CBSE 2025 Rules: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है, कि अब कोई छात्र बोर्ड परीक्षा तभी दे सकेगा, जब उसने तय मानकों के अनुसार, पढ़ाई और उपस्थिति पूरी की हो। यह कदम CBSE के हाल के वर्षों के सबसे सख्त नियमों में से एक माना जा रहा है।
दो साल की पढ़ाई अब अनिवार्य-
CBSE ने औपचारिक रूप से घोषणा की है, कि कक्षा X और XII अब दो साल की प्रोग्राम संरचना के तहत संचालित होंगे। इसका मतलब है, कि कक्षा IX और X मिलकर Class 10 की परीक्षा की पूरी तैयारी बनाते हैं, जबकि कक्षा XI और XII मिलकर Class 12 के लिए आधारशिला तैयार करते हैं। किसी भी विषय में शॉर्टकट लेने या फाउंडेशन क्लासेस छोड़ने वाले छात्र परीक्षा में बैठने के पात्र नहीं होंगे। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है, कि प्रत्येक विषय दो लगातार सालों तक पढ़ा जाना अनिवार्य है।
75% हाजिरी अनिवार्य-
बोर्ड ने यह स्पष्ट किया कि छात्रों को कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति बनाए रखनी होगी। स्कूलों को रोज़ाना उपस्थिति दर्ज करनी होगी और केवल गंभीर परिस्थितियों जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, पारिवारिक निधन या राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भागीदारी के मामले में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकती है, बशर्ते कि इसके लिए वैध दस्तावेज़ उपलब्ध हों। यदि कोई छात्र बिना कारण कम हाजिरी रखता है, तो वह बोर्ड परीक्षा के लिए अयोग्य माना जाएगा।
इंटरनल असेसमेंट अब अनिवार्य-
NEP-2020 के अनुसार, इंटरनल असेसमेंट अब एक अनिवार्य मूल्यांकन प्रक्रिया बन गई है। यह दो वर्षों में आयोजित की जाती है और इसमें पीरियॉडिक टेस्ट, प्रोजेक्ट और क्लासरूम पार्टिसिपेशन शामिल हैं। जो छात्र नियमित स्कूल में उपस्थित नहीं होंगे, वे इन असेसमेंट को मिस कर देंगे। बिना इंटरनल असेसमेंट रिकॉर्ड के, CBSE उनके परिणाम घोषित नहीं करेगा और उन्हें “Essential Repeat” कैटेगरी में रखा जाएगा।
अतिरिक्त विषयों पर सख्त नियम-
CBSE ने अतिरिक्त विषयों के लिए भी कड़े नियम बनाए हैं। कक्षा X के छात्र केवल दो अतिरिक्त विषय चुन सकते हैं और कक्षा XII के छात्र केवल एक अतिरिक्त विषय ले सकते हैं। ये विषय भी पूरे दो साल के प्रोग्राम में पढ़ना अनिवार्य हैं। बोर्ड ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि अनुमोदन के बिना विषय पढ़ाना अब स्वीकार्य नहीं होगा। यदि स्कूल में योग्य शिक्षक, लैब या CBSE की अनुमति नहीं है, तो छात्र इन विषयों में पंजीकरण नहीं कर पाएंगे।
प्राइवेट उम्मीदवार और रिपीटर्स-
जो छात्र पहले Compartment या Essential Repeat में रखे गए थे, वे प्राइवेट उम्मीदवार के रूप में पुनः परीक्षा दे सकते हैं। हालांकि, जो छात्र दो साल की पढ़ाई और उपस्थिति नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें प्राइवेट उम्मीदवार के रूप में अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति नहीं होगी।
क्यों है यह नोटिस महत्वपूर्ण-
यह कदम CBSE स्कूलों में अनुशासन और जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है। यह मुख्य रूप से उन छात्रों को लक्षित करता है जो बिना नियमित कक्षा में आए केवल नामांकन कर लेते हैं, उन स्कूलों को जो बिना अनुमोदन के विषय पढ़ाते हैं और उन छात्रों को जो इंटरनल असेसमेंट प्रक्रिया को बायपास करना चाहते हैं। बोर्ड ने यह सुनिश्चित किया है कि अब परीक्षा की योग्यता सीधे दो साल की क्लासरूम पढ़ाई, अनिवार्य उपस्थिति और निरंतर इंटरनल असेसमेंट से जुड़ी होगी।
ये भी पढ़ें- CAT 2025: बेस्ट कॉलेज में लेना चाहते हैं एडमिशन? योग्यता से कॉलेज लिस्ट तक सब जानिए
सुधार-
यह बदलाव NEP-2020 के अनुरूप है, जो रटने वाले, परीक्षा-केंद्रित शिक्षा के बजाय समग्र और निरंतर मूल्यांकन पर जोर देता है। छात्रों के लिए इसका मतलब यह है, कि कक्षा में सक्रिय भागीदारी और नियमित उपस्थिति बोर्ड एग्ज़ाम जितना ही महत्वपूर्ण है। स्कूलों के लिए यह संकेत है कि अनधिकृत विषय और खराब रिकॉर्ड-कीपिंग को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई और संभावित डिसअफिलिएशन की चेतावनी है।
ये भी पढ़ें- SSC-CGL Examination में गड़बड़ी से परीक्षा रद्द, जानिए कब आएगी नई एग्ज़ाम डेट