Pakistan Army
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    Pakistan Army: पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनिर ने बलूचिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन हाईजैक हमले को लेकर गहरा आक्रोश जताया है। इस हमले के दौरान बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान के सैनिकों को निशाना बनाया, जिसके बाद जनरल मुनिर ने पाकिस्तान को एक 'सख्त देश' बनाने की आवश्यकता की बात की। जनरल मुनिर का मानना है कि पाकिस्तान के अस्तित्व को बचाने के लिए कट्टरपंथ के खिलाफ जंग जरूरी है।

    Pakistan Army प्रमुख का गुस्सा-

    इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और उनकी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में कहा कि देश में सही तरीके से शासन नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से सैनिकों की जान जा रही है। जनरल मुनिर ने सवाल उठाया, कि यह खामी कब तक पाकिस्तान सेना और उसके सैनिकों के खून से भरी जाएगी। इस बैठक में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे, हालांकि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इसका बहिष्कार किया।

    Pakistan Army बलूच लिबरेशन आर्मी का हमला-

    बता दें कि यह हमला बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के मजीद ब्रिगेड द्वारा किया गया था। बलूचों का दावा है कि इस हमले में 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। इस हिंसक घटना ने पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनरल मुनिर ने कहा कि यह लड़ाई केवल पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए नहीं है, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए भी जरूरी है।

    Pakistan Army भारत और अफगानिस्तान पर आरोप-

    इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने भारत और अफगानिस्तान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बलूच लिबरेशन आर्मी की मदद की है। पाकिस्तान का कहना है कि दोनों देशों ने इस आतंकवादी हमले को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, इन आरोपों को लेकर कोई ठोस प्रमाण अभी तक सामने नहीं आए हैं।

    सेना प्रमुख ने दी प्रधानमंत्री को सलाह-

    जनरल मुनिर ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को कड़ी सलाह देते हुए कहा, कि अगर पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा और भविष्य बचानी है, तो उसे देश में सख्त शासन लागू करना होगा। उन्होंने यह भी कहा, कि अगर सरकार सही कदम नहीं उठाती, तो पाकिस्तान के सामने गंभीर संकट आ सकता है।

    क्या कहती है पाकिस्तानी राजनीति?

    पाकिस्तानी राजनीति में इस घटना के बाद विवाद गहरा गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में जनरल मुनिर के हमले ने देश की सियासी हलचल को और बढ़ा दिया है। पीटीआई, जो इस बैठक का हिस्सा नहीं बनी, ने सरकार पर अपनी आलोचनाओं के बाण चलाए हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में शासन का ढांचा इतना कमजोर हो चुका है कि सेना को सड़कों पर उतरकर सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी पड़ रही है।

    पाकिस्तान में बढ़ता कट्टरवाद और सुरक्षा संकट-

    पाकिस्तान में बढ़ते कट्टरवाद और आतंकवाद के मुद्दे पर जनरल मुनिर ने यह भी कहा कि देश को अपनी सुरक्षा नीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। अगर पाकिस्तान को स्थिर और सुरक्षित बनाना है, तो उसे अपनी सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा पर कड़ी नजर रखनी होगी।

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    क्या आगे बढ़ेगा पाकिस्तान?

    अब सवाल यह उठता है, कि क्या पाकिस्तान अपने शासन की खामियों को सुधार पाएगा और अपने सेना प्रमुख के सुझावों को गंभीरता से लेगा? क्या सरकार, सेना और राजनीतिक दल एकजुट होकर देश को संकट से उबारने के लिए ठोस कदम उठाएंगे? यह देखने वाली बात होगी।

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