपरीत है। यह कदम न केवल लड़कियों को सशक्त बनाता है, बल्कि समाज में फैली लैंगिक असमानता को दूर करने में भी मदद करता है।
Kul Ka Crown सफलता की कहानियां-
"कुल का क्राउन" मुहीम के तहत अब तक कई सफल विवाह हो चुके हैं। इन शादियों ने समाज में एक नई मिसाल कायम की है। जहां पहले लोग इस तरह की शादियों को लेकर संशय में थे, वहीं अब धीरे-धीरे इस विचार को स्वीकार कर रहे हैं। कई युवा जोड़े इस नई परंपरा को अपनाकर समाज में बदलाव की मिसाल बन रहे हैं।
सामाजिक प्रभाव-
इस मुहीम का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि इसने लोगों की सोच में बदलाव लाना शुरू कर दिया है। अब लोग बेटी को बोझ नहीं, बल्कि वंश का गौरव मानने लगे हैं। यह मुहीम बेटियों के प्रति समाज के नजरिए को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
लैंगिक समानता को बढ़ावा-
"कुल का क्राउन" जैसी मुहीम भारतीय समाज में एक नई क्रांति की शुरुआत है। यह पहल न केवल लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरित कर रही है। आने वाले समय में इस तरह की और भी पहलें समाज में बदलाव ला सकती हैं।
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यह मुहीम साबित करती है कि समाज में बदलाव संभव है। जरूरत है तो बस पहल करने की और लोगों की सोच को बदलने की। "कुल का क्राउन" जैसी मुहीम न केवल लड़कियों को सशक्त बना रही है, बल्कि एक ऐसे समाज का निर्माण कर रही है जहां लैंगिक भेदभाव की कोई जगह नहीं है। यह पहल भारतीय समाज के लिए एक नई दिशा और नई सोच का प्रतीक बन गई है।
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