AI in Delhi School: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती महत्ता को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों में 8 मई से एक नया पाठ्यक्रम 'AI समर्थ' शुरू किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन (CSF) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के वाधवानी स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड AI द्वारा संयुक्त रूप से इस पाठ्यक्रम को लॉन्च किया जाएगा।
यह पहल भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को तकनीकी दुनिया के लिए तैयार करना है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से 11 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को AI की बुनियादी समझ, इसके कार्य करने के तरीके और वास्तविक जीवन में इसके अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
AI in Delhi School छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए लाभदायक-
'AI समर्थ' पाठ्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों के लिए भी प्रशिक्षण सामग्री प्रदान करता है। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "हमारा मानना है कि AI के क्षेत्र में छात्रों को सही मार्गदर्शन देने के लिए शिक्षकों का भी प्रशिक्षित होना आवश्यक है। इसलिए इस पाठ्यक्रम में शिक्षकों के लिए विशेष मॉड्यूल शामिल किए गए हैं।"
राजेंद्र नगर के सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्या सुनीता शर्मा कहती हैं, "डिजिटल युग में बच्चों को AI के बारे में बुनियादी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस पाठ्यक्रम से हमारे छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी।"
AI in Delhi School बहुभाषी पहुंच और ओपन-सोर्स सामग्री-
'AI समर्थ' पाठ्यक्रम की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी बहुभाषी उपलब्धता है। प्रारंभ में, यह पाठ्यक्रम पांच भाषाओं - हिंदी, मराठी, बंगाली, उड़िया और अंग्रेजी में उपलब्ध होगा। सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के निदेशक अमित गुप्ता के अनुसार, "हमारा उद्देश्य है कि AI शिक्षा देश के हर कोने तक पहुंचे। इसलिए हमने इसे विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। आने वाले छह महीनों में पूरी सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी और बाद में अन्य भाषाओं को भी जोड़ा जाएगा।"
सभी शिक्षण सामग्री ओपन-सोर्स होगी, जिसका अर्थ है कि स्कूल इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग कर सकते हैं या इसमें संशोधन कर सकते हैं। यह लचीलापन स्कूलों को अपने स्थानीय परिवेश और शिक्षण स्तर के अनुसार पाठ्यक्रम को अपनाने की सुविधा प्रदान करेगा।
AI की नैतिकता और जिम्मेदारी पर जोर-
'AI समर्थ' पाठ्यक्रम का एक प्रमुख उद्देश्य छात्रों को AI के नैतिक पहलुओं के बारे में जागरूक करना है। पाठ्यक्रम में AI के उपयोग से जुड़े नैतिकता, पूर्वाग्रह, गोपनीयता और जिम्मेदारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
IIT मद्रास के वाधवानी स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड AI के प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार कहते हैं, "आज के डिजिटल युग में AI तकनीक का प्रभाव हमारे जीवन के हर पहलू पर पड़ रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हमारी नई पीढ़ी न केवल इस तकनीक का उपयोग करना सीखे बल्कि इसके जिम्मेदारीपूर्ण और नैतिक उपयोग के प्रति भी जागरूक हो।"
छात्रों में उत्साह और अभिभावकों की प्रतिक्रिया-
नए पाठ्यक्रम की घोषणा के बाद छात्रों और अभिभावकों में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है। दिल्ली के वसंत कुंज के रहने वाले 13 वर्षीय अक्षय कुमार कहते हैं, "मुझे कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी में बहुत इंटरेस्ट है। AI के बारे में सीखने का मौका मिलेगा तो बहुत अच्छा लगेगा। मैं चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट कैसे काम करते हैं, यह जानना चाहता हूं।"
अक्षय के पिता रवि कुमार, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, का मानना है कि यह पहल बहुत सराहनीय है। वे कहते हैं, "आज के समय में AI की समझ होना बहुत जरूरी है। मुझे खुशी है कि स्कूलों में इस विषय को शामिल किया जा रहा है। इससे बच्चों का फ्यूचर ब्राइट होगा।"
AI शिक्षा का भविष्य-
'AI समर्थ' पाठ्यक्रम की सफलता के बाद इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना है। सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के प्रवक्ता के अनुसार, "हमारा उद्देश्य है कि अगले दो वर्षों में देश के सभी राज्यों के स्कूलों में इस पाठ्यक्रम को शामिल किया जाए। हम चाहते हैं कि भारत के हर बच्चे को AI की बुनियादी शिक्षा मिले।"
शिक्षाविदों का मानना है कि AI शिक्षा भविष्य में रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। शिक्षा मंत्रालय के एक सलाहकार ने बताया, "आने वाले दशक में AI से जुड़े क्षेत्रों में लाखों नौकरियां पैदा होंगी। इस पाठ्यक्रम से छात्रों को शुरुआती स्तर पर ही AI की समझ विकसित करने में मदद मिलेगी, जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगी।"
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'AI समर्थ' पाठ्यक्रम की शुरुआत भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि उन्हें AI के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के प्रति भी जागरूक करेगी। 8 मई को इस पाठ्यक्रम के औपचारिक लॉन्च के साथ, भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत होगी, जिसमें AI और प्रौद्योगिकी शिक्षा का अभिन्न अंग बनेगी।
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