Bengaluru Temple Wedding Ban: बेंगलुरु का हलासुरु सोमेश्वर स्वामी मंदिर कभी शादियों के लिए पहली पसंद हुआ करता था। लेकिन अब इस सदियों पुराने मंदिर ने अपने परिसर में विवाह समारोह आयोजित करना पूरी तरह बंद कर दिया है। इसकी वजह काफी दिलचस्प है – मंदिर प्रशासन उन कानूनी झंझटों से तंग आ गया है, जो तलाक के समय सामने आते हैं।
यह मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि मंदिर ने उसकी शादी कराने से इनकार कर दिया। जब सीएमओ ने स्पष्टीकरण मांगा, तो पुजारियों ने बताया, कि वे उन कपल्स के तलाक केसों में कोर्ट बुलाए जाने से थक चुके हैं जिनकी शादी उनके मंदिर में हुई थी।
बढ़ते तलाक के मामलों ने मंदिर को लिया फैसला-
मनीकंट्रोल के मुताबिक, मंदिर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी वी गोविंदराजू ने बताया, कि हाल के वर्षों में वेरिफिकेशन के लिए लौटने वाले कपल्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कई जोड़े भागकर शादी करते थे और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे। बाद में उनके परिवार वाले मंदिर में आते और कानूनी विवाद शुरू हो जाते।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर स्टाफ को अक्सर तलाक की सुनवाई के दौरान अदालत में बुलाया जाता था। पहले यह मंदिर सालाना करीब 100 से 150 शादियां कराता था, लेकिन छह-सात साल पहले इस प्रथा को बंद कर दिया गया।
मंदिर की प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश-
अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला मंदिर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली “अप्रिय घटनाओं” को रोकने के लिए लिया गया। यह मंदिर कर्नाटक सरकार के हिंदू धार्मिक संस्थान और चैरिटेबल एंडोमेंट्स विभाग के अंतर्गत आता है। हालांकि शादियां बंद कर दी गई हैं, लेकिन बाकी सभी धार्मिक रस्में और पूजा-पाठ सामान्य रूप से जारी हैं।
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सोशल मीडिया पर मिक्स्ड रिएक्शन-
इस फैसले पर सोशल मीडिया यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। कई लोगों को यह जानकर हैरानी हुई, कि पुजारियों को तलाक के मामलों में कोर्ट बुलाया जाता है। एक यूजर ने सवाल उठाया, “शादी के सर्टिफिकेट तो सरकारी दफ्तर देते हैं, फिर पुजारियों को क्यों बुलाया जाता है?” कुछ लोगों ने तो मजाक में कहा, कि अब पुजारी भी बढ़ती तलाक की दर से परेशान हो गए हैं। कई यूजर्स का मानना है, कि मंदिर एक पवित्र स्थान है, न कि वेडिंग हॉल, और कपल्स को सरकारी दफ्तर में रजिस्ट्रेशन करवाकर सिर्फ आशीर्वाद के लिए मंदिर आना चाहिए।
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