Gemini AI: Google की पैरंट कंपनी अल्फाबेट ने बुधवार को सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा क्षमता वाला AI मॉडल Gemini लॉन्च किया है। यह गूगल का पहला AI मॉडल है, जो गूगल डिपार्टमेंट को अल्फाबेट की AI रिसर्च यूनिट Google डीपमाइंड और गूगल ब्रेन को मिलाकर डीपमाइंड के सीईओ डैमिस हैसबिस के नेतृत्व में एक सिंगल डिवीजन के रूप में बनाया गया था। AI के स्पेस में Gemini की टक्कर ओपन AI के चैट जीपीटी और के लामा 2 से हो होगी। जैमिनी मल्टी मॉडल नेचर का है यानी कि इसमें अलग-अलग प्रकार की जानकारियां जैसे कि कोड, टेक्स्ट, वीडियो, ऑडियो और इमेज को भी शामिल किया गया है। यह तीन साइज में उपलब्ध होने वाला है।
जैमिनी प्रो गूगल एआई स्टूडियो-
पहले कंपैक्ट टास्क के लिए अल्ट्रा, ऑन डिवाइस टास्क के लिए नैनो वर्जन और कई प्रकार के टास्क के लिए प्रो वर्जन डेवलपर के लिए जैमिनी प्रो गूगल एआई स्टूडियो और गूगल क्लाउड में जैमिनी वर्टेक्स एआई के जरिए 13 दिसंबर से उपलब्ध किया जाएगा। इसके साथ ही एंड्रॉयड डेवलपर्स के लिए जैमिनी नैनो एंड्रॉयड में AI के जरिए उपलब्ध होगा। इसे 6 दिसंबर से पिक्सल 8 में उपलब्ध करा दिया गया है और बाकी के एंड्रॉयड डिवाइस में इसका एक्सेस बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
जैमिनी नैनो पिक्सल-
जैमिनी नैनो पिक्सल 8 स्मार्टफोन में नए फीचर लाएगी, जैसे रिकॉर्डर ऐप में समराइज और जल्द ही यह बोर्ट में स्मार्ट रिप्लाई का भी फीचर देगी। सबसे पहले स्मार्ट रिप्लाई का फीचर व्हाट्सएप में आने वाला है। जैमिनी अल्ट्रा की बात की जाए तो यह अभी कुछ डेवलपर पार्टनर्स, सेफ्टी एंड रिस्पांसिबिलिटी एक्सपर्ट्स और ग्राहकों को मुहैया कराया गया है। जिससे कि इसकी शुरुआत का परीक्षण किया जा सके। इसके बाद से जैमिनी अल्ट्रा को अगले साल की शुरुआत से ही इंटरप्राइजेज डेवलपर्स के पेश कर दिया जाएगा।
बेहतर वर्जन का इस्तेमाल-
अपने सभी प्रोडक्ट्स जैसे कि क्रोम, डुएट, एड्स और सर्च में जैमिनी का इस्तेमाल गूगल करेगी। 6 दिसंबर से बोर्ड में प्लानिंग अंडरस्टैंडिंग और एडवांस्ड रीजनिंग के लिए जैमिनी प्रो के बेहतर वर्जन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। Gemini की क्षमता कैसी है इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि जैमिनी अल्ट्रा ने लार्ज लैंग्वेज मॉडल रिसर्च एंड डेवलप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले अकादमिक 32 बेंचमार्क में से 30 से बेहतर प्रदर्शन किया।
मल्टीटास्क लैंग्वेज-
एक ब्लॉग में इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि यह पहला मॉडल है, जिसमें एमएमएलयू यानी मैसेज मल्टीटास्क लैंग्वेज अंडरस्टैंडिंग बेंचमार्क पर ह्यूमन एक्सपट्र्स यानी कि इंसानों को पछाड़ दिया है। इस बेंचमार्क में इतिहास, गणित, भौतिकी, एथिक्स और मेडिसिन जैसे 57 विषय शामिल थे। इसमें दुनिया भर की समस्या सुलझाने की क्षमताओं का आकलन किया जाता है। सितंबर में गूगल ने यूट्यूब, जीमेल और AI टूल्स को अपने बोर्ड चैट बोर्ड में एड किया।
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जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल-
क्योंकि तकनीकी दिग्गज यूजर्स यह समझने की कोशिश कर रहे थे, कि जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल खतरनाक या सिर्फ एक सनक नहीं है वह माइक्रोसॉफ्ट जैसी क्षमताओं की पेशकश से काफी मेल खाती है, जो उसके ऑफिस 365 एप्स को AI तकनीक में शामिल करती है। हालांकि वह ग्राहकों के लिए अतिरिक्त लागत पर आती हैं और इसकी खोज इंजन बिंग पर चैट बोर्ड के माध्यम से उपलब्ध नहीं है।
नए उत्पादों पर खर्च-
जेनरेटेड चेट बोर्ट तक रहने की शक्ति की पुष्टि होना अभी बाकी है। इसके अलावा इस साल की शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट की खोज ओपन एआई आधारित चैट बोर्ड का एकीकरण गूगल सर्च के और गूगल के AI पर प्रभाव डालने में सफल रहा। हालांकि तकनीकी कंपनियां और सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि जेनरेटिव प्रौद्योगिकी का अगला बड़ा अध्याय है और उन्होंने अनुसंधान बुनियादी ढांचे और नए उत्पादों पर खर्च बढ़ा दिया है।
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