Ways to Improve Memory: जब बच्चे अपने जीवन के उस महत्वपूर्ण दौर में होते हैं, जहां उनका दिमाग तेजी से बढ़ रहा होता है। इस बढ़ती उम्र में उनके मस्तिष्क को सिर्फ पढ़ाई और गृहकार्य पूरा करने से कहीं ज्यादा की जरूरत होती है। असली बुद्धिमत्ता पोषण से आती है, जो उनके दिमाग का ईंधन है। लेकिन दुख की बात यह है, कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में माता-पिता अक्सर बच्चों को आसान खाना जैसे बोरिंग दलिया या पैकेट वाले नाश्ते दे देते हैं, जो सिर्फ पेट भरने का काम करते हैं, दिमागी विकास का नहीं।
सही पोषण क्यों जरूरी है?
पोषण सिर्फ शारीरिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि याददाश्त, एकाग्रता और पूरे दिमागी विकास के लिए भी बुनियादी ढांचे का काम करता है। जब बच्चे स्कूल में परेशानी करते हैं या उन्हें ध्यान लगाने में समस्या आती है, तो माता-पिता को समझना चाहिए, कि यह सिर्फ उनका आलस्य नहीं है। यह उनके दिमाग को सही ईंधन न मिलने का परिणाम हो सकता है।
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाग्र गुप्ता का कहना है, कि कुछ खास पोषक तत्व ऐसे होते हैं, जो बच्चों की सीखने की कठिनाइयों को दूर करने में मदद करते हैं और न्यूरो डेवलपमेंट संबंधी विकारों के लक्षणों को भी सहारा देते हैं।
एडीएचडी और पोषण का रिश्ता-
एडीएचडी (अवधान न्यूनता अतिसक्रियता विकार) आजकल स्कूली उम्र के बच्चों में बहुत आम समस्या बन गया है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, एडीएचडी का मतलब है “असावधानी और अतिसक्रियता की लगातार समस्या, जो काम या विकास में बाधा डालती है।”
डॉ. गुप्ता के अनुसार, “जिन बच्चों को एडीएचडी जैसी चुनौतीपूर्ण सीखने की कठिनाइयां होती हैं, उनके लिए ओमेगा-3 की मात्रा बढ़ाना और खून में चीनी का बेहतर प्रबंधन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।” यह बात सिर्फ एडीएचडी के लिए ही नहीं, बल्कि सामान्य एकाग्रता और ध्यान की समस्याओं के लिए भी लागू होती है।
6 दिमाग के दोस्त खाद्य पदार्थ जो बनाएं आपके बच्चे को तेज
1. चर्बी वाली मछली-
रावस, बांगड़ा और सार्डिन जैसी तेल वाली मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो दिमागी विकास के लिए मुख्य पोषक तत्व हैं। ये अच्छी चर्बी याददाश्त सुधारने, एडीएचडी के लक्षण कम करने, और तंत्रिका संपर्कों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। अगर आपको ये आयातित मछली नहीं मिल रही, तो स्थानीय ताजी नदी की मछली भी अच्छा विकल्प है।
2. अंडे-
अंडे सबसे बेहतरीन दिमागी भोजन में से एक हैं क्योंकि इनमें कोलीन होता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन के लिए जरूरी है। चाहे आप मसाला अंडा बनाएं या परांठे में डालकर खिलाएं, अंडे एकाग्रता और ध्यान को शानदार बनाते हैं।
3. बेरीज-
इन्हें मिश्रित पेय में मिलाएं या स्वस्थ नाश्ते के रूप में परोसें। बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो दिमागी कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।
4. हरी पत्तेदार सब्जियां-
पालक, मेथी, और सरसों का साग फोलेट, विटामिन के और आयरन से भरपूर होते हैं। ये सभी पोषक तत्व एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं और दिमागी गिरावट को रोकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि ये आसानी से मिलने वाली सब्जियां हैं और भारतीय करी और दाल के व्यंजनों में खूबसूरती से शामिल हो जाती हैं।
5. बीज और मेवे-
अखरोट, बादाम, और कद्दू के बीज में विटामिन ई और स्वस्थ चर्बी होती है जो दिमागी कोशिकाओं की मदद करते हैं। इन्हें नाश्ते के रूप में दें या घर का बना मिश्रित सूखे मेवे बनाएं। छोटे बच्चों में हमेशा एलर्जी की जांच करें।
6. साबुत अनाज-
ये जटिल कार्बोहाइड्रेट और बी विटामिन के साथ लंबे समय तक टिकने वाली ऊर्जा देते हैं। यह स्कूल के दौरान ध्यान और एकाग्रता बनाए रखने में मदद करता है।
किन चीजों से करें बचाव-
डॉ. गुप्ता ने चेतावनी दी है कि “बहुत ज्यादा प्रोसेसिंग वाले नाश्ते, अतिरिक्त चीनी वाले मीठे पेय, और मिठाइयों से तुरंत ऊर्जा आती है और फिर गिर जाती है जो सीधे एकाग्रता और भावनाओं को प्रभावित करती है।” इसकी बजाय प्राकृतिक विकल्प चुनें जो लंबी ऊर्जा देते हैं।
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माता-पिता की जिम्मेदारी-
बच्चों की प्राकृतिक प्रवृत्ति पैकेट वाले खाने की तरफ होती है, लेकिन माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा दें। यह सिर्फ एक दिन का काम नहीं है, बल्कि लगातार कोशिश की जरूरत होती है।
सही पोषण के साथ आप देखेंगे, कि आपके बच्चे की स्कूली कारकर्दगी में जबरदस्त सुधार आएगा। याददाश्त तेज होगी, एकाग्रता बढ़ेगी, और पूरा दिमागी विकास भी बेहतर होगा।
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