Sunita Williams
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    Sunita Williams: अंतरिक्ष में नौ महीने से फंसे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी का रास्ता अब खुल गया है। शुक्रवार को नासा और स्पेसएक्स ने सफलतापूर्वक एक क्रू मिशन को लॉन्च किया, जिससे इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी का इंतज़ार खत्म होगा। फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से शाम 7:03 बजे (स्थानीय समय) फाल्कन 9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार चार सदस्यीय टीम अंतरिक्ष की ओर रवाना हुई।

    Sunita Williams अंतरिक्ष में नया दल रवाना-

    इस टीम में नासा के एनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के अंतरिक्ष यात्री ताकुया ओनिशी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के किरिल पेस्कोव शामिल हैं। ये चारों क्रू-10 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जा रहे हैं, जहां वे सुनीता विलियम्स, बच विलमोर और दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का स्थान लेंगे।

    चारों अंतरिक्ष यात्रियों का यान 15 मार्च को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचकर डॉक करेगा। उसके बाद वे कुछ दिनों तक अंतरिक्ष की परिस्थितियों में ढलने का समय लेंगे और फिर क्रू-9 से स्टेशन का संचालन अपने हाथों में ले लेंगे। क्रू-9 को वापस आने का मौका 19 मार्च के बाद मिलेगा।

    Sunita Williams तकनीकी खराबी से रुका था मिशन-

    स्पेसएक्स और नासा ने पहले 12 मार्च को फ्लोरिडा से चार अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम भेजने की योजना बनाई थी, जिसे क्रू-10 मिशन नाम दिया गया था। लेकिन रॉकेट के ग्राउंड सिस्टम में अंतिम समय में आई समस्या के कारण इसे टालना पड़ा।13 मार्च को नासा ने बताया कि स्पेसएक्स ने इस समस्या का समाधान कर लिया है। दरअसल, हाइड्रोलिक क्लैंप आर्म में संदिग्ध हवा के पॉकेट को बाहर निकालना था। अब 15 मार्च को लॉन्च के लिए मौसम 95 प्रतिशत अनुकूल है।

    बोइंग के स्टारलाइनर में आई तकनीकी खराबी-

    अंतरिक्ष यात्री बच विलमोर और सुनीता विलियम्स पिछले नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। वे बोइंग के स्टारलाइनर यान से अपनी यात्रा पर गए थे। ये दोनों अंतरिक्ष यात्री, अमेरिकी नौसेना के टेस्ट पायलटों के साथ, बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान का परीक्षण करने वाले पहले इंसान बने थे।

    जो मिशन सिर्फ आठ दिनों का होना था, वह तकनीकी खराबियों के कारण नौ महीने तक खिंच गया। स्टारलाइनर यान में कई तकनीकी खामियां सामने आईं, जिनके कारण विलियम्स और विलमोर को वापस नहीं लाया जा सका। अंततः स्टारलाइनर खाली ही वापस लौटा, और सौभाग्य से इस दौरान कोई बड़ी समस्या नहीं आई।

    राजनीति में उलझा मिशन-

    इस मिशन को लेकर राजनीतिक विवाद भी उठा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सलाहकार एलन मस्क, जो स्पेसएक्स के सीईओ भी हैं, ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राजनीतिक कारणों से अंतरिक्ष यात्रियों को स्टेशन पर ही छोड़ दिया था।

    भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स का लंबा अनुभव-

    सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने अब तक 322 दिन से अधिक समय अंतरिक्ष में बिताया है और सात अंतरिक्ष वॉक भी किए हैं। 58 वर्षीय सुनीता अंतरिक्ष में रहने वाली सबसे अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। बुच विलमोर भी एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने पहले भी आईएसएस पर मिशन पूरे किए हैं। दोनों के लिए यह एक अप्रत्याशित चुनौती बन गई जब उन्हें अंतरिक्ष में पहले से कहीं ज्यादा समय बिताना पड़ा।

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    नए युग की अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा-

    इस घटना ने अंतरिक्ष में निजी कंपनियों के बढ़ते प्रभाव को भी उजागर किया है। जहां स्पेसएक्स ने अपने मिशनों में सफलता हासिल की है, वहीं बोइंग को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दोनों कंपनियां नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र की क्षमताओं का उपयोग करना है।

    सुनीता विलियम्स और बच विलमोर की वापसी न केवल उनके परिवारों के लिए राहत लाएगी, बल्कि यह अंतरिक्ष अन्वेषण के जोखिमों और चुनौतियों का भी एक स्मरण है। आने वाले दिनों में उनकी कहानी निश्चित रूप से अंतरिक्ष अभियानों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में याद की जाएगी।

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