New Jobs: 2015 में जब दुनिया स्मार्टफोन चलाना सीख रही थी, तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, कि एक दशक बाद की दुनिया इतनी डिजिटल, वर्चुअल और ऑटोमेटेड हो जाएगी। उस समय Instagram एक सिंपल फोटो फिल्टर ऐप था, ब्लॉकचेन एक अनजानी थ्योरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बस साइंस फिक्शन की कहानियों का हिस्सा थी। लेकिन फिर आई एक टेक्नोलॉजी की सुनामी, COVID-19, क्लाइमेट चैलेंज, Web3 की क्रांति और ऑटोमेशन का उभारा, जिसने काम करने और सोचने का तरीका ही बदल डाला। आज हमारे सामने ऐसी नौकरियां हैं, जो 2015 में अस्तित्व में ही नहीं थीं। ये सिर्फ नई जॉब्स नहीं हैं, बल्कि नई सोच, नया जीवन और भविष्य की नई दिशा हैं।
प्रॉम्प्ट इंजीनियर-
जहां एक समय मशीन लर्निंग का मतलब सिर्फ रिसर्च लैब तक सीमित था, वहीं अब प्रॉम्प्ट इंजीनियर जैसे प्रोफेशन उभर चुके हैं। ये लोग ऐसे एक्सपर्ट होते हैं, जो AI मॉडल्स को इंसान की तरह जवाब देने के लिए तैयार करते हैं। ChatGPT जैसे मॉडल्स से सटीक जवाब निकलवाने के लिए इनकी भाषा, मनोविज्ञान और तकनीक की समझ ज़रूरी होती है। न ये कोडर हैं, न राइट बल्कि इनका प्रोफाइल इन दोनों के बीच की कड़ी है।
चीफ रिमोट ऑफिसर (CRO)-
COVID-19 ने ऑफिस की परिभाषा ही बदल दी। आज कंपनियों को ऐसे लीडर्स की ज़रूरत है जो वर्क फ्रॉम होम टीम्स को मैनेज कर सकें। CRO न सिर्फ वर्कफ्लो को ऑप्टिमाइज़ करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है, कि हर कर्मचारी डिजिटल रूप से बराबर सुविधा पाए और मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाए।
NFT स्ट्रैटेजिस्ट-
NFT यानी नॉन-फंजिबल टोकन अब सिर्फ एक डिजिटल ट्रेंड नहीं, बल्कि एक मजबूत मार्केट है। NFT स्ट्रैटेजिस्ट ब्रांड्स, कलाकारों और यहां तक कि खिलाड़ियों को गाइड करते हैं कि कैसे वे डिजिटल प्रॉपर्टी को मोनेटाइज कर सकते हैं।
सस्टेनेबिलिटी डेटा एनालिस्ट-
आज ग्रीन जॉब्स का मतलब सिर्फ पेड़ लगाना नहीं रहा। ये एनालिस्ट AI और IoT का इस्तेमाल करके यह मापते हैं, कि कितनी कार्बन उत्सर्जित हो रही है और उसे कैसे कम किया जा सकता है। ये लोग अब जलवायु संकट को डेटा और नंबर के जरिए समझाने लगे हैं।
मेटावर्स आर्किटेक्ट-
2020 के बाद से मेटावर्स यानी वर्चुअल वर्ल्ड की चर्चा तेज हो गई। मेटावर्स आर्किटेक्ट ऐसे विशेषज्ञ होते हैं, जो इन वर्चुअल दुनिया में ऑफिस, इवेंट्स, गेमिंग एरिना जैसे डिज़ाइन तैयार करते हैं।
डिजिटल डिटॉक्स कंसल्टेंट-
जब हर कोई मोबाइल और लैपटॉप में डूबा है, तब कुछ एक्सपर्ट ऐसे हैं जो लोगों को इससे बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं। ये डिजिटल डिटॉक्स कंसल्टेंट्स वर्कशॉप्स और प्रोग्राम्स के जरिए लोगों को मानसिक रूप से रिचार्ज करते हैं।
सिंथेटिक मीडिया एथिसिस्ट-
AI वॉइस क्लोनिंग, डीपफेक वीडियो और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स ने मीडिया को भ्रमित कर दिया है। सिंथेटिक मीडिया एथिसिस्ट्स अब उस सीमा को तय करते हैं, जहां इन तकनीकों का इस्तेमाल नैतिक और सुरक्षित बना रहे।
स्पेस टूरिज़्म ऑपरेटर-
SpaceX और Blue Origin जैसी कंपनियों ने स्पेस ट्रैवल को रियलिटी बना दिया है। स्पेस टूरिज्म ऑपरेटर अब अमीर ग्राहकों के लिए ज़ीरो ग्रैविटी एक्सपीरियंस डिजाइन करते हैं और उन्हें अंतरिक्ष की सैर के लिए तैयार करते हैं।
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वर्चुअल फैशन डिजाइनर-
अब फैशन डिजाइनर सिर्फ रैंप के लिए नहीं, मेटावर्स और गेमिंग वर्ल्ड के लिए भी काम कर रहे हैं। डिजिटल अवतारों के लिए यूनिक पहनावे डिजाइन करना आज का नया ट्रेंड है।
AI साइकोलॉजिस्ट-
AI साइकोलॉजिस्ट ये नहीं देखते कि मशीन क्या सोचती है, बल्कि वे यह समझते हैं कि इंसान मशीन से कैसा रिश्ता बना रहा है। क्या हम AI पर ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा कर रहे हैं? क्या हमें डरना चाहिए? ऐसे ही सवालों का जवाब ये लोग तलाशते हैं।
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