PNG vs LPG
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    PNG vs LPG: लगभग हर घर में आज रसोई गैस मौजूद है, खाना पकाने के लिए ज्यादातर घरों में चूल्हे की जगह पर एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। एक समय था जब घरों में खाना पकाने के लिए मिट्टी के चूल्हे बनाए जाते थे। लेकिन अब वह दौर खत्म हो गया है और देश के लगभग हर रसोई में गैस चूल्हा मौजूद है। इसके लिए पीएनजी और एलपीजी गैस का इस्तेमाल होता है। लेकिन लोगों के मन में अक्सर यह बात आती होगी कि आखिर गैस की पाइपलाइन सस्ती पड़ेगी या फिर आपको सिलेंडर लेना सस्ता पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि आपको कौन सी गैस लेनी चाहिए और कौन सी आपको सस्ती पड़ेगी। आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

    एलपीजी के साथ-साथ पीएनजी गैस-

    आजकल रसोई घर में एलपीजी के साथ-साथ पीएनजी गैस का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा अब जो लोग नए घर बनवाते हैं। उसमें से ज्यादातर पीएनजी गैस का कनेक्शन करवा देते हैं। लेकिन बहुत लोग ऐसे भी होते हैं कि जिन्हें भरी हुई सिलेंडर गैस का इस्तेमाल करना आसान लगता है। अगर दोनों ही गैस की कीमत देखी जाए तो उसमें से आपको एलपीजी गैस एलपीजी के मुकाबले में सस्ती पड़ सकती है।

    दोनों की कीमत-

    अगर दोनों की कीमत के बात की जाए तो पहले आपको दोनों की खपत का तरीका बताते हैं। उसके बाद उसके कीमत। अगर आप एलपीजी सिलेंडर खरीदते हैं तो एक सिलेंडर में 14.2 किलोग्राम एलपीजी आती है। 1 किग्रा पीएनजी गैस के 1.556 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर के बराबर होती है। एक किलोग्राम एलपीजी की बात की जाए तो यह करीब आपको 57 से 58 रुपए की पड़ रही है। वहीं अगर क्यूबिक मीटर पीएनजी की बात करें तो यहां पर आपको एक किलो गैस 41 से 42 रुपए में पड़ेगी।

    अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आपके लिए 14.2 ग्राम का एलपीजी सिलेंडर आपको 820 रुपए में मिलता है। वहीं अगर आप पीएनजी गैस का कनेक्शन करवाते हैं, तो इसके लिए आपको दिल्ली में 586 रुपए के आसपास देने होंगे। यानी कि एलपीजी गैस सिलेंडर के मुकाबले में पीएनजी सस्ती होती है। इससे 300 रुपए की बचत होती है।

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    पीएनजी गैस हल्की-

    आपकी जानकारी के लिए बता दें की पीएनजी गैस का इस्तेमाल काफी सुरक्षित भी होता है। वही एलपीजी सिलेंडर में जो गैस आती है उसके दबाव की बात की जाए तो उसमें करीब 4200 मिलीबार प्रेशर लगाया जाता है। वहीं पीएनजी गैस में यह प्रेशर मात्र 21 मिलीबार होता है। वहीं पीएनजी गैस काफी हल्की होती है जो की लीक होने पर हवा में घुल जाती है। वहीं एलपीजी गैस भारी होती है, जिसकी वजह से अगर वह लीक होती है तो उसके आसपास क्षेत्र में दुर्घटना हो सकती है।

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