Gold Reserves
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    Gold Reserve: ओडिशा के जंगलों में छिपा सोने का खजाना अब भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद जगा रहा है। हाल ही में देवगढ़ सहित कई जिलों में मिले सोने के विशाल भंडार ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ऐसे समय में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीतियों और शेयर बाजार की अस्थिरता ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है, यह खबर भारत के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है।

    भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम द्वारा किए गए सर्वे में ओडिशा के सुंदरगढ़, नबरंगपुर, क्योंझर और देवगढ़ जिलों में सोने के भंडार की पुष्टि हुई है। इनमें सबसे अधिक संभावनाएं देवगढ़ जिले में दिखाई दे रही हैं, जहां पहले से ही खुदाई कार्य शुरू कर दिया गया है। ओडिशा सरकार अब गोल्ड माइनिंग ब्लॉक की नीलामी की तैयारियों में जुट गई है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।

    Gold Reserve सोने की खपत में दुनिया का नंबर वन भारत-

    भारत के लोगों का सोने के प्रति प्रेम किसी से छिपा नहीं है। शादी-विवाह से लेकर निवेश तक, हर जगह भारतीयों की पहली पसंद सोना ही रहता है। यह बात आंकड़े भी साबित करते हैं। 2024 में भारत ने 563.4 टन सोने के गहनों की खपत की, जो चीन के 511.4 टन से काफी अधिक है। इस प्रकार भारत सोने की खपत के मामले में दुनिया में नंबर एक स्थान पर पहुंच गया है।

    लेकिन दिलचस्प बात यह है कि भारी मांग के बावजूद, भारत अपनी जरूरत का लगभग 80% सोना विदेशों से आयात करता है। देश में सोने का उत्पादन बहुत कम है, जिससे सोने के आयात पर भारी खर्च होता है और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है। ऐसे में ओडिशा में मिले सोने के भंडार से देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिलने की संभावना है।

    Gold Reserve बढ़ते गोल्ड रिजर्व से मजबूत होती अर्थव्यवस्था-

    किसी भी देश के गोल्ड रिजर्व को उसकी अर्थव्यवस्था की मजबूती का महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है। भारत का गोल्ड रिजर्व लगातार बढ़ रहा है। फरवरी 2025 में भारत का गोल्ड रिजर्व 840.76 टन था, जो 2024 की चौथी तिमाही तक बढ़कर 876.20 टन तक पहुंच गया। हालांकि, दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड रिजर्व वाले देशों की सूची में भारत अभी भी पांचवें स्थान पर है।

    इस सूची में अमेरिका 8,133.46 टन के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद जर्मनी (3,351.53 टन), इटली (2,451.84 टन) और चीन (2,264.32 टन) का नंबर आता है। ओडिशा में मिले नए भंडार से भारत के गोल्ड रिजर्व में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

    Gold Reserve आसमान छू रहे सोने के दाम-

    जैसे-जैसे दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ रही है, सोने के भाव भी नए-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव लगातार 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार बना हुआ है। घरेलू बाजार में, इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत बुधवार को 90,920 रुपये थी, जबकि 22 कैरेट 88,740 रुपये और 20 कैरेट सोना 80,920 रुपये प्रति 10 ग्राम बिक रहा था।

    विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नई टैरिफ नीतियां, वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में तेजी आई है।

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    ओडिशा के खजाने से चमकेगा भारत का भविष्य-

    ओडिशा में मिले सोने के भंडार से न केवल देश का आयात बिल कम होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। खनन क्षेत्र से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी जाएगी। सरकार द्वारा गोल्ड माइनिंग ब्लॉक की नीलामी से राजस्व में भी वृद्धि होगी, जिससे विकास कार्यों को गति मिल सकेगी।

    हालांकि, खनन कार्य शुरू करने से पहले पर्यावरण संबंधी चिंताओं और स्थानीय समुदायों के पुनर्वास जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। सतत विकास के सिद्धांतों का पालन करते हुए इस प्राकृतिक संपदा का दोहन किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसका लाभ उठा सकें। ओडिशा में मिले सोने के भंडार भारत के लिए एक सुनहरा अवसर हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। अब देखना यह है कि सरकार इस प्राकृतिक संपदा का कितना कुशलतापूर्वक उपयोग करती है और इससे आम जनता को कितना लाभ पहुंचता है।

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