Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही एक नए इमिग्रेशन क्रैकडाउन के तहत कई देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, एक मेमो में कुल 41 देशों को तीन अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया है।
Donald Trump पहले ग्रुप में 10 देश-
पहले ग्रुप में 10 देश शामिल हैं, जिनमें अफगानिस्तान, ईरान, सीरिया, क्यूबा और नॉर्थ कोरिया जैसे देश शामिल हैं। इन देशों पर पूर्ण वीज़ा निलंबन लागू किया जा सकता है, यानी इन देशों के नागरिकों को अमेरिका जाने के लिए कोई भी वीज़ा नहीं मिलेगा। यह कदम ट्रंप के पहले कार्यकाल में लागू किए गए ट्रैवल बैन की याद दिलाता है, जब 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा था।
Donald Trump दूसरे ग्रुप में 5 देश-
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दूसरे ग्रुप में 5 देश - इरिट्रिया, हैती, लाओस, म्यांमार और दक्षिण सूडान शामिल हैं। इन देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जिससे टूरिस्ट और स्टूडेंट वीज़ा के साथ-साथ अन्य इमिग्रेंट वीज़ा भी प्रभावित होंगे, हालांकि कुछ अपवाद भी हो सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है, कि इन देशों के साथ अमेरिका के संबंधों और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है।
🚨Update: Draft 3-tier Trump travel BAN to hit 43 countries! — NYT
NO ENTRY for 11 ‘red’ countries!
Visas for Russians, Belarusians and Pakistanis ‘sharply restricted!’
Many African nations on ‘yellow’ list! pic.twitter.com/pfap4YFbxV
— US Homeland Security News (@defense_civil25) March 15, 2025
Donald Trump तीसरे ग्रुप में पाकिस्तान और भूटान भी-
तीसरा ग्रुप सबसे बड़ा है, जिसमें पाकिस्तान, भूटान और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं। मेमो के अनुसार, इन देशों पर अमेरिकी वीज़ा जारी करने के आंशिक निलंबन पर विचार किया जाएगा, अगर उनकी सरकारें "60 दिनों के भीतर कमियों को दूर करने के लिए प्रयास नहीं करतीं"।
यह जानकारी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान और भूटान जैसे पड़ोसी देश शामिल हैं। हालांकि, अभी तक भारत का नाम इस लिस्ट में नहीं दिखा है।
अभी फाइनल नहीं हुई है लिस्ट-
रॉयटर्स ने एक अनाम अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया है कि इस लिस्ट में बदलाव हो सकते हैं और अभी तक इसे प्रशासन द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो की मंजूरी भी शामिल है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सबसे पहले इन देशों की सूची के बारे में रिपोर्ट दी थी। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया था, जिस नीति को कई बदलावों के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखा गया था।
ट्रंप का जनवरी 20 का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर-
ट्रंप ने 20 जनवरी को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था, जिसमें अमेरिका में रहने की इच्छा रखने वाले किसी भी विदेशी नागरिक की सुरक्षा जांच को और अधिक कड़ा करने की आवश्यकता बताई गई थी। प्रशासन का दावा था कि यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों का पता लगाने की उनकी नीति का हिस्सा है।
इस ऑर्डर में कई कैबिनेट सदस्यों को 21 मार्च तक उन देशों की एक सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, जिनसे यात्रा को आंशिक या पूर्ण रूप से निलंबित किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी "वेटिंग और स्क्रीनिंग जानकारी इतनी कमजोर है।"
अक्टूबर 2023 में ही दिए थे संकेत-
उन्होंने अक्टूबर 2023 के एक भाषण में अपनी योजना का संकेत दिया था, जिसमें उन्होंने गाजा पट्टी, लीबिया, सोमालिया, सीरिया, यमन और "कहीं भी जहां से हमारी सुरक्षा को खतरा है" के लोगों पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था। रॉयटर्स के अनुसार, स्टेट डिपार्टमेंट ने टिप्पणी के लिए तत्काल अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।
अमेरिकी नागरिकों और प्रवासियों पर प्रभाव-
यदि यह प्रतिबंध लागू होता है, तो इससे न केवल इन देशों के नागरिकों को अमेरिका की यात्रा करने में परेशानी होगी, बल्कि वहां रहने वाले प्रवासियों के परिवारों के विजिट और रियूनियन पर भी असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है, कि इससे अमेरिका और इन देशों के बीच राजनयिक तनाव भी बढ़ सकता है, खासकर उन देशों के साथ जिनके साथ अमेरिका के पहले से ही मजबूत संबंध हैं।
आलोचकों की प्रतिक्रिया-
इमिग्रेशन एक्टिविस्ट्स और मानवाधिकार संगठनों ने इस प्रस्तावित कदम की आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह अमेरिका के मूल्यों के खिलाफ है और अनावश्यक रूप से परिवारों को अलग करेगा। कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि ऐसे व्यापक प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के बजाय, अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और अमेरिका की वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकते हैं।
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भारत पर प्रभाव-
हालांकि इस लिस्ट में भारत का नाम नहीं है, लेकिन पड़ोसी देशों पाकिस्तान और भूटान पर संभावित प्रतिबंध भारतीय नागरिकों को भी परोक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं, खासकर उन्हें जो इन देशों के माध्यम से अमेरिका की यात्रा करते हैं या जिनके व्यापारिक संबंध हैं। इसके अलावा, यह कदम दक्षिण एशिया में अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे सकता है, जिसका भारत पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।
प्रस्तावित अवस्था-
यद्यपि यह मेमो अभी प्रस्तावित अवस्था में है, लेकिन इससे ट्रंप प्रशासन के इमिग्रेशन एजेंडे की स्पष्ट झलक मिलती है। अगले कुछ हफ्तों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह प्रस्ताव वास्तविकता बनेगा और किस रूप में। अंतरराष्ट्रीय समुदाय और प्रभावित देशों से प्रतिक्रियाएं आने की उम्मीद है, क्योंकि वे इस संभावित कदम के प्रभावों का आकलन करेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे।
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