Nationwide Mock Drill
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    Nationwide Mock Drill: भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर, भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई, 2025 को एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश जारी किया है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं के तहत लिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

    हालांकि यह अभ्यास एक सिमुलेशन है, परंतु इसके व्यापक स्तर पर आयोजन से जनता के मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, "ऐसे अभ्यास देश की आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को परखने और मजबूत करने का सर्वोत्तम तरीका हैं।"

    Nationwide Mock Drill दिल्ली में विशेष तैयारियां-

    मंगलवार, 6 मई 2025 को दिल्ली के सदर बाजार स्थित बड़ा टूटी चौक में स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों और स्काउट स्वयंसेवकों द्वारा मॉक ड्रिल का पूर्वाभ्यास संपन्न हुआ। इस दौरान बम निरोधक दस्ते, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

    दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के महानिदेशक ने बताया, "भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्र में मॉक ड्रिल का अभ्यास करने से वास्तविक आपात स्थिति से निपटने की हमारी क्षमता का सटीक आकलन होता है। हमने विभिन्न परिदृश्यों पर काम किया है, जिनमें आतंकी हमले, अग्निकांड, और संरचनात्मक विफलता जैसी स्थितियां शामिल हैं।"

    Nationwide Mock Drill CSMT पर RPF ने किया विशेष अभ्यास-

    मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवानों ने अपने स्निफर डॉग्स, मेटल डिटेक्टर्स, और बैगेज स्कैनर सहित अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए गहन अभ्यास किया। इस अभ्यास में संदिग्ध वस्तुओं की पहचान, खाली करवाने की प्रक्रिया, और आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने की विधियों पर विशेष ध्यान दिया गया।

    डॉ. अजय कुमार, पश्चिम रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने बताया, "यात्री सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम रोजाना 30 लाख से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान करते हैं और इस अभ्यास से हमारे प्रतिक्रिया समय में उल्लेखनीय सुधार आएगा। हमारे जवानों को नवीनतम सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित किया जा रहा है।"

    Nationwide Mock Drill सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता-

    जम्मू में स्कूली छात्रों ने गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार मॉक ड्रिल अभ्यास में सक्रिय भागीदारी की। इस दौरान बच्चों को आपात स्थितियों में सुरक्षित निकासी, प्राथमिक चिकित्सा, और आश्रय स्थलों के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

    जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त निदेशक रियाज अहमद ने बताया, "सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण हमारे लिए ऐसे अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमने विशेष रूप से स्कूलों पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि बच्चे और शिक्षक किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित रह सकें।"

    श्रीनगर में, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के जवानों ने डल झील में नौका दुर्घटना जैसी जटिल परिस्थितियों के लिए विशेष अभ्यास किया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, SDRF और सिविल डिफेंस निदेशालय 7 मई को शाम 4:00 बजे संपूर्ण कश्मीर घाटी में एक साथ मॉक ड्रिल का आयोजन करेंगे।

    उत्तर प्रदेश: लखनऊ में अग्नि शमन और बचाव अभ्यास-

    लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन्स में सिविल डिफेंस के कर्मचारियों ने 7 मई को होने वाले अभ्यास की तैयारी के तहत एक विस्तृत पूर्वाभ्यास किया। इस दौरान उन्होंने ऊंची इमारतों से बचाव, अग्निशमन कौशल और संकट संचार प्रणालियों का प्रदर्शन किया।

    उत्तर प्रदेश सिविल डिफेंस के महानिरीक्षक अमरेंद्र सिन्हा ने बताया, "हमने आपातकालीन प्रतिक्रिया समय को 8 मिनट से घटाकर 4.5 मिनट करने का लक्ष्य रखा है। हर सेकंड मायने रखता है और यह अभ्यास हमें वास्तविक परिस्थितियों में अधिक कुशलता से कार्य करने में सहायता करेगा।"

    औद्योगिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान-

    अहमदाबाद में सिविल डिफेंस के कर्मचारी और स्वयंसेवकों ने औद्योगिक क्षेत्रों में संभावित रासायनिक आपदाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण पर बल दिया। नवीनतम आपदा प्रबंधन उपकरणों का प्रयोग करते हुए, टीमों ने विषैले पदार्थों के रिसाव और आग से बचाव जैसी परिस्थितियों पर काम किया।

    गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव पी.के. तनेजा ने कहा, "गुजरात में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थित हैं। हमारा प्रयास है कि हम इन क्षेत्रों में त्वरित और प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित करें। इस मॉक ड्रिल से पता चलेगा कि हमें और कहां सुधार करने की आवश्यकता है।"

    अभ्यास और सतर्कता आवश्यक-

    आपदा प्रबंधन के प्रख्यात विशेषज्ञ प्रोफेसर संतोष कुमार, जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान में कार्यरत हैं, ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "वैश्विक अनुभव बताते हैं कि नियमित अभ्यास और पूर्व-तैयारी जीवन बचाते हैं। यह अभ्यास हमारे आपदा प्रबंधन तंत्र के मजबूत और कमजोर पक्षों की पहचान करने में सहायक होगा।"

    भारतीय सेना के पूर्व मेजर जनरल अशोक मेहता ने इस संदर्भ में बताया, "वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, ऐसे अभ्यास न केवल हमारी तैयारियों को मापने के लिए बल्कि अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यह रणनीतिक दृष्टि से एक सकारात्मक कदम है।"

    जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता-

    इस राष्ट्रव्यापी अभ्यास के बारे में विभिन्न क्षेत्रों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। दिल्ली के सरिता विहार निवासी 42 वर्षीय सुरेश गुप्ता, जो एक IT प्रोफेशनल हैं, ने कहा, "ऐसे अभ्यास जरूरी हैं, लेकिन इसके बारे में अधिक जागरूकता फैलाई जानी चाहिए। मुझे अभी तक पूरी जानकारी नहीं है कि मुझे क्या करना है और कहां जाना है।"

    मुंबई की 35 वर्षीय स्कूल शिक्षिका अंजलि पाटिल ने अपनी राय साझा करते हुए कहा, "मेरे स्कूल में हम बच्चों को आपात स्थितियों के लिए तैयार कर रहे हैं। यह अच्छी पहल है, लेकिन इसे नियमित अंतराल पर किया जाना चाहिए, न कि केवल तनाव के समय।"

    सरकारी दृष्टिकोण-

    गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह अभ्यास एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। हमारा उद्देश्य न केवल आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तत्परता बढ़ाना है, बल्कि नागरिकों को भी ऐसी परिस्थितियों में सुरक्षित रहने के तरीके सिखाना है।"

    उन्होंने आगे बताया, "सभी राज्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस अभ्यास में विभिन्न परिदृश्यों को शामिल किया गया है, जिसमें प्राकृतिक आपदाएं, मानव निर्मित संकट और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित खतरे शामिल हैं।"

    7 मई को क्या होगा?

    7 मई को देश भर में अलग-अलग समय पर यह मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। कई स्थानों पर यह अभ्यास दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच होगा। इस दौरान सायरन बजेंगे, आपातकालीन संचार प्रणालियों का परीक्षण किया जाएगा, और निकासी अभ्यास आयोजित किए जाएंगे।

    नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस अभ्यास के दौरान शांत रहें और स्थानीय प्राधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक अभ्यास है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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    क्या आप तैयार हैं?

    विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्रत्येक परिवार को एक आपातकालीन योजना बनानी चाहिए, जिसमें निम्नलिखित बातें शामिल हों:

    • आपातकालीन संपर्क नंबर
    • निकासी मार्ग और मिलने के स्थान
    • प्राथमिक चिकित्सा किट और आवश्यक दवाइयां
    • पीने के पानी और गैर-खराब होने वाले खाद्य पदार्थों का भंडार
    • आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां

    इस राष्ट्रव्यापी अभ्यास के माध्यम से न केवल सरकारी एजेंसियां बल्कि नागरिक भी आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे, जो वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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