Delhi Flood Alert
    Photo Source - Google

    Delhi Flood Alert: राजधानी दिल्ली के लिए एक बार फिर यमुना नदी चिंता का कारण बन गई है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसके बाद अधिकारियों ने तुरंत बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय (MHA) के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की चार टीमों को शहर के विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है।

    रिकॉर्ड तोड़ जलस्तर से बढ़ी परेशानी-

    सुबह 5 बजे तक पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 206.78 मीटर तक पहुंच गया है, जो सरकारी अनुमान 206.50 मीटर से भी ऊपर है। यह स्थिति काफी चिंताजनक है, क्योंकि पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अधिकारियों का कहना है, कि अभी भी जलस्तर में वृद्धि जारी है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और भी बढ़ गया है।

    कल से ही यमुना के फ्लूडप्लेन्स में पानी भरना शुरू हो गया था, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। यह दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती है, खासकर उन लोगों के लिए जो नदी के किनारे रहते हैं।

    NDRF की चार टीमों की तैनाती-

    गृह मंत्रालय की तरफ से तुरंत कार्रवाई करते हुए NDRF की चार टीमों को अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया है। ये टीमें इमरजेंसी के लिए पूरी तरह से एक्यूपाइड हैं और किसी भी प्रकार की रेस्क्यू के लिए तैयार हैं। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रिय घटना से बचाव करना है।

    आम जनता के लिए सुरक्षा के उपाय-

    इस गंभीर स्थिति में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर हालात को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं। नागरिकों से अपील की गई है, कि वे यमुना के किनारे जाने से बचें और अपने घरों में सुरक्षित रहें। जिन इलाकों में बाढ़ का तुरंत खतरा है, वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी भी की जा रही है।

    प्रशासन का कहना है, कि निगरानी व्यवस्था 24 घंटे चालू है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना है, जिससे हालात और भी मुश्किल हो सकते हैं।

    ये भी पढ़ें- 7 साल से लापता पति Instagram Reel में मिला दूसरी औरत संग, पत्नी की शिकायत पर गिरफ्तार

    पिछली बाढ़ की यादें और सबक-

    दिल्ली में यमुना की बाढ़ कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भी इसी तरह की परिस्थितियां आई हैं, जिनसे काफी नुकसान हुआ है। लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं और संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ है। इस बार अधिकारी पहले से ही एहतियाती कदम उठा रहे हैं, ताकि नुकसान को कम से कम रखा जा सके।

    ये भी पढ़ें- पंजाब में बाढ़ का कहर, हजारों गांव डूबे, 61000 हेक्टेयर खेत डूबे और 11330 लोगों..