SSC-CGL Examination: कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त स्नातक स्तर की परीक्षा एक बार फिर विवादों में आ गई है। शुक्रवार को पूरे देश में होने वाली इस परीक्षा में कई केंद्रों पर तकनीकी खराबी और गलत व्यवस्था की वजह से बड़ी परेशानी हुई। दिल्ली-गुड़गांव समेत कई जगहों पर परीक्षा रद्द करना पड़ा, जिससे हजारों छात्रों का नुकसान हुआ।
इस परीक्षा के लिए कुल 28,14, 604 अभ्यर्थियों ने नाम दर्ज कराया है। परीक्षा 12 सितंबर से 26 सितंबर तक 129 शहरों के 260 केंद्रों पर हो रही है। लेकिन पहले ही दिन से समस्याएं शुरू हो गईं और बहुत से छात्रों को निराशा मिली।
दस दिन के अंदर आएगी नई डेट-
सीजीएल टायर वन के पहले दिन कई केंद्रों पर परीक्षा रद्द करनी पड़ी। दिल्ली के एक केंद्र पर लगे नोटिस में साफ लिखा था, कि दिल्ली और गुड़गांव की परीक्षा प्रशासनिक कारणों से टाल दी गई है। इन केंद्रों पर आने वाले अभ्यर्थियों को अब चौबीस, पच्चीस और छब्बीस सितंबर को परीक्षा देनी होगी।
VIDEO | Gurugram: SSC CGL examination reportedly cancelled at several centres due to technical issue. One of the candidates at an exam centre expressed anger over the mismanagement.
She says, "We have been told that the server is down. This has happened earlier as well. We… pic.twitter.com/b9brEgCXQc
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2025
जम्मू के डिजिटल कंप्यूटर शिक्षा केंद्र पर भी तकनीकी खराबी आई। पहली पारी में जो छात्र प्रभावित हुए, उन्हें छब्बीस सितंबर को फिर से परीक्षा देनी होगी। यह हालत उन छात्रों के लिए बहुत मुश्किल है जो दूर से आए थे। एसएससी के अध्यक्ष एस गोपालकृष्णन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, कि ज्यादातर केंद्रों पर परीक्षा ठीक से हुई, लेकिन गुड़गांव के एक बड़े केंद्र पर खराब व्यवस्था और तकनीकी खराबी हुई। उन्होंने वादा किया, कि प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए दस दिन के अंदर दिल्ली-गुड़गांव में नए केंद्र दिए जाएंगे।

छात्रों की समस्या और दर्द-
एमएम पब्लिक स्कूल गुड़गांव के छात्रों को ईमेल आई जिसमें लिखा था, कि 13 और 14 सितंबर की निर्धारित परीक्षा प्रशासनिक कारणों से रद्द हो गई है। सभी अभ्यर्थियों को बाद की तारीखों में दिल्ली में परीक्षा देनी होगी।
यह हालत उन छात्रों के लिए सबसे ज्यादा तकलीफदेह है, जो दूर के इलाकों से आए थे। उनका सफर का खर्च, होटल की बुकिंग सब बेकार हो गया। बहुत से छात्रों ने महीनों की मेहनत और पैसा खर्च करके इस परीक्षा की तैयारी की थी। अब उन्हें दोबारा योजना बनानी पड़ेगी।
पुराने मुद्दे-
यह पहली बार नहीं है, जब एसएससी की परीक्षाओं में ऐसी समस्याएं आई हैं। इससे पहले जुलाई और अगस्त में हुई सेलेक्शन पोस्ट फेज तेरह की परीक्षा में भी भारी कुप्रबंधन देखा गया था। उस समय भी सॉफ्टवेयर क्रैश, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन फेल और गलत केंद्र अलॉटमेंट की वजह से हजारों छात्रों को परेशानी हुई थी।
इसके बाद छात्रों ने जंतर मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बड़े विरोध प्रदर्शन किए थे। अगस्त में रामलीला मैदान में एक हजार से ज्यादा अभ्यर्थी और शिक्षक इकट्ठे हुए थे। पुलिस ने चालीस से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया था। छात्रों की मुख्य मांगों में एसएससी से जवाबदेही, ठेकेदार कंपनियों की समीक्षा और स्वतंत्र जांच शामिल थी। यह सब मांगें बिल्कुल सही थीं। क्योंकि छात्रों का भविष्य इन परीक्षाओं पर निर्भर करता है।
शनिवार को बेहतर प्रदर्शन-
दूसरे दिन यानी शनिवार को परीक्षाएं अपेक्षाकृत बेहतर रहीं। कोई बड़ी बाधा की रिपोर्ट नहीं आई और ज्यादातर केंद्रों पर परीक्षा ठीक से हुई। यह एक सकारात्मक संकेत था, कि एसएससी ने पहले दिन की समस्याओं से सीख ली।
एसएससी के सुधारों की घोषणा-
इन सब विवादों के बाद एसएससी ने कई सुधारों की घोषणा की है। आयोग ने मल्टी शिफ्ट परीक्षाओं के लिए संशोधित सामान्यीकरण पद्धति अपनाई है। अब इक्विपर्सेंटाइल विधि का उपयोग होगा, जो सभी पारियों में निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करेगी। एसएससी ने यह भी चेतावनी दी है, कि पब्लिक एग्जामिनेशन प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स एक्ट दो हजार चौबीस के तहत कोई भी अनुचित साधन का उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य हैं।
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छात्रों का भविष्य-
इन सब समस्याओं के बावजूद भी लाखों छात्रों का सपना सरकारी नौकरी पाने का है। एसएससी की परीक्षाएं ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों के लिए रास्ता हैं। हर साल करोड़ों अभ्यर्थी इन परीक्षाओं में भाग लेते हैं, क्योंकि सरकारी नौकरी की सुरक्षा और सम्मान समाज में अलग है।
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