Haryana Delhi Metro Connectivity
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    Haryana Delhi Metro Connectivity: हरियाणा के सोनीपत को दिल्ली मेट्रो से जोड़ने की योजना अब तेजी से अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। यह प्रोजेक्ट दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज का हिस्सा है, और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सोनीपत में कुंडली और नथुपुर में दो नए मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे सोनीपत से दिल्ली जाने वाले हजारों यात्रियों को सुविधा मिलेगी। अधिकारी इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दों और अन्य तकनीकी बाधाओं को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं। यह मेट्रो कॉरिडोर न केवल ट्रैफिक को आसान बनाएगा, बल्कि सोनीपत के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    Haryana Delhi Metro Connectivity तकनीकी मुद्दों पर चर्चा-

    हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के प्रिंसिपल एडवाइजर डी.एस. ढेसी ने हाल ही में प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HMRTC), दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC), और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।

    बैठक में भूमि अधिग्रहण, सड़क निर्माण, और बिजली के खंभों को हटाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। ढेसी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए इन चुनौतियों का जल्द से जल्द समाधान करें।

    Haryana Delhi Metro Connectivity रिठाला से नथुपुर तक 26.5 किमी की यात्रा-

    नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 26.5 किमी होगी, और इसमें लगभग 21 स्टेशन होंगे। यह कॉरिडोर रिठाला से शुरू होकर नथुपुर तक जाएगा। इसमें रिठाला, रोहिणी सेक्टर 25, रोहिणी सेक्टर 26, रोहिणी सेक्टर 31, रोहिणी सेक्टर 32, रोहिणी सेक्टर 36, बरवाला, रोहिणी सेक्टर 35, रोहिणी सेक्टर 34, बवाना इंडस्ट्रियल एरिया 1 सेक्टर 3, 4, बवाना इंडस्ट्रियल एरिया 1 सेक्टर 1, 2, बवाना जेजे कॉलोनी, सनोथ, न्यू सनोथ, डिपो स्टेशन, भोरगढ़ विलेज, अनाज मंडी नरेला, नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नरेला, नरेला सेक्टर 5, कुंडली और नथुपुर स्टेशन शामिल होंगे।

    Haryana Delhi Metro Connectivity प्रोजेक्ट की लागत और फंडिंग-

    इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 6,230 करोड़ रुपये अनुमानित की गई है, जिसमें से 5,685.22 करोड़ रुपये दिल्ली में और 545.77 करोड़ रुपये हरियाणा में खर्च किए जाएंगे। इस खर्च का 80% राज्य सरकार और 20% केंद्र सरकार वहन करेगी।

    रोजाना 50,000 लोगों को मिलेगी सुविधा-

    रोजाना करीब 50,000 यात्री सोनीपत से दिल्ली आते-जाते हैं। इस मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण से वे दिल्ली के बवाना, नरेला, नांगलोई और नजफगढ़ जैसे क्षेत्रों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट सोनीपत के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मेट्रो के आने से यहां रहने वाले लोगों को न केवल यातायात में सुविधा मिलेगी, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

    प्रदूषण में कमी का वादा-

    इस प्रोजेक्ट का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है। मेट्रो एक स्वच्छ और कुशल परिवहन का साधन है, जो न केवल यात्रियों के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। इसके संचालन से सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम होगी, और प्रदूषण में भी कमी आएगी।

    नथुपुर में प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान-

    नथुपुर में प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन की कनेक्टिविटी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें HMRTC, नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं। इस कमेटी को 23 फरवरी से पहले साइट का दौरा करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि मेट्रो स्टेशन की कनेक्टिविटी यात्रियों के लिए सुगम और सुविधाजनक हो।

    2028 तक सोनीपत के लोगों को मिलेगी मेट्रो की सुविधा-

    अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो 2028 तक सोनीपत के लोगों को मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी। इससे न केवल उनका जीवन आसान होगा, बल्कि हरियाणा और दिल्ली के बीच की दूरी भी कम होगी। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, सोनीपत एक प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय केंद्र के रूप में उभर सकता है।

    आर्थिक और सामाजिक विकास का मार्ग-

    सोनीपत को दिल्ली मेट्रो से जोड़ने का यह प्रोजेक्ट कई तरह से फायदेमंद साबित होगा। सबसे पहले, इससे हजारों लोगों का दैनिक आवागमन आसान होगा। वे बिना ट्रैफिक जाम में फंसे, कम समय में और कम खर्च में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।दूसरा, इससे सोनीपत और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। मेट्रो स्टेशनों के आसपास नए बाजार, मॉल, और व्यावसायिक केंद्र विकसित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए नौकरी के अवसर भी बढ़ेंगे।

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    तीसरा, इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। मेट्रो कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ जाती हैं, जिससे निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

    चुनौतियां और समाधान-

    हालांकि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में कई चुनौतियां भी हैं। भूमि अधिग्रहण, बिजली के खंभों को हटाना, और तकनीकी मुद्दों का समाधान करना आसान नहीं है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वे इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। HUDA के प्रिंसिपल एडवाइजर ढेसी ने सभी संबंधित विभागों को समन्वित तरीके से काम करने और समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि यह समय पर पूरा हो सके।

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