Earth Without Human: हमारे ब्रह्मांड में ना जाने कितने ग्रह होंगे हमें इसका अंदाजा भी नहीं है। लेकिन एक चीज जो हमें निश्चित रूप से पता है वह यह है कि पूरे सोलर सिस्टम में पृथ्वी अकेला ऐसा ग्रह है जहां पर जिंदगी मुमकिन है। पर हमारी पृथ्वी की तमाम अनोखी शक्ति को अगर इससे ले लिया जाए यानि कि अगर पृथ्वी में एक भी इंसान ना बच्चे तो क्या होगा। हमें पता है यह सवाल आपके दिमाग में टेंशन ला रहा होगा लेकिन लेने वाली कोई बात नहीं है। क्योंकि हम जो आपके साथ हैं, तो फिर टेंशन किस बात की।
इसलिए आज हम आपके बिना मनुष्य की पृथ्वी का एक ऐसा नजारा दिखाएंगे, जिससे आपका पूरा अंदर का सिस्टम हिल जाएगा। धरती पर लगभग 7 अरब से भी ज्यादा लोग मौजूद हैं और इन सब का एक साथ खत्म हो जाना लगभग नामुमकिन। लेकिन फिर भी हम मान लेते हैं कि एक महामारी के चपेट में आकर धरती से सारे इंसान खत्म हो जाए, तो नजारा कैसा होगा।
इंसानों का खात्मा–
दोस्तों जैसे ही हम इंसानों का खात्मा हो जाएगा, उसके 24 घंटे बाद सबसे पहले पृथ्वी के चक्कर लगाने वाले सैटेलाइट को इसका का पता लगेगा। क्योंकि आमतौर पर रात के समय अमेरिका का 62% यूरोप का 85% और जापान का 98% आसमान रोशन रहता है और यह सब कुछ हम इंसानों द्वारा मेंटेन किया जाता है और अब इन सब को मेंटेन करने के लिए धरती पर कोई इंसान नहीं है तो पूरी पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा और इस बारे में सैटेलाइट को पता चल जाएगा। अब इंसान के खत्म होने के 48 घंटो बाद का नज़ारा और भी अलग तरीके का देखने को मिलेगा।
न्यूक्लियस स्टेशन तापमान-
क्योंकि इस पुरी दुनिया में 435 न्यूक्लियस स्टेशन हैं और इन न्यूक्लियस स्टेशनों को शांत रखने के लिए कूलिंग प्लांट में पानी की जरूरत होती है और पानी को टावर तक चढ़ाने के लिए पंप की जरूरत पड़ती है, उन पंप को चलाने के लिए बिजली की ज़रुरत होगी और इसे ऑन ऑफ करने के लिए इंसान की। पर वह तो अब धरती पर है ही नहीं तो न्यूक्लियस स्टेशन तापमान हद पार कर देगा, जिस कारण से यूरेनियम आग को पकड़ लेता है और उसका रेडिएशन चारों तरफ फैलना शुरू हो जाता है।
इन न्यूक्लियर स्टेशन के आसपास की जमीन सालों के लिए बंजारा बन जाएगी और इसके कई किलोमीटर दूर तक मौजूद जितने भी बाकी जीव, जंतु, बर्ड्स और एनिमल वगैरा होते हैं उनका भी सफाया हो जाएगा। हालांकि पहाड़ों, जंगलों, समुद्र और दूधराज मौजूद क्षेत्र में जितने भी एनिमल्स और बर्ड वगैरा होंगे, उनके साथ-साथ एग्रीकल्चर को भी इसका कोई नुकसान नहीं होगा।
इंसानों के अंत के एक हफ्ते बाद-
अब दोस्तों बात करते हैं कि इंसानों के अंत के एक हफ्ते बाद का नजारा पृथ्वी पर कैसा होगा। जैसे कि हमने आपको इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बारे में नहीं बताया था। वहां पर लोग जिंदा रहेंगे, लेकिन एक हफ्ते बाद भूख से उनकी भी मौत होने लगेगी, क्योंकि उनके पास सिर्फ एख हफ्ते का ही खाना होता है, वह धरती पर वापस भी नहीं आ सकते भूख से उनकी भी मौत हो जाएगी, तो जानवर अपने आप ही धरती पर कब्जा करना शुरू कर देंगे। यहां सबसे पहले यह आपको हर जगह चूहे देखने को मिल जाएंगे हैं जो खाने लायक सभी चीजों को अपना भोजन बना रहे होंगे।
दोस्तों अब हम इंसानों के अंत के एक महीने बाद का नजारा देखते हैं, यह बहुत अनोखा होगा। इस समय वातु साफ हो चुकी होगी। क्योंकि फैक्ट्री में बन रहे सामानों की वजह से वातावरण में प्रदूषण फैलना आटेमेटिकली बंद हो जाएंगा और पृथ्वी वापस से सांस लेने लायक बन जाएगी। हमारे अंत की तीन-चार महीने बाद तो आकाश इतना शुद्ध हो जाएगा कि कई सारे और आकाशीय पिंड जो हम इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन यानी कि औद्योगिक क्रांति के कारण नहीं देख पा रहे थे, उन्हें भी बिना किसी इक्विपमेंट के आंखों से देखा जा सकता है। लेकिन इसे देखने के लिए हम और आप जिंदा ही नहीं रहेंगे।
1 साल बाद का नजारा-
1 साल बाद का नजारा देखें तो इमारतों और घरों वगैराह को मेंटेन करने के लिए हम इंसान तो रहेंगे नहीं, ऐसे में धीरे-धीरे सारे मकान खंडहर में बदलने लगेंगे और हर जगह प्रकृति का कब्ज़ा होगाष ब्रिज वगैरा पर भी यह देखने को मिलेगा। दोस्तों अगर हम 10 साल बाद की बात करें तो सफाई वगैरा तो बिल्कुल होगी नहीं। इसलिए हर जगह प्रकृति अपना कब्जा करना शुरू कर देगी जो जगह आपको चमचमाती देखने को मिलती थी, वहां आपको पेड़ पौधे से लदे खंडहर देखने को मिलेंगे। धीरे-धीरे हर तरफ जंगल बनने शुरू हो जाएंगे। काफी मात्रा में उगने के कारण जंगली प्राणी दिखाई देने शुरू हो जाएंगे, क्योंकि इन्हें खत्म करने वाले हम इंसान ही नही होंगे। जिनकी वजह से यह दिखाई देने शुरू हो जाएंगे और दोस्तों हम इंसानों के न रहने पर समुद्री जीव भी काफी अच्छे से जिंदा रह पा रहे होंगे।
अमेरिका की एक रिपोर्ट-
क्योंकि हम इंसान ही हैं जिनकी वजह से समुद्र में और ज्यादा पॉल्यूशन फैल रहा है। लेकिन दोस्तों हम इंसान केवल गंदगी ही नहीं फैलाते हैं, बल्कि जानवरों को अपना शिकार बनाने में भी देर नहीं लगाते। अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक हम इंसानों ने सारी मछलियों अंत कर दिया, इंसानों के उनका शिकार करने की वजह से ही उनकी प्रजाति खत्म हुई है। दोस्तों हम इंसानों के मरने 100 साल बाद रोड ब्रिज और मकान वगैरा अब पूरी तरह से खत्म हो चुके होंगे। लेकिन अगर हम 500 साल बाद के नजारे की बात करें तो हम इंसानों ने जिन जीवों को पालतू बनाया था, उन्हें काफी समस्याएं होंगी।
वह जंगली जानवरों का भोजन बन जाएंगे और कुछ अपने आप को जीवित रखने के लिए पालतू से खुंखार जानवरों में तब्दील हो जाएंगे। पालतू कुत्ते शिकारी कुत्तों में बदलने लगेंगे। इंसानों मरने के 10000 साल बाद कार्बन डाइऑक्साइड के अंत से अब पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग जैसी परेशानी नहीं होगी और धरती का तापमान औसतन ढाई डिग्री सेल्सियस तक काम हो गया है और इतना तापमान हिम युग के लिए काफी है।
50000 साल बाद-
क्योंकि हम इंसानों द्वारा फैलाए गए प्रदूषण की वजह से यह रुक गया, पर हमारे साथ नॉर्थ पोल में बर्फ की मोटी चादर बिछने लगेगी। यहां तक की समुद्र का पानी भी बर्फ में जमने लगेगा। अब अगर हम इंसानों के अंत के 50000 साल बाद के नजरे पर जरा ध्यान दें तो पूरी काया पलट हो चुकी होगी। क्योंकि न्यूक्लियर पावर का जो कचरा हम इंसानों ने जमीन के अंदर दफनाया था उसके खतरनाक तथ्य समाप्त हो चुके होंगे और किसी समय में जो आधुनिक मानव की एक सभ्यता धरती पर बची थी, वह नष्ट हो चुका होगा। क्योंकि वायरलेस कनेक्शन के खत्म हो जाने से हम इंसानों द्वारा ट्रांसमिट किए गए रेडियो, टेलीविजन और रेडियो के सिग्नल को पार कर चुके होंगे।
जब यह हमारी गैलेक्सी को पार कर रहे होंगे तो बीच में किसी एलियन सभ्यता ने इसे कैच किया तो यह मुमकिन है। क्योंकि हमने आपको अपने वीडियो की शुरुआत में बताया कि हमारे सोलर सिस्टम के बाहर ऐसे बहुत से प्लेनेट मौजूद है और क्या आपको पता है हम इंसानों जैसे ही और जीव किसी दूसरे प्लेनेट पर रहते हैंष जिनके बारे में हमें कोई अंदाजा ही नहीं है और हम उनके लिए किसी एलियन से काम नहीं होंगे। 10 करोड़ साल बाद मानव सभ्यता का स्थान लेने के लिए दूसरे जीव मानव सभ्यता का स्थान लेने के लिए पृथ्वी पर आपस में एक दूसरे से लड़ झगड़ रहे होंगे और इनमें सबसे आगे चिंपांज़ी होंगे।
इंसानों के अस्तित्व के सारे निशान-
क्योंकि चिंपांजी और इंसानों का जेनेटिक ब्लूप्रिंट मिलता है और इनका दिमाग भी काफी तेज होता है। इसीलिए इतने लंबे समय में चिंपांजी पृथ्वी पर अपनी सत्ता जमाकर हम मनुष्यों का स्थान ले ले तो उसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी। क्योंकि इतने लंबे समय में हम इंसानों के अस्तित्व के सारे निशान मिट चुके होंगे। यहां तक की चंद्रमा पर भी इंसानों के पैरों के निशान तरह-तरह की उल्का पिंडों से टकराने की वजह से मिट जाएंगे और हम इंसानों के अस्तित्व के बारे में बताने के लिए सिर्फ एक ही चीज होगी और वह है टाइम कैप्सूल।
दोस्तों बहुत ही ठोस और मजबूत धातु से बनी टाइम कैप्सूल हम इंसानों के बारे में सब कुछ बताएगी। क्योंकि अमेरिका समेत बहुत से विकसित देशों ने अपने इतिहास को इसी तरह के टाइम कैप्सूल में डालकर पृथ्वी के अंदर दफन रखा है। ताकि किसी वजह से हम इंसानों का अस्तित्व मिट जाए तो हमारे बारे में और हमारे युग में चल रहे चीजों के बारे में आने वाले समय में बुद्धिमान जीव समझ सके। लेकिन टाइम कैप्सूल वाला आईडिया भी पूरी तरह से कम काम करेगा यह जरूरी नहीं है।
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टाइम कैप्सूल-
क्योंकि पृथ्वी की दूसरी सतह कभी भी स्थिर नहीं रहती, उस पर लगातार भूचाल आते रहते हैं। जिसकी वजह से धरती की प्लेट हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है। ऐसे में अगर करोड़ों सालों तक चलने वाली इन घटनाओं की वजह से टाइम कैप्सूल पाताल में चल जाए यानि की धरती के बिल्कुल कोर में चला जाए तो जो आने वाले समय में बुद्धिमान जीव होंगे, उन्हें हम इंसानों के अस्तित्व के बारे में कुछ भी पता नहीं चलेगा। ठीक इसी तरह जिस तरह हम और आप निश्चित तौर पर यह नहीं कह सकते कि आज से लाखों करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर कितने जीव रहते थे और वह किस तरह होते थे।
खैर दोस्तों के यह सब तब होगा जब हम इंसान एक साथ अचानक से खत्म हो जाएंगे। लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला और अब इस काल्पनिक वीडियो से निकल जाइए और आपको वीडियो कैसी लगी कमेंट में जरूर बताइए। साथ इस चैनल को सब्सक्राइब और वीडियो को लाइक शेयर करना ना भूलिएगा।
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