Wedding Canceled: शादियों का सीजन अपने चरम पर है। इन दिनों हर तरफ बारातों की रौनक, मेहंदी की महक और संगीत की धुनें सुनाई दे रही हैं। घरों में खुशियां बिखरी हुई हैं और परिवार अपने बच्चों की शादी की तैयारियों में जुटे हुए हैं। लेकिन सोमवार को उत्तर प्रदेश और बिहार से दो ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने सभी को हैरान कर दिया। दोनों जगहों पर शादी की सारी रस्में हो चुकी थीं, बारात दरवाजे पर आ चुकी थी, लेकिन अचानक ऐसा कुछ हुआ, कि दूल्हे की बारात बिना दुल्हन के वापस लौटनी पड़ी।
वाराणसी में दहेज की मांग ने बिगाड़ दी शादी-
पहली घटना उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के भोजबीर इलाके में हुई। रविवार की रात शादी के मंडप पर जब सभी लोग खुशी से झूम रहे थे, तभी दुल्हन ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया। जानकारी के मुताबिक, दुल्हन लड़के वाले की तरफ से लगातार की जा रही दहेज की मांग से तंग आ चुकी थी। शादी की तैयारियों के दौरान ही दूल्हे के परिवार ने कई बार पैसों की डिमांड रखी थी।
दुल्हन के पिता ने अपनी बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिए कर्ज तक लिया था। घर की सजावट से लेकर बारात की व्यवस्था तक सब कुछ बड़ी धूमधाम से किया गया था। लेकिन मंडप पर पहुंचने के बाद दूल्हे की मां ने दहेज के पच्चीस हजार रुपए बकाया होने पर हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने दुल्हन के पिता का अपमान किया और अपने बेटे को स्टेज से उतार लिया।
बेटी ने दिखाया साहस शादी से किया इनकार-
जब दूल्हे की मां ने बीच मंडप में पैसों के लिए बवाल मचाया और दुल्हन के पिता का अपमान किया, तो दुल्हन से यह सब देखा नहीं गया। उसने तय कर लिया, कि वह ऐसे परिवार में जाकर अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करेगी। उसने बड़े साहस के साथ शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया और दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई।
जब मामला बिगड़ता देख पुलिस को बुलाया गया, तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। पुलिस ने दूल्हे को हिरासत में ले लिया और दहेज मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह घटना एक बार फिर दहेज प्रथा की बुराई को सामने लाती है, जो आज भी कई परिवारों को तोड़ रही है।
बिहार में शारीरिक स्थिति छुपाने का मामला-
दूसरी घटना बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के सहोदरा थाना क्षेत्र से सामने आई। यहां एक बीपीएससी शिक्षक की बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गई। इस मामले में दूल्हा अपनी शारीरिक स्थिति छुपाकर आया था, जिसे जानने के बाद दुल्हन ने शादी से साफ इनकार कर दिया। दुल्हन ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया, कि वह इस दूल्हे से शादी नहीं करेगी और अगर उस पर जबरदस्ती की गई तो वह आत्महत्या कर लेगी।
यहां तो बाराती खाना भी खा रहे थे और जयमाला की रस्म के लिए दूल्हा और दुल्हन स्टेज पर बैठ चुके थे। लेकिन द्वारपूजा के समय जब दुल्हन और दूल्हा आमने-सामने आए, तो दुल्हन को कुछ अजीब लगा। महिलाओं के बीच कानाफूसी शुरू हो गई और दुल्हन ने ध्यान से दूल्हे को देखा।
दूल्हे ने चश्मे से छुपाई थी असलियत-
जानकारी के अनुसार, दूल्हा एक आंख से दिव्यांग था और उसकी मानसिक स्थिति को लेकर भी संदेह था। लेकिन दूल्हे ने काला चश्मा पहनकर अपनी इस कमी को छुपाया हुआ था। जैसे ही दुल्हन की नजर उसकी असलियत पर पड़ी, उसने तुरंत शादी से इनकार कर दिया। उसने साफ कह दिया, कि किसी भी हालत में वह यह विवाह नहीं करेगी।
दुल्हन के इस फैसले के बाद दोनों पक्षों में तीखी बहस छिड़ गई। हाथापाई की भी नौबत आ गई। बाराती जो खाना खा रहे थे, उन्होंने अपनी थालियां रख दीं। पूरे गांव में हड़कंप मच गया और माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। लोग समझ नहीं पा रहे थे, कि अब क्या होगा।
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घंटों की पंचायत के बाद बनी बात-
जब मामला हाथ से बाहर होता दिखा, तो स्थानीय पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। गांव के बुजुर्गों और पुलिस की मौजूदगी में घंटों तक पंचायत चली। दुल्हन के भाई ने भी अपनी बहन का साथ दिया और साफ चेतावनी दे दी, कि अगर ज्यादा दबाव बनाया गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।अंततः लंबी बातचीत के बाद मामले का कोई हल नहीं निकला और बारात को बिना दुल्हन के वापस लौटना पड़ा।
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