Mumbai Temple Controversy
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    Mumbai Temple Controversy: मुंबई के एक मंदिर में रविवार को एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने न सिर्फ भक्तों को हैरान कर दिया, बल्कि पूरे शहर में सनसनी फैल गई। चेंबूर के एक मंदिर में जब श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, तो उन्हें देवी काली माता की मूर्ति को Mother Mary के वेश में सजा हुआ देखकर सदमा लगा। यह देखकर भक्त स्तब्ध रह गए, कि हिंदू देवी की प्रतिमा को ईसाई धर्म की मदर मैरी जैसे परिधान में क्यों सजाया गया है। इस अजीब और आपत्तिजनक बदलाव को देखते ही स्थानीय भक्तों ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी।

    मंगलवार को RCF पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया, कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है, कि चेंबूर स्थित इस मंदिर में काली माता की मूर्ति को Mother Mary की तरह सजाया गया था। यह घटना रविवार की है, जब मंदिर में दर्शन के लिए आए भक्तों ने देवी की मूर्ति को यीशु मसीह की माता के समान वस्त्रों में देखा। भक्तों ने इस बदलाव को लेकर गंभीर आपत्ति जताई और स्थानीय पुलिस से संपर्क कर देवता के परिधान में हुए इस बदलाव के बारे में शिकायत दर्ज कराई।

    पुजारी ने सपने का दिया बहाना-

    जब भक्तों ने मंदिर के पुजारी से इस बारे में सवाल किया, तो उनका जवाब और भी चौंकाने वाला था। रमेश नाम के इस पुजारी ने दावा किया कि हिंदू देवी काली माता उनके सपने में आईं और उन्हें निर्देश दिया, कि उन्हें “Mother Mary के रूप में सजाया जाए।” पुजारी के इस अजीबोगरीब दावे से भक्त संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली घटना बताया। पुजारी का यह स्पष्टीकरण न तो तर्कसंगत था और न ही किसी धार्मिक परंपरा के अनुरूप, जिससे मामला और गंभीर हो गया।

    पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत पुजारी रमेश के खिलाफ केस रजिस्टर कर लिया। आरोप है, कि उसने किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह एक संवेदनशील मामला है और इसे बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह की गतिविधियां समाज में तनाव और असंतोष पैदा कर सकती हैं, इसलिए पुलिस ने फौरन एक्शन लिया।

    पुजारी गिरफ्तार-

    पुलिस ने पुजारी रमेश को गिरफ्तार कर लिया और उसे स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुजारी को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है, कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, कि क्या इस घटना के पीछे कोई संगठित मकसद था या फिर यह पुजारी की व्यक्तिगत हरकत थी। साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है, कि क्या इस घटना में किसी और व्यक्ति की संलिप्तता है या नहीं।

    एक पुलिस अधिकारी ने बताया, कि वे सभी संभावित एंगल्स की जांच कर रहे हैं। क्या यह सिर्फ एक व्यक्ति की धार्मिक अज्ञानता थी या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है, यह पूरी तरह से स्पष्ट होने में अभी वक्त लगेगा। पुलिस ने मंदिर के अन्य स्टाफ मेंबर्स से भी पूछताछ शुरू कर दी है और CCTV फुटेज की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके, कि इस घटना को अंजाम देने में और कौन-कौन शामिल था।

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    सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो-

    इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। लोगों ने इस घटना को लेकर गुस्सा जताया है और कहा है, कि धार्मिक स्थलों पर इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। कई यूजर्स ने पुलिस की तत्परता की तारीफ की और कहा कि जो भी इस घटना के पीछे है, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। वहीं कुछ लोगों ने सवाल उठाया, कि आखिर कैसे किसी पुजारी को यह सूझा कि वह हिंदू देवी की मूर्ति को किसी दूसरे धर्म के प्रतीक के रूप में सजाए। यह घटना न सिर्फ धार्मिक असंवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करती है, कि मंदिरों में नियुक्त पुजारियों की स्क्रीनिंग कैसे होनी चाहिए।

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