Haryana Police
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    Cyber Crime: इन दिनों डिजिटल स्कैम काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते भारत में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए 100 से ज्यादा वेबसाइटों को ब्लॉक करने के कड़े कदम उठाय हैं। यह सक्रिय कदम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत प्रावधानों के अनुरूप है। साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों को शामिल करने पर मंत्रालय का जोर दिया, जिसमें की राष्ट्रीय साइबर रिर्पोटिंग पोर्टल के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले फोन नंबरों और सोशल मीडिया हैंडल को तुरंत ही रिपोर्टिंग का आग्रह किया गया।

    कार्यवाही की सिफारिश-

    इस महत्वपूर्ण पहल को सुविधाजनक बनाने के लिए सूचना केंद्र जो एक व्यापक साइबर अपराध विरोधी है, इन धोखेबाज वेबसाइटों की पहचान कर रहे हैं और उनके विरुद्ध कार्यवाही की सिफारिश करने में सहायक है। विदेशी संस्थाओं द्वारा इन प्लेटफार्मस के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा था, डिजिटल विज्ञापन, चैट, मैसेंजर आदि शामिल है। गृह मंत्रालय के नेतृत्व की जांच में पता चला की वेबसाइटों के कार्य आधारित संगीत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    भारत से बाहर डाटा-

    इनमें अपराधों में अवैध लाभ कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टो करेंसी, विदेशी एटीएम निकासी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों समेत अलग-अलग चैनलों के माध्यम से भारत से बाहर डाटा भेजा गया था। इन धोखाधड़ी योजनाओं का प्राथमिक लक्ष्य महिलाएं, बेरोजगार युवा और रिटायर्ड पर्सन थे। इन धोखाधड़ी वली गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्कैमर्स गूगल और मेटा जैसे प्रमुख प्लेटफार्म पर के ज़रिए डिजिटल विज्ञापनों के माध्यम का इस्तेमाल करते हैं।

    घर बैठे जॉब-

    यह स्कैमर्स बहुत सी भाषाओं में घर बैठे जॉब जैसे आकर्षक का इस्तेमाल करके व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग प्लेटफार्म का ज़रिए स्कैम को अंजाम देते थे। यह घोटाले साधारण कार्यों से लेकर पीड़ित को निवेश के लिए प्रेरित भी किया करते थे। इसके बाद जब पीड़ित उनके झासें में आ जाते थे तो वह रकम जमा करने का लालच देकर उनके खाते को फ्रीज कर देते थे।

    मैसेजिंग प्लेटफार्म-

    ऐतिहासिक उपाय के रूप में नागरिकों को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि वह उच्च कमीशन वाली ऑनलाइन योजनाओं में शामिल होने और मैसेजिंग प्लेटफार्म पर अज्ञात व्यक्तियों के साथ वित्तीय लेनदेन से बचें। एक बयान में गृहमंत्री ने मनी लॉन्ड्रिंग आतंकी में संभावित भागीदारी और कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा खाते को फ्रीज करने समेत कानूनी अतिथियों की संभावना का हवाला देते हुए, नागरिकों से अज्ञात एकाउंट्स की लेनदेन के प्रति सचेत रहने आग्रह किया है।

    धोखाधड़ी से मिली रकम का नेटवर्क-

    जानकारी के मुताबिक, बड़े पैमाने पर आर्थिक धोखाधड़ी से मिली रकम का नेटवर्क विदेशी एटीएम निकासी इंटरनेशनल फिंच कंपनियों और क्रिप्टो करेंसी के जरिए भारत से बाहर पैसा भेजा जा रहा था। साइबर अपराध और व्यापार तरीके से निपटने के लिए ग्रहण मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संबंध में मंत्रालय ने 1930 हेल्पलाइन और सीपीआर के माध्यम से कोई शिकायतें भी प्राप्त की थी।

    घर बैठे नौकरी-

    यह अपराध नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर रहे थे। जिसमें साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताएं शामिल हैं। इन धोखाधड़ी में अक्सर विदेशी विज्ञापन डाटा कई और कई भाषाओं में घर बैठे नौकरी से पैसे कमाने जैसे कि लालच देकर मेटा जैसे प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट कर देते हैं। इसके बाद बेरोजगार युवा घर बैठे पैसा कमाने के चलते उनके शिकंजे में फंस जाते हैं।

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    रिटर्न का लालच-

    इससे बचने के लिए आपको ज्यादा कमीशन या फिर रिटर्न का लालच देने वाली ऐसी वेबसाइटों पर पैसे लगाने से पहले पूरी तरह से जांच पड़ताल करनी चाहिए। जिसके बाद अगर कोई अनजान व्यक्ति व्हाट्सएप या फिर टेलीग्राम पर आपसे संपर्क करता है और पैसों की लेनदेन करने की बात करता है, तो आपको उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी है।

    यूपीआई एप पर चेक करें-

    आप जिसे भी पैसे दे रहे हों उसका नाम और सभी प्रकार की जरूरी डिटेल जैसे यूपीआई एप पर चेक करें और अगर आपको कुछ भी गलत लग रहा है, तो उसकी चेकिंग किए बिना पैसे ना भेजें। किसी भी अनजान खाते में पैसे कभी नहीं डालने चाहिए। क्योंकि यह मनी लॉन्ड्रिंग या फिर आतंकी प्रोडक्ट से जुदा हो सकता है। इसे पुलिस और कानूनी कार्यवाही के नौबत आ सकती है।

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