Mamta Kulkarni
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    Mamta Kulkarni: कुछ समय पहले बॉलिवुड की पूर्व एक्ट्रैस ममता कुलकर्णी भारत वापस आईं हैं। साथ ही भारत आने के बाद उन्हें ट्रांसजेंडर साधुओं के एक मठ किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बना दिया गया है। उनके महामंडलेश्वर बनने के बाद से ही एक विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल बात यह है कि किन्नर अखाड़े की एक कथावचक जगतगुरु हिमंगी ने उनके महामंडलेश्वर बनने पर कई सवाल उठाएं हैं। उनका कहना है, कि वह अचानक से भारत आईं और उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया यह सही नहीं है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, उनका कहना है, कि उनका अतीत सही नहीं है।

    "महामंडलेश्वर बनने लायक नहीं"(Mamta Kulkarni)-

    उन्होंने कहा, "कि ममता पर ड्रग्स बेचने का आरोप है और इसके लिए वह जेल भी जा चुकी हैं। आपने एक ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनाया है, जो उसके लायक ही नहीं है।" ऐसा कैसे हो सकता है, कि अचनाक से वह कई सालों बाद भारत वापस आती हैं और उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया जाता है। इसकी जांच होनी चाहिए, उन्हें सिर्फ प्रचार के लिए किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है।

    आध्यात्मिक यात्रा(Mamta Kulkarni)-

    हालांकि लक्ष्मी नारायण, जो किन्नर आखाड़े के पूर्व महामंडलेश्वर है, ने ममता के पक्ष में स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा, कि ममता पिछले डेढ़ साल से लगातार उनके संपर्क में थीं और उनकी आध्यात्मिक यात्रा धीरे-धीरे विकसित हुई है। शुक्रवार को उन्हें यमाई ममता नंदगिरी नाम दिया गया और त्रिवेणीं संगम पर पारंपरिक पिंड दान की प्रक्रिया भी संपन्न की।

    ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड करियर-

    ममता कुलकर्णी के बॉलीवुड करियर की बाl की जाए, तो वह काफी शानदार था। उन्होंने 'करण अर्जुन' और 'बाज़ी' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया। वह सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान जैसे सुपर स्टार्स के साथ भी अभिनय कर चुकी हैं। उन्होंने 2000 के दशक में अचानक एक्टिंग करियर को छोड़ दिया और विदेश चली गईं।

    आध्यात्मिक अनुभव-

    ममता कुलकर्णी ने खुद अपनी नियुक्ति को दैवीय आदेश माना है। उनका कहना है, कि महादेव और महाकाली के आदेश पर उन्हें यह मार्ग मिला है। उन्होंने स्पष्ट किया, कि यह उनके गुरु द्वारा निर्धारित किया गया मार्ग है, न कि उनकी व्यक्तिगत इच्छा। वहीं किन्नर अखाड़ा की बात की जाए, तो यह एक अनूठा संगठन है, जो ट्रांसजेंडर समुदाय के साधुओं को एक सम्मानजनक मंच प्रदान करता है।

    आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश-

    लक्ष्मी नारायण का कहना है, कि वे किसी भी कलाकार को आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने से नहीं रोकते, बशर्ते वह व्यक्ति सच्चे मन से इस मार्ग का अनुसरण कर रहा हो। यह नियुक्ति कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है, कि क्या बॉलीवुड से जुड़े व्यक्ति को बिना पर्याप्त आध्यात्मिक अनुभव के गुरु पद दिया जा सकता है? क्या यह सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है या वास्तविक आध्यात्मिक बदलाव? ये सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। हालांकि इसका जवाब सिर्फ वही दे सकते हैं।

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    ममता कुलकर्णी की बात करें, तो उनका यह सफर एक मुश्किल और बहुआयामी परिवर्तन को दर्शाता है। समाज के लिए यह एक ऐसी घटना है, जो पारंपरिक धारणाओं और आध्यात्मिकता की व्याख्या को चुनौती दे रही है।

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