Air India Fog Care
    Photo Source - Google

    Air India Fog Care: उत्तर भारत में हर साल सर्दियों में घना कोहरा छा जाता है, जिससे हवाई यात्रा में अक्सर देरी और परेशानी होती है। लेकिन इस बार नेशनल कैरियर Air India ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो। विशेष रूप से दिल्ली जैसे प्रमुख हब पर, जहां कोहरे की वजह से विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है, एयरलाइन ने कई नए कदम उठाए हैं।

    DGCA ने तय की कोहरे की आधिकारिक अवधि-

    डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस साल 10 दिसंबर 2025 से 10 फरवरी 2026 तक के समय को आधिकारिक फॉग विंडो घोषित किया है। इस दौरान उत्तर भारत में घने कोहरे की संभावना सबसे ज्यादा रहती है, जो फ्लाइट शेड्यूल को प्रभावित कर सकता है। पिछले साल के अनुभवों से सीखते हुए Air India ने अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं को और मजबूत किया है।

    CAT III B तकनीक से लैस विमान और प्रशिक्षित क्रू-

    Air India के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि कंपनी ने लो विजिबिलिटी ऑपरेशंस (LVO) में प्रशिक्षित पर्याप्त संख्या में कॉकपिट क्रू तैयार किए हैं। ये क्रू CAT III B या स्पेसिफिक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) में ट्रेंड हैं, जो बेहद कम विजिबिलिटी में भी सुरक्षित तरीके से विमान उड़ा सकते हैं। साथ ही, स्टैंड-बाय क्रू भी तैयार रहेंगे जो किसी आपात स्थिति में तुरंत सेवा दे सकें। कोहरे की समस्या वाले प्रमुख एयरपोर्ट्स पर CAT III B सर्टिफाइड एयरक्राफ्ट तैनात किए जाएंगे।

    यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं और केयर पैकेज-

    एयरलाइन ने एयरपोर्ट पार्टनर्स के साथ मिलकर यात्रियों की सुविधा के लिए कई प्रोएक्टिव कदम उठाए हैं। पर्याप्त ग्राउंड सपोर्ट टीम मौजूद रहेगी जो यात्रियों की मदद करेगी। ओरिजिन और डायवर्जन एयरपोर्ट्स दोनों पर रिफ्रेशमेंट और अन्य जरूरी चीजों के साथ केयर पैकेज तैयार रखे जाएंगे। एयरपोर्ट टीमें देरी की लगातार निगरानी करेंगी, नियमित घोषणाएं करेंगी, और प्रभावित यात्रियों को प्रोएक्टिवली अल्टरनेटिव फ्लाइट्स पर रीबुक करेंगी।

    ये भी पढ़ें- सैर पर निकलीं महिला नहीं आई वापस, कई दिनों बाद मिली दफन लाश, ऐसे खुला ब्लाइंड मर्डर का राज

    रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डेडिकेटेड कस्टमर सपोर्ट-

    Air India का इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर प्रमुख घरेलू एयरपोर्ट्स पर मौजूद टीमों के साथ चौबीसों घंटे काम करेगा। मौसम विभाग के रियल-टाइम फोरकास्ट, सेफ्टी रिस्क असेसमेंट, और प्रोएक्टिव शेड्यूल एडजस्टमेंट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फ्लाइट्स सुरक्षित और कुशलता से चलें।

    लॉन्ग-हॉल और मेट्रो-टू-मेट्रो फ्लाइट्स के शेड्यूल को इस तरह व्यवस्थित किया गया है कि यात्रियों को ऑनवर्ड कनेक्शन में कम से कम असुविधा हो। डेडिकेटेड कस्टमर सपोर्ट टीमें भी स्थापित की गई हैं जो यात्रियों की हर संभव सहायता करेंगी।

    ये भी पढ़ें- पूर्व CJI पर जूता फेंकने वाले वकील Rakesh Kishore को कोर्ट में मिली चप्पलों की मार, वीडियो वायरल