Abu Kattal Death
    Photo Source - Google

    Abu Qatal Death: अबू कतल सिंधी, जिसे फैसल नदीम के नाम से भी जाना जाता है, शनिवार देर रात अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह कुख्यात आतंकवादी 2023 के राजौरी हमले और 2024 के रियासी बस हमले में शामिल था।

    Abu Qatal Death पाकिस्तान में अबू कतल की मौत की पुष्टि-

    खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और भारत का सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक, अबू कतल रविवार सुबह पाकिस्तान में मारा गया। अज्ञात हमलावरों ने शनिवार देर रात उसे गोली मारकर हत्या कर दी। अबू कतल 2002 में पाकिस्तान चला गया था और बाद में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था।

    जम्मू-कश्मीर में कई घातक हमलों को अंजाम देने में उसकी भूमिका के कारण, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और भारतीय सेना सहित भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए कतल एक उच्च प्राथमिकता वाला लक्ष्य बन गया था।

    Abu Qatal Death राजौरी और रियासी हमलों में शामिल था अबू कतल-

    अबू कतल ने 9 जून, 2024 को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बर्बर हमले में कई लोग मारे गए और कई घायल हुए थे। वह 2023 के राजौरी आतंकी हमले में भी शामिल था, जब आतंकवादियों ने 1 जनवरी को धंगरी गांव में नागरिकों को निशाना बनाया, जिसके बाद अगले दिन आईईडी विस्फोट हुआ। इन समन्वित हमलों में दो बच्चों सहित सात लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए।

    Abu Qatal Death एनआईए की जांच में खुलासा-

    एनआईए की जांच में अबू कतल का नाम प्रमुखता से सामने आया था, जिसने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलरों की भूमिका को उजागर किया। इन हैंडलरों का मकसद आतंकवादियों की भर्ती करना और उन्हें सीमा पार तैनात करना था, जिससे विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा सके।

    व्यापक जांच के बाद, एनआईए ने इस साल फरवरी में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें तीन पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर - अबू कतल, सैफुल्लाह उर्फ साजिद जट्ट (जिसे अली, हबीबुल्लाह और नौमान के नाम से भी जाना जाता है), और मोहम्मद कासिम शामिल थे। आरोप पत्र में विस्तार से बताया गया कि कतल ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    आतंकी नेटवर्क का खुलासा-

    एनआईए के निष्कर्षों से पता चला कि ये लश्कर-ए-तैयबा के कार्यकर्ता आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने और जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने, नागरिकों पर लक्षित हमले करने और अशांति पैदा करने की कोशिश करने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। उनके ऑपरेशन पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के सीधे निर्देशों के तहत संचालित किए गए थे, जिन्होंने दूर से हमलों का समन्वय किया था।

    लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख आतंकी था अबू कतल-

    अबू कतल लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख आतंकी था जिसने भारत में अशांति फैलाने के लिए कई आतंकी हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया। वह 2002 से पाकिस्तान में रह रहा था और वहां से भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहा था। उसकी मौत भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमलों का मुख्य सूत्रधार था। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसे किसने मारा और किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई।

    अबू कतल का आतंकी इतिहास-

    अबू कतल 2002 में भारत से पाकिस्तान चला गया था और वहां लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। वर्षों से वह भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा और जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ था। उसका नाम राजौरी और रियासी हमलों के अलावा भी कई अन्य आतंकी घटनाओं से जुड़ा हुआ था। भारतीय खुफिया एजेंसियां लंबे समय से उसकी गतिविधियों पर नज़र रख रही थीं और उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थीं।

    ये भी पढ़ें- नासा ने लॉन्च किया क्रू मिशन, जानें कब होगी सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी

    अबू कतल की मौत का असर-

    अबू कतल की मौत का भारत-पाकिस्तान संबंधों और क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह घटना लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक बड़ा झटका है और इससे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की क्षमताओं पर असर पड़ सकता है। भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के प्रमुख आतंकवादियों के खात्मे से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। हालांकि, वे यह भी चेतावनी देते हैं कि आतंकी संगठन अपने नेतृत्व में बदलाव कर सकते हैं और नए कमांडरों को तैयार कर सकते हैं।

    ये भी पढ़ें- Donald Trump का कठोर कदम, पाकिस्तान समेत इन 41 देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पर रोक