Russia Volcanic Eruption
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    Russia Volcanic Eruption: एक बार फिर प्रकृति ने अपनी ताकत दिखाई है। क्लुचेवस्कॉय ज्वालामुखी, जो रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से में स्थित है, में बुधवार को अचानक जोरदार विस्फोट हुआ। यह घटना उस समय हुई जब कुछ घंटे पहले ही इस इलाके में तेज भूकंप के झटके आए थे। इस भूकंप की वजह से प्रशांत महासागर के किनारे रहने वाले लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े और सुनामी की चेतावनी भी दी गई।

    ज्वालामुखी में भयानक धमाके-

    रूसी भूभौतिकी सर्वे ने अपने टेलीग्राम पर इस खबर की जानकारी दी। उन्होंने बताया, कि “क्लुचेवस्कॉय इस वक्त फूट रहा है।” सर्वे की टीम ने ज्वालामुखी की चोटी पर नारंगी रंग की आग की तस्वीरें भी साझा कीं। इन तस्वीरों में साफ दिख रहा था, कि कैसे लाल गर्म लावा ज्वालामुखी की पश्चिमी ढलान से नीचे की तरफ बह रहा है। सबसे डरावनी बात यह है, कि ज्वालामुखी के ऊपर एक तेज रोशनी नजर आ रही है और लगातार धमाके हो रहे हैं। यह दृश्य देखने में जितना शानदार लग रहा है, उतना ही खतरनाक भी है। आसमान में उठता धुआं और आग के गोले इस बात का सबूत हैं, कि यह कोई मामूली घटना नहीं है।

    भूकंप से शुरू हुई यह आपदा-

    इस ज्वालामुखी फटने से पहले इस क्षेत्र में बड़े भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी, कि अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी। प्रशांत तट के कई हिस्सों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजना पड़ा क्योंकि सुनामी का खतरा मंडरा रहा था। यह संयोग काफी दुर्लभ होता है, जब भूकंप के तुरंत बाद ज्वालामुखी की गतिविधि शुरू हो जाए। वैज्ञानिकों का मानना है, कि भूकंप के कारण धरती की परतों में जो हलचल हुई, उसका सीधा असर ज्वालामुखी की गतिविधि पर हो सकता है। जमीन के अंदर का दबाव बढ़ने से लावा ऊपर आने को मजबूर हो गया।

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    रूस का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी-

    क्लुचेवस्कॉय ज्वालामुखी रूस के कामचटका प्रायद्वीप में स्थित है और यह दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक माना जाता है। यह लगभग 4,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी अप्रत्याशित प्रकृति के लिए प्रसिद्ध है। इस ज्वालामुखी में पिछले कई सालों से रुक रुक कर गतिविधि चलती रहती है। स्थानीय निवासियों के लिए यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार का विस्फोट पहले वाले विस्फोटों से कहीं ज्यादा तीव्र लग रहा है। लावा का बहाव और लगातार धमाके इस बात का प्रमाण हैं, कि यह एक बड़ी ज्वालामुखीय घटना है। पहाड़ से निकलती आग और धुआं कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रहा है।

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