Truth of Free Scheme: आज के इस ज़माने में राजनीती का मतलब फ्री सुविधाएं देना हो गया है। आज हर राजनीतिक पार्टी जनता को लुभाने और अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए जनता को फ्री सुविधाओं का लालच देती है। जिसके लिए सरकार के द्वारा आए दिन नई-नई योजनाएं शुरु की जाती है। कुछ पार्टियां जनता को लुभाने के लिए लोन माफी देती है तो कुछ फ्री सुविधाएं देकर जनता को अपनी ओर करने की कोशिश करते हैं। कभी प्रधानमंत्री की ओर से फ्री गैस कनेक्शन, फ्री बिजली की सुविधा देने का ऐलान किया जाता है तो कभी राज्य सरकार लोगों को फ्री परिवहन की सुविधा और मुफ्त बिजली देती है। पर सवाल यह है कि ये सुविधाएं सच में जनता को लाभ पहुंचाती भी है या नहीं?
सभी लोगों को उपलब्ध नहीं-
बहुत सी जगहों पर ऐसा देखा गया है जहां लोगों तक यह सुविधाएं पहुंचती ही नहीं है। साथ ही बहुत से राज्यों में तो ये सुविधाएं सिर्फ नाम मात्र हैं। जैसे आयुष्मान कार्ड की ही बात ले लिजिए जिसके मुताबिक लोगों को मुफ्त में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका लाभ लेने के लिए कौन सा परिवार एलिजिबल है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार में 16-59 वर्ष की आयु का कोई कमाने वाला नहीं होना चाहिए।
योजना के लिए एलिजिबिलिटी-
इसके तहत जिस परिवार का मकान पक्का है वह इसका लाभ नहीं उठा सकता। यानी कि पात्रता के लिए उस परिवार का कच्चा मकान होना चाहिए। इसके अलावा जिस परिवार के पास किसी तरह का वाहन है वह इसका लाभ नहीं उठा सकता है। इसके साथ ही एक और सबसे बड़ी शर्त तो यह है कि जिस परिवार में किसी सदस्य की सैलरी अगर 10,000 या उससे ज्यादा है तो वह भी इसका लाभ नहीं उठा सकता।
शर्तों पर ध्यान-
अगर इन शर्तों पर ध्यान दिया जाए तो मध्य वर्ग के परिवार के लिए यह सुविधा तो है ही नहीं। इसके साथ ही सरकार ने सभी को पक्का मकान दिलवाने की भी योजना शुरु की है जिसके मुताबिक लोग लोन लेकर अपना पक्का मकान बनवा सकते हैं। यानी सरकार ने खुद ही उन लोगों को इस लिस्ट से बाहर कर दिया। इसके अलावा आप खुद सोचिए आज के इस ज़माने में महंगाई आसमान छू रही है और किसी भी परिवार गुज़ारा सिर्फ 10,000 की सैलरी में तो हो ही नहीं सकता। खास कर जिस घर में माता-पिता और बच्चे हों। इतनी सैलरी में घर चलाना तो नामुमकिन है। साथ अर इससे कम सैलरी है तो आप तो लोन ले ही नहीं सकते।
योजना के तहत लाभ नहीं-
लोग अपने परिवार को चलाने के लिए कहीं ना कहीं से इतने या इससे ज्यादा की कमाई का सोर्स ढूंढते ही होंगे। बहुत से घरों में माता अपने घर के साथ-साथ बाहर भी काम करने चली जाती हैं, जिससे उनके घर परिवार की ज़रुरतों को पूरा किया जा सके। इसका मतलब यह हुआ कि जो अपने घर को चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं सरकार उन्हें इस योजना के तहत लाभ नहीं देगी। यानि भारत की आधे से ज्यादा आबादी तो मध्य वर्ग है जिसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस समय खुद सिलेंडर की कीमत हज़ार रुपए तक है उस पर सब्जियों के दाम और पढ़ाई का खर्चा आसमान छू रहा है तो लोग 10,000 की सैलरी में कैसे गुज़ारा कर सकते हैं। (Truth of Free Scheme)
हरियाणा और दिल्ली (Truth of Free Scheme)-
इसके अलावा राज्य सरकार कि योजना की बात कि जाए तो हरियाणा और दिल्ली दोनों ही जगहों पर सरकार द्वारा बिजली फ्री की सुविधा दी गई है। हरियाणा सरकार की बिजली माफी योजना का लाभ उठाने के लिए आपकी सालाना आय 1 लाख रुपए होनी चाहिए। यानि इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकते हैं जिनकी एक महीने की सैलरी 10,000 रुपए भी नहीं है। अब आप ही सोचिए की इतनी कम आय में आज के इस ज़माने में कौन ही इतनी तम सैलरी में रह पाता होगा। साथ ही जिसकी सैलरी इससे कम होगी उसका उसके गांव के अलावा कहीं घर ही नहीं होगा। क्योंकि इतनी कम सैलरी वाला व्यक्ति घर कैसे खरीद सकता है। जब वह घर ही नहीं खरीदेगा तो बिजली योजना का लाभ कैसे उठा सकता है। (Truth of Free Scheme)
लोगों को फ्री सुविधाएं (Truth of Free Scheme)-
इसके साथ ही दिल्ली में फ्री सुविधाओं की बात कि जाए तो सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों को फ्री सुविधाएं तो दी जाती है लेकिन इसका खर्च अन्य राज्यों के लोगों से वसूला जाता है। अगर फ्री लाभ लेने वाले लोगों की बात की जाए तो उन्हें यह लगता है कि यह फ्री है लेकिन आखिर सरकार के पास इतना पैसा कहा से आता है। इन सभी खर्चों की पुर्ति के लिए जनता से ही पैसा वसूला जाता है। क्योंकि इन फ्री सुविधाों का असर अन्य चीज़ों के दामों पर ही पड़ता है। महंगाई बढ़ती है और जनता की जेब खाली होती है। आईए इसे उदाहरण के साथ समझते हैं।
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(Truth of Free Scheme) उदाहरण-
सिलेंडर पर सब्सिडी की सुविधा इसका एक अच्छा उदाहरण है। जब शुरुआत में एलपीजी सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए थे। तब यह कहा गया था कि बढ़ाए गए पैसे आपको सब्सिडी के तौर पर दिए जाएंगे। समय के साथ-साथ इसके दाम बढ़ते चले गए। लेकिन सब्सिडी को बंद कर दिया गया। अब सब्सिडी तो बंद हो गई लेकिन सिलेंडर के दाम तो बढ़ गए। इससे सरकार ने आपको आपके ही पैसों से सरकारी लाभ भी दे दिया और सिलेंडर के दाम भी बढ़ गए और आपका ध्यान भी नहीं गया कि सिलेंडर महंगा हो गया। ऐसी बहुत सी सुविधाएं है जिन पर विस्तार से सोचने की ज़रुरत है। इससे यह बात सच होती है कि फ्री की चीज़ हमेशा अच्छी नहीं होती। (Truth of Free Scheme)
सरकार तभी कोई योजना शुरु करती है। जिसमें उसका लाभ ज़रुर हो। अब आप सोचिए की सरकार की कमाई आखिर कैसे होती है। सरकार खुद अपने हिसाब से तो नोट नहीं छापती है ना कि चलो इतने रुपयो कि ज़रुरत है तो छाप लेते हैं। ऐसा नहीं है सरकार के पास जो भी पैसा उसमें देश की जनता का बड़ा योगदान होता है। हमारा कहना यह नहीं है कि यह सुविधाएं खराब है। हमारा मानना है कि अगर सरकार सच में जनता की मदद करना चाहती है तो उन्हें इन योजनाओं की एलिजिलिटी पर खास ध्यान देने की ज़रुरत है।
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