Rahul Gandhi: शनिवार को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के साथ अपने डिबेट के इनविटेशन को एक्सेप्ट कर लिया, जिसका अनुरोध दो पूर्व न्यायाधीश और एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा भेजा गया था। पूर्व न्यायाधीश मदन लोकपुर, अजीत और वरिष्ठ पत्रकार राम ने एक लेटर लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव पर सार्वजनिक बहस के लिए एक इनविटेशन दिया था। जिससे कि दोनों पक्षों की चुनौतियों का उचित जवाब दिया जा सके, जो एक दूसरे के खिलाफ बड़े खड़े हो गए थे, उन्होंने यह भी कहा कि जनता के लिए यह ज़रुरी है, क्योंकि उन्होंने दोनों ओर से सिफर् चुनौतियां सुनी है और कोई सार्थक प्रतिक्रिया सुनी।
Rahul Gandhi ने कहा यह एक सकारात्मक पहल-
इनविटेशन का जवाब देते हो राहुल गांधी एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि इस तरह की बहस प्रमुख पार्टियों और लोकतंत्र के लिए एक मंच से देश के सामने अपना दृष्टिकोण पेश करने के लिए एक सकारात्मक पहल होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा के इनविटेशन को स्वीकार करती है। देश को यह उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस बात का हिस्सा होंगे, मैंने आपके निमंत्रण पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ चर्चा की है। हम सहमत हैं, इससे लोगों को हमारे संबंधित दृष्टिकोण को समझने में मदद मिलेगी और उन्हें एक सूचित विकल्प चुनने में भी आसानी होगी।
स्वस्थ लोकतंत्र के लिए प्रमुख दलों का एक मंच से अपना विज़न देश के समक्ष रखना एक सकारात्मक पहल होगी।
कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा का निमंत्रण स्वीकार करती है।
देश प्रधानमंत्री जी से भी इस संवाद में हिस्सा लेने की अपेक्षा करता है। pic.twitter.com/YMWWqzBRhE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 11, 2024
Rahul Gandhi बहस में भाग लेने में खुशी-
हमारी संबंधित पार्टियों पर लगाए गए, किसी भी निराधार आरोप को खत्म करना भी महत्वपूर्ण है। राहुल ने अपने पत्र में कहा कि चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियों के रूप में जनता सीधे अपने नेताओं से सुनने की हकदार है या तो मुझे या कांग्रेस अध्यक्ष को इस तरह की बहस में भाग लेने में खुशी होगी। कृपया हमें बताएं कि क्या प्रधानमंत्री इसके लिए सहमत हैं, जिसके बाद हम बहस के विवरण और प्रारूप पर चर्चा कर सकते हैं। आपकी आमंत्रण के लिए एक बार फिर धन्यवाद, मैं एक सार्थक और ऐतिहासिक बहस में भाग लेने के लिए एक्साइटेड हूं। नेताओं को लिखे अपने पत्र में पूर्व न्यायाधीश और पत्रकार ने कहा कि यह बहुत अच्छा होगा।
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एक बड़ी मिसाल कायम-
अगर जनता उनकी प्रतिक्रियाओं को सुने और यही कारण है कि सार्वजनिक बहस न सिर्फ जनता को शिक्षित करके बल्कि राजनिति में भी एक बड़ी मिसाल कायम करेगी। यह एक स्वस्थ और जीवंत लोकतंत्र की सच्ची छवि है, इस उद्देश्य के लिए हमारा मानना है कि गैर पक्ष पूर्ण और गैर वाणिज्यिक मंच पर सार्वजनिक बहस के माध्यम से हमारे राजनीतिक नेताओं से सीधे सुनने से नागरिकों की लाभ होगा। यह आदर्श होगा, अगर जनता न सिर्फ प्रत्येक पक्ष के प्रश्नों को सुने, बल्कि प्रतिक्रियाओं से हमारा मानना मानना है कि इससे लोकतंत्र प्रक्रिया को काफी मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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