Union Budget 2025-26
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    Union Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करने वाली हैं। जिसे लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ रही हैं। इस बार के बजट में सैलरीड क्लास के लिए खुशखबरी आने की संभावना है। समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट की मानें, तो सरकार मिडिल क्लास करदाताओं को बढ़ती महंगाई के मद्देनजर राहत प्रदान करने के लिए अलग उपायों पर विचार कर रही है। इस बजट का सबसे प्रमुख प्रस्ताव आयकर स्लैब में बढ़ोतरी करने का है।

    Union Budget 2025-26 टैक्स का बोझ-

    यह कदम छोटे और मध्यम आय वर्ग के लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने में सहायक होगा और इसके साथ ही सरकार का उद्देश्य वित्तीय तनाव को कम करना है। इससे न सिर्फ करदाता को राहत मिलेगी, बल्कि यह घरेलू खर्चों को संतुलित करने में भी मदद करेगा। सरकार आयकर स्लैब में संशोधन के अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने की भी योजना बना रही है।

    ज़्यादा डिडक्शन(Union Budget 2025-26)-

    वर्तमान में बढ़ती महंगाई के मुताबिक, यह कदम करदाताओं को उनके टैक्सेबल इनकम के खिलाफ ज़्यादा डिडक्शन देने का उद्देश्य रखता है, जिससे उनकी कुल टैक्स देनदारियों में कमी आएगी। उम्मीद की जा रही है, कि ये बदलाव छोटे करदाताओं पर कंफर्मिटी का बोझ कम करेंगे, जिससे उनकी टैक्स फाइलिंग की जिम्मेदारियां आसान हो जाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है, कि ये मिडिल क्लास के लिए वित्तीय राहत का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकते हैं, खासकर जब वे महंगाई से जूझ रहे हैं।

    केंद्रीय बजट 2024-

    केंद्रीय बजट 2024 में लागू किए गए नए टैक्स के नियमों के अंतर्गत, 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। वहीं, 3 लाख से 7 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत का टैक्स लागू होता है, जबकि 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाता है।

    पुरानी टैक्स प्रणाली-

    पुराने टैक्स प्रणाली में कई कटौतियां थीं, जैसे कि किसी भी निवेश पर धारा 80C के तहत 1,50,000 रुपये, स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए 50,000 रुपये और होम लोन के ब्याज पर 24(b) के तहत 2,00,000 रुपये तक की कटौती मिलती थी। सीतारमण ने पिछले बजट में सैलरीड व्यक्तियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था।

    सैलरीड क्लास-

    जिससे कई करदाताओं के लिए सालाना टैक्स में 17,500 रुपये तक की बचत हुई। आगामी बजट में इन सुधारों का और विकास होने की उम्मीद है, जो सैलरीड क्लास पर वित्तीय बोझ को और भी कम करेगा।हालांकि, ग्रांट थॉर्नटन के सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 72 प्रतिशत करदाता नए टैक्स विधि को अपनाने के लिए तैयार हैं, ऐसे में प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य टैक्स कंफर्मिटी को सरल बनाना और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।

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    सैलरीड क्लास के लिए बड़ा कदम-

    अब सभी की नजरें 1 फरवरी पर टिकी हैं, जब करदाता इस संभावित बदलाव के लिए बेताब हैं। ये बदलाव केवल करदाताओं को राहत देने के लिए नहीं होंगे, बल्कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यदि ये प्रस्तावित सुधार लागू होते हैं, तो यह निश्चित रूप से सैलरीड क्लास के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा।

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