Imran Khan
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    Imran Khan: बुधवार को अफगानिस्तान की मीडिया ने एक बड़ा दावा किया, कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रावलपिंडी की अदियाला जेल में मौत हो गई है। यह खबर सुनते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तूफान आ गया। लोगों ने इमरान खान की मौत से जुड़े पोस्ट शेयर करने शुरू कर दिए। लेकिन अभी तक न तो पाकिस्तान सरकार और न ही वहां की सेना ने इस खबर की पुष्टि की है।

    यह पहली बार नहीं है, जब इमरान खान की मौत की अफवाह फैली हो। इसी साल मई में भी ऐसी ही खबरें सामने आई थीं, जो बाद में फर्जी साबित हुईं। ऐसे में सवाल उठता है, कि आखिर क्यों बार-बार इमरान खान की सेहत और जान को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं?

    हजारों समर्थकों ने घेरी जेल-

    मंगलवार को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के हजारों समर्थक अदियाला जेल के बाहर इकट्ठा हो गए। उनकी मांग साफ थी, अधिकारी उनके लीडर की सेहत के बारे में सही जानकारी दें। इस भीड़ को संभालने के लिए सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को जेल के बाहर तैनात किया गया था ताकि कोई अप्रिय घटना न हो जाए।

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान की बहनों अलीमा खान, डॉ उज्मा और नूरीन नियाजी समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने फैक्ट्री नाका पर धरना दिया। उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया था। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस वहदत-ए-मुस्लिमीन (MWM) के नेता अल्लामा राजा नासिर के अनुरोध पर यह धरना खत्म किया गया।

    परिवार के साथ बदसलूकी के आरोप-

    PTI की इस्लामाबाद यूनिट ने एक वीडियो इंटरव्यू शेयर किया, जिसमें इमरान की बहन अलीमा खान को कहते हुए सुना जा सकता है, “9 मई, 4 अक्टूबर और 26 नवंबर के सभी शहीदों के परिवार शाम 5 बजे हयातबाद, पेशावर आएंगे। हम भी इंशाअल्लाह उन परिवारों के साथ शामिल होंगे और आप सभी को भी वहां जाना चाहिए। उन्हें पहचानें और उन्हें वह इज्जत दें जो उनका हक है।”

    स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान इमरान खान की बहनों के साथ बदसलूकी की गई। अलीमा ने पिछले हफ्ते अपने और अपनी बहनों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की भी निंदा की।

    आर्मी चीफ को दी थी जमकर फटकार-

    पिछले महीने इमरान खान ने आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मुनीर ताकत के जोर पर पाकिस्तान को एक “हार्ड स्टेट” में बदल रहे हैं। 73 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान कई मामलों में दो साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं।

    इमरान ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा था, “असली मायने में एक हार्ड स्टेट का मतलब ऐसा देश है जहां संविधान की सर्वोच्चता, कानून का राज, न्याय और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता मौजूद हो। लेकिन आसिम मुनीर का ‘हार्ड स्टेट’ का वर्जन एक ऐसी व्यवस्था है जहां सभी लोकतांत्रिक स्तंभों को कुचल दिया जाता है और ‘आसिम लॉ’ से बदल दिया जाता है।”

    उन्होंने आगे कहा था, “यह बात साफ होनी चाहिए कि कोई भी राज्य अपने लोगों के समर्थन और सहमति के बिना कभी ‘हार्ड’ या मजबूत नहीं बन सकता। तथाकथित आसिम लॉ के तहत किए जा रहे अत्याचार राज्य को मजबूत नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसकी नींव को कमजोर कर रहे हैं।”

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    जनता में बढ़ती बेचैनी-

    इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में राजनीतिक माहौल काफी गर्म रहा है। उनके समर्थकों का मानना है कि उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है और उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। वहीं, सरकार का कहना है, कि सभी मामले कानूनी प्रक्रिया के तहत चल रहे हैं।

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