Delhi-Dehradun Expressway: NHAI ने जून 2024 के आखिर तक Delhi-Dehradun ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे का पहला खंड खोलने की उम्मीद जताई है। यह Delhi-Dehradun ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के बागपत से अक्षरधाम तक जाएगा। दिल्ली में मौजूद अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना के पहले हिस्से पर 90 से 95% तक काम पूरा हो चुका है। अन्य जगहों का विस्तार किया जा रहा है और अन्य बुनियादी ढांचे पर काम किया चल रहा है।
Delhi-Dehradun Expressway का पहला हिस्सा-
इसके साथ ही कैरिजवे का काम पूरा किया जा चुका है, अधिकारियों का कहना है कि पहला हिस्सा जून के आखिर तक शुरू हो जाएगा। NHAI के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पहले मूल रूप से मार्च तक इसे पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए ग्रेटर रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत निर्माण गतिविधियों पर बैन लगा दिया गया था। जिसकी वजह से इसके बनने में देरी हो गई, यह एक्सप्रेसवे 6 लाइन का होगा।
Delhi-Dehradun Expressway का काम 2025 तक पूरा-
जिसकी लंबाई लगभग 212 किलोमीटर रखी गई है, अधिकारियों के ने इस परियोजना की स्थिति का खुलासा नहीं किया। हालांकि NHAI ने इस साल की शुरुआत में भविष्यवाणी की थी, इस महत्वपूर्ण सड़क का काम 2025 तक पूरा हो जाएगा। 12,000 करोड़ रुपए के हाई स्पीड मार्ग के निर्माण की अनुमति लागत में ऊंचे और जमीनी स्तर दोनों ही शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, देहरादून और दिल्ली के बीच की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह एक बहुत अच्छा कनेक्शन होगा।
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यात्रा के समय में कटौती-
इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर में आधे घंटे रह जाएगा, वर्तमान में दिल्ली से गाजियाबाद, मुजफ्फरपुर, मेरठ, रुड़की और हरिद्वार के भीड़भाड़ वाले इलाकों से गुजरते हुए, देहरादून तक लगभग ढाई सौ किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। इस नए एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद अक्षरधाम से बागपत तक का सफर 31.65 किलोमीटर के दो पैकेट में विभाजित किया गया है। अक्षरधाम से खेड़की तक का खंड और खेड़की से बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल पर जंक्शन का खंड है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद सफर आसान हो जाएगा। इस समय दिल्ली से देहरादून जाने में लगभग 5 घंटे का समय लगता है, लेकिन इसके बन जाने के बाद से यह समय घटकर सिर्फ आधा घंटा रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का पहला हिस्सा जल्द ही तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही पूरे एक्यप्रेसवे का काम साल 2025 तक पूरा हो जाएगा।
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