Missing Husband
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    Missing Husband: जब आज के दौर में सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है, तो कभी-कभी यह ऐसे राज़ उजागर करता है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। हरदोई, उत्तर प्रदेश की एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जो दिखाती है, कि कैसे एक Instagram की रील ने सात साल से लापता एक व्यक्ति का पता लगा दिया। जितेंद्र कुमार, जिसे बाबलू के नाम से भी जाना जाता है, 2018 से गायब था। उसकी पत्नी शीलू ने एक रील में अपने पति को दूसरी औरत के साथ देखा और इसी के साथ खुला एक ऐसा राज़ जिसने सभी को हैरान कर दिया।

    प्रेम से विवाह, फिर दहेज की मांग-

    जितेंद्र और शीलू की शादी 2017 में हुई थी। नई नवेली दुल्हन के लिए यह खुशियों भरा वक्त होना चाहिए था, लेकिन जल्द ही उसकी जिंदगी में तूफान आ गया। शादी के एक साल के अंदर ही रिश्ते में खटास आ गई। शीलू का आरोप है, कि उसके साथ दहेज के लिए प्रताड़ना की गई। सोने की चेन और अंगूठी की मांग की गई और जब यह पूरी नहीं हुई, तो उसे घर से निकाल दिया गया। यह वही पुराना फॉर्मूला है, जो आज भी कई घरों में देखने को मिलता है, शादी के बाद दहेज की मांगें और फिर महिला का अपमान।

    बेटे के जन्म के बाद गायब हो गया पिता-

    2018 में जब शीलू के बेटे का जन्म हुआ, तो लगा था, कि शायद यह खुशी की खबर रिश्ते में मिठास लेकर आएगी। लेकिन इसके बजाय जितेंद्र गायब हो गया। एक नया बाप बनने के तुरंत बाद ही वह घर से निकला और फिर कभी वापस नहीं आया। यह सिर्फ एक पारिवारिक समस्या नहीं थी, बल्कि एक पिता की अपनी जिम्मेदारियों से भागने की कहानी थी। छोटे बच्चे को अपने बाप की जरूरत होती है, लेकिन जितेंद्र ने इस जिम्मेदारी को बोझ समझा।

    पुलिस केस और परिवार पर शक-

    20 अप्रैल, 2018 को जितेंद्र के पिता ने लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। फिर शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला। जितेंद्र के पिता ने शीलू के परिवार पर आरोप लगाया, कि उन्होंने उसके बेटे को मार दिया है और शरीर को छुपा दिया है। यह आरोप न सिर्फ गंभीर था, बल्कि शीलू के परिवार के लिए एक नई मुसीबत बन गया। दोनों परिवारों के बीच अविश्वास का माहौल बन गया।

    सात साल का इंतज़ार और एक औरत का धैर्य-

    इन सब आरोपों के बीच शीलू अपने मायके में रहकर अपने पति के वापस आने का इंतज़ार करती रही। सात लंबे साल तक उसने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। एक अकेली मां की तरह अपने बेटे को पालना, समाज के सवालों का सामना करना और साथ ही अपने पति की वापसी की आस में जीना, यह किसी भी औरत के लिए आसान नहीं था। लेकिन शीलू ने इस कठिन दौर में भी हिम्मत नहीं हारी। वह अक्सर सोचती होगी, कि क्या उसका पति जिंदा है या मर गया है।

    टेक्नोलॉजी का कमाल-

    टेक्नोलॉजी का यह कमाल देखिए, कि जो काम पुलिस की पूरी जांच टीम नहीं कर सकी, वह एक Instagram की रील ने कर दिखाया। 2025 में शीलू अपना फोन चला रही थी, जब अचानक उसकी नज़र एक रील पर गई। उस रील में एक आदमी दूसरी औरत के साथ नज़र आ रहा था और शीलू ने तुरंत पहचान लिया, कि यह उसका पति जितेंद्र है। यह किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं था।

    लुधियाना में नई जिंदगी-

    शीलू ने तुरंत कोतवाली संडीला पुलिस को इस बारे में बताया। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला, कि जितेंद्र ने अपना गायब होना फेक किया था। वह पंजाब के लुधियाना शहर चला गया था और वहां उसने दूसरी शादी कर ली थी। सात साल तक वह एक नई पहचान के साथ आराम से जी रहा था, जबकि उसकी पहली पत्नी और बेटा उसका इंतज़ार कर रहे थे। यह विश्वासघात की हद है, कि एक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों से भागकर नई जिंदगी शुरू कर ले।

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    कानूनी कार्रवाई और न्याय की उम्मीद-

    संडीला सर्कल ऑफिसर संतोष सिंह ने पुष्टि की, कि जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। शीलू की शिकायत और डिजिटल सबूतों के आधार पर उसके खिलाफ दो शादी, धोखाधड़ी और दहेज प्रताड़ना के मामले दर्ज किए गए हैं। यह केस दिखाता है, कि कैसे आधुनिक तकनीक और पारंपरिक पुलिस कार्य मिलकर न्याय दिला सकते हैं। जितेंद्र अब पुलिस हिरासत में है और कानूनी कार्रवाई जारी है।

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